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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण धड़ल्ले से चलता है और इसकी आड़ में निगम में बैठे अधिकारी और नेता जमकर भ्रष्टाचार करते हैं और पैसा कमाते हैं, जब ये मुद्दा बुधवार को आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सदन में उठाया तो मेयर के पास इसका कोई जवाब नहीं था। हंगामे के चलते सदन को दो बार स्थगित भी किया गया लेकिन सदन में उठे सवालों का जवाब ना तो मेयर के पास ही था और ना ही निगम की सत्ता में पिछले 10 साल से राज कर रही बीजेपी के ही पास उनका जवाब था।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के पार्षद और नेता विपक्ष रमेश मटियाला ने निगम से जब अवैध निर्माण से जुड़ी और कुछ अन्य जानकारियां भी मांगी तो निगम के बिल्डिंग डिपार्टमेंट का जवाब हैरान करने वाला था। पूछे गए सवालों में से निगम के पास ज्यादातर सवालों का जवाब था ही नहीं। मसलन….

  • अगर निगम के बिल्डिंग डिपार्टमेंट ने किसी प्रॉपर्टी को सील किया तो क्या बाद में उस प्रॉपर्टी को डी-सील किया गया?
  • और अगर उक्त प्रॉपर्टी को डी-सील किया गया तो क्यों किया गया?
  • जिन प्रॉपर्टीज़ को डेमोलिश किया गया था वहां बाद में कोई बिल्डिंग बनी कि नहीं बनी?
  • जिन प्रॉपर्टीज़ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उसके पीछे क्या कारण रहा?

ऐसे ही बहुत सारे प्रश्नों का जवाब एसडीएमसी के बिल्डिंग डिपार्टमेंट के पास था ही नहीं जो उन्होंने लिखित में नेता विपक्ष को दिया है। यह बड़े हैरान करने वाली बात है कि निगम के बिल्डिंग डिपार्टमेंट के पास उसके क्षेत्र की बिल्डिंग से जुड़ी ही जानकारी नहीं है।

आम आदमी पार्टी का मानना है कि ‘निगम के इस निकम्मेपन का कारण निगम में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार है, और यह भ्रष्टाचार नेताओं की पहली कतार से लेकर अफ़सरों और कर्मचारियों की निचली कतार तक जड़ें जमाए बैठा है। निगम में पिछले 10 साल से लगातार राज कर रही बीजेपी के पार्षदों ने बड़े-बड़े बंगले और फॉर्महाउस खरीद लिए, महंगी-महंगी गाड़ियों में बीजेपी के निगम के नेता चलते हैं, इसमें इनके पूर्व पार्षद भी शामिल हैं और वर्तमान पार्षद भी और यह अकूत सम्पंति इसी भ्रष्टाचार की पाइपलाइन से आई है जिसका मेन कनेक्शन नगर निगम के भ्रष्ट विभागों में है।

आम आदमी पार्टी के पार्षद और एसडीएमसी में नेता विपक्ष रमेश मटियाला ने निगम से कुछ सवाल पूछे थे जिनका जवाब या तो अधूरा आया और कुछ सवालों का तो जवाब ही नहीं आया। निगम द्वारा ही दिए गए जवाबों के आधार पर जब सदन में आवाज़ उठाई गई तो बीजेपी के नेता निगम की कार्यवाही स्थगित कराके भाग खड़े हुए। निगम के बिल्डिंग विभाग ने जो आधी-अधूरी जानकारी नेता विपक्ष को दी थी उसी जानकारी के कुछ आंकड़ें हम इस प्रेस विज्ञप्ति के साथ भेज रहे हैं। ये आंकड़े दक्षिणी नगर निगम के चारों ज़ोन के आंकड़े हैं।

निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पिछले चार साल में निगम ने अपने चारों ज़ोन में कुल 13772 प्रॉपर्टी को आरोपित किया था, जिनमें से 6568 प्रापर्टी को डेमोलिश किया था, 2134 को सील किया था और 5070 पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

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sudhir