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नई दिल्ली, 23 मार्च 2024

दिल्ली शराब घोटाले के करीब 60 करोड़ रुपए का मनी ट्रेल भाजपा के खाते में मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की गिरफ्तारी की मांग की है। ‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक होते ही भाजपा और शराब कारोबारी शरत रेड्डी के बीच मनी ट्रेल का लिंक देश की जनता के सामने आ गया है। दिल्ली शराब मामले में गिरफ्तारी से पहले शरत रेड्डी ने भाजपा को 4.5 करोड़ दिए थे और गिरफ्तारी के बाद 55 करोड़ रुपए दिए। पार्टी का कहना है कि ईडी की तरफ से मुख्य साजिशकर्ता बनाया गया शरत रेड्डी का पूर्व में बयान था कि वह अरविंद केजरीवाल को नहीं जानता है। लेकिन जमानता मिलते ही शरत रेड्डी पलट गया और सरकारी गवाह बन गया। अब उसी शरत रेड्डी ने बयान के आधार पर सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है। आतिशी ने पीएम नरेंद्र मोदी और ईडी को चुनौती देते हुए कहा कि शराब घोटाले में अब मनी ट्रेल मिल गया है। इसलिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

दो साल की जांच में ‘‘आप’’ के किसी भी नेता, मंत्री या कार्यकर्ता से एक भी रुपए का मनी ट्रेल नहीं मिला- आतिशी

आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी, सौरभ भारद्वाज, जस्मीन शाह और मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने पार्टी मुख्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता कर तथाकथित शराब घोटाले मामले में भाजपा की साजिश का पर्दाफाश किया। आतिशी ने कहा कि दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाले में दो साल से सीबीआई-ईडी की जांच चल रही है। इस मामले में चाहे लोअर कोर्ट हो, हाईकोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट हो, एक सवाल बार-बार उठा है कि मनी ट्रेल कहा है? अगर घोटाला हुआ तो पैसा कहां गया? इस केस में कहा गया कि इससे शराब कारोबारियों को बहुत मुनाफ़ा हुआ। अगर मुनाफ़ा हुआ तो उन्होंने किसको रिश्वत दी? उन्होंने कहा कि दो साल की जांच, सैकड़ों रेड और हज़ारों लोगों से पूछताछ करने के बाद आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता, किसी भी मंत्री, किसी भी कार्यकर्ता से एक भी रुपए के प्रोसीड ऑफ़ क्राइम की रिकवरी नहीं हुई। आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता, किसी भी मंत्री, किसी भी कार्यकर्ता से एक भी रुपये का मनी ट्रेल नहीं मिला। बार-बार सुप्रीम कोर्ट ने भी यह सवाल पूछा और अपने आदेश में भी लिखा कि मनी ट्रेल कहा है?

बयान बदलने के कुछ दिन बाद शरत चंद्र रेड्डी को जमानत मिल गई- आतिशी

‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल को 2 दिन पहले इस तथाकथित शराब घोटाले के तहत गिरफ़्तार किया गया। अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी सिर्फ एक आदमी के बयान के आधार पर हुई है, जिसका नाम शरत चंद रेड्डी है। शरत चंद्र रेड्डी अरबिन्दो फ़ार्मा नाम के एक बहुत बड़ी दवाई कंपनी के मालिक हैं। इनके पास कई और कंपनियां भी हैं, जिसमें से दो प्रमुख कंपनियां एपीएल हेल्थ केयर और यूजीआ फ़ार्मा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में शरत चंद्र रेड्डी को कुछ ज़ोन मिले। इन्हें 9 नवंबर 2022 को पूछताछ के लिए बुलाया गया और इन्होंने साफ़-साफ़ बोला कि वो न तो अरविंद केजरीवाल को जानते हैं, न उनसे मिले हैं और न ही आम आदमी पार्टी से उनका कोई लेनदेन है। इस बयान के अगले दिन ही शरत चंद्र रेड्डी को ईडी द्वारा गिरफ़्तार कर लिया गया। कई महीने जेल में रहने के बाद एक दिन इन्होंने अपना बयान बदला और कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल से मिला भी और शराब घोटाले पर उनसे बात भी हुई। यह बयान के देने के कुछ समय बाद ही शरत चंद रेड्डी को बेल मिल जाती है। लेकिन ये सिर्फ़ बयान है। पैसा कहा है? मनी ट्रेल कहा है? क्योंकि बीजेपी और उनका राजनैतिक हथियार ईडी तो बार-बार यह कह रहे है कि शराब घोटाले में पैसा बना और शराब कारोबारियों ने इस पैसे को रिश्वत के तौर पर दिया।

शरत रेड्डी की कंपनियों से भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में मिला पैसा ही मनी ट्रेल है- आतिशी

आतिशी ने मनी ट्रेल का खुलासा करते हुए कहा कि शरत चंद्र रेड्डी की कंपनियों द्वारा भाजपा को इलेक्टोरल बाँड्स के रूप में दिया गया ही पैसा मनी ट्रेल है। आज ये मनी ट्रेल पूरे देश के सामने आ गया है कि अरविन्दो फ़ार्मा के मलिक व शराब कारोबारी शरत चंद्र रेड्डी ने एक्साइज पॉलिसी के बनने के दौरान ही 4.5 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बांड्स भाजपा को दिए थे। उसके बाद गिरफ़्तार होने के बाद भाजपा को 55 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बांड्स और दिए। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से जिस मनी ट्रेल की बात हो रही थी, आज वो मनी ट्रेल सामने आ गई है कि आखि़रकार शराब के कारोबारियों ने पैसा किसको दिया, पैसा कहां और कब गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईडी को चुनौती देते हुए कहा कि आज शराब घोटाले की मनी ट्रेल मिल गई है। सारा पैसा भाजपा के बैंक अकाउंट में गया है। इसलिए अब ईडी भाजपा को आरोपी बनाए और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा को गिरफ़्तार करे। क्योंकि अब पहली बार एक्साइज पॉलिसी के मामले में आधिकारिक मनी ट्रेल सामने आ गया है और ये मनी ट्रेल सीधा शराब के कारोबारियों से भाजपा के बैंक अकाउंट में गया है।

भाजपा ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी बाहर आने से रोकने की पूरी कोशिश की- सौरभ भारद्वाज

इस दौरान ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब से इलेक्टोरल बांड के बारे में सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई। सभी जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी, केंद्र सरकार, एसबीआई, इलेक्शन कमीशन पूरी कोशिश कर रहे थे कि इलेक्टोरल बॉन्ड किस कंपनी ने किस पार्टी को दिया, इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट न करें और यह जानकारी बाहर न आए। मगर जब से इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी बाहर आई है, बहुत गंभीर सवाल भारतीय जनता पार्टी पर उठते हैं। कहा गया कि अरबिंदों फार्मा और उसके डायरेक्टर मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग करने का मतलब भ्रष्टाचार कर रहे हैं। ईडी कह रही है कि वो भ्रष्टाचार कर रहे हैं। जो कंपनी और आदमी मनी लॉन्ड्रिंग कर रही है, केंद्र सरकार की एजेंसी ईडी उसके उपर छापा मार रही है, ईडी उसको गिरफ्तार कर रही है और वही कंपनी भाजपा को चंदा दे रही है। अरबिंदो फार्मा से कुल 59.5 करोड़ रुपए का चंदा भारतीय जनता पार्टी ने लिया है। अरबिदों फार्मा के अकाउंट से भाजपा के अकाउंट में पैसा आया है और इसका सबूत है।

नई शराब नीति को वापस लेने के बाद शरत रेड्डी की कंपनियां एजेंसियों की रडार पर आई- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नवंबर 2021 में शराब पॉलिसी आई। इस पॉलिसी के अंदर ईडी का आरोप है कि शरत चंद्र रेड्डी और उनसे संबंधित कंपनियों को दिल्ली में लीकर वेंड्स के 5 जोन मिले। जब यह पॉलिसी चल रही थी, इसी दौरान 5 जनवरी 2022 को अरबिंदो फार्मा ने 3 करोड़ की बॉन्ड खरीदे और कुछ दिन बाद भाजपा ने इस बॉन्ड को इन-कैश करा लिया। इसका सबूत भी सामने आ गया है कि भाजपा ने अरबिंदो फार्मा से यह पैसा ले लिया है। इसके बाद जुलाई 2022 में अरबिंदो फार्मा ने 1.5 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे और जुलाई 2022 में ही भाजपा ने इस बॉन्ड को इन-कैश करा लिया। अभी तक अरबिदों फार्मा के ऊपर कोई मुकदमा नहीं चला है। जुलाई 2022 में ही दिल्ली सरकार ने शराब पॉलिसी को वापस ले लिया। इसी दौरान सीबीआई का मुकदमा दर्ज हो गया कि यह कंपनियां रडार पर हैं। इनके ऊपर जांच चल रही है।

एक साल पहले ईडी ने शरत चंद्र रेड्डी को शराब घोटाले का किंगपिन और सबसे बड़ा लाभार्थी बताया था- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 9 नवंबर को 2022 को ईडी ने शरद चंद्र रेड्डी पूछताछ के लिए बुलाया। शरत चंद रेड्डी ने बयान दर्ज कराते हुए कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल से कभी नहीं मिला और पैसे का कोई लेन-देनs नहीं है। इसके अगले दिन 10 नवंबर 2022 को शरद चंद्र रेड्डी को ईडी गिरफ्तार कर लेती है। हैरानी के बात यह है कि शरत चंद रेड्डी की गिरफ्तारी के दौरान 15 नवंबर 2022 को अरबिंदो फार्मा 5 करोड रुपए के बांड खरीद कर भाजपा को देती है। कंपनी का डायरेक्टर शरत चंद रेड्डी पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में हैं और कंपनी उसके पिता है और भाजपा ने 5 करोड रुपए का बॉन्ड उस कंपनी से अपने एकाउंट में ले लिए। इसके बाद 6 जनवरी 2023 को शरत चंद रेड्डी से दोबारा से पूछताछ की गई और चार्टशीट दायर की गई। ईडी ने कहा कि शरत चंद्र रेड्डी शराब घोटाले का किंगपिन और सबसे बड़ा लाभार्थी हैं। जैसे ईडी अरविंद केजरीवाल को बता रही है कि वो किंगपिन भी हैं और लाभार्थी भी हैं, वैसे ही एक साल पहले शरत चंद रेड्डी किंगपिन और सबसे बड़े लाभार्थी थे।

शरत रेड्डी ने जमानत याचिका में आरोप लगाया है कि ईडी उस पर झूठा बयान देने का दबाव बना रही है- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जनवरी 2023 में जब शरत चंद रेड्डी की बेल की सुनवाई हुई, तब उन्होंने ईडी पर आरोप लगाया कि ईडी के लोग उनके ऊपर बल का इस्तेमाल कर उनसे झूठा बयान लेना चाहते हैं और उनके कर्मचारियों को भी डराया-धमकाया जा रहा है। 20 जनवरी 2023 को शरद चंद्र रेड्‍डी की बेल एप्लिेकेशन के अंदर यह स्टेटमेंट है कि ईडी मुझ पर दबाव डाल रही है। रेड्डी छह महीने तक जेल में ही रहते हैं। करीब 6 महीने बाद अप्रैल 2023 में शरद चंद्र रेड्डी बयान देते हैं कि मैंने 100 करोड रुपए दिए। उसके बाद मई में यह मामला हाईकोर्ट जाता है। ईडी जो उनसे बुलवाना चाहती थी, आखिरकार उन्होंने वो कह दी। मई 2023 में उनकी जमानत की याचिका हाईकोर्ट में लगी। याचिका में कहा गया कि मेरी पीठ में बहुत दर्द हो रहा है। ईडी ने भी कहा कि रेड्डी की पीठ में दर्द है और इनको जमानत दे दी जाए। हमारे यहां पीठ दर्द से किसी को ऑफिस से छुट्टी नहीं मिलती, लेकिन ईडी ने 8 मई 2023 को रेड्डी को पीठ में दर्द होने पर जमानत दे दी। इसके करीब एक महीने के अंदर 2 जून 2023 को कहा गया कि शरत चंद रेड्डी सरकारी गवाह बन गए हैं। मतलब सरकारी की शरण में आ गए।

अगर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक नहीं होती तो भाजपा को चंदा देने का मामला बाहर नहीं आता- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जून 2023 में शरद चंद रेड्डी सरकारी गवाह बन जाते हैं। जब सरकार को पता है कि रेड्डी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी है और इसने तथाकथित तौर पर 100 करोड रुपए की रिश्वत दी, रेड्डी जेल में थे। इसके बाद भी नवंबर 2023 में शरत चंद रेड्डी की तीन कंपनियों अरबिदों फार्मा और उसकी दो सब्सिडियरी से 50 करोड़ रुपए भाजपा ने लिया। 50 करोड रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड भाजपा ने शरद चंद्र रेड्डी की कंपनियों के लिए। यह सारा मामला छिपा हुआ था। किसी को पता नहीं चल रहा था कि किससे कौन क्या ले रहा है, यह किसी को बताना नहीं था, क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड्स को लेकर कानून बना दिया गया था। इसके तहत कौन सी कंपनी किस पार्टी को पैसा दे रही है, यह किसी को नहीं बताया जाएगा। वह तो सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार से जबरदस्ती यह लिस्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डलवाई।

भाजपा का कहना है कि पैसा किसी पार्टी के पास गया है तो वो भी आरोपी है, ऐसे में भाजपा को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 21 मार्च 2024 को इलेक्टोरल बॉन्ड्स से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डाली जाती है और उसी दिन शाम करीब 7 बजे ईडी सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचती है और 9 बजे वो गिरफ्तार कर लिए जाते हैं। आज इस देश में यह चल रहा है। क्यों चल रहा है, यह सब समझते हैं। क्योंकि 21 मार्चs 2024 को बीजेपी की पोल खुल गई। अब यह तो भाजपा वाले ही इतने दिनों से हमें यह पाठ पढ़ा रहे हैं कि अगर पैसा पॉलीटिकल पार्टी के पास आ जाए तो वो भी आरोपी बनती है। भारतीय जनता पार्टी के सारे प्रवक्ता हमें एक साल से यह बात समझा रहे हैं। 59.5 करोड़ रुपए शरत चंद रेड्डी की कंपनियों से भाजपा को मिला है। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने बताया है और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पड़ा है। जब शरत रेड्डी आरोपी बन गया था और भाजपा की केंद्र सरकार को पता चल गया था कि रेड्डी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी है। इसके बाद भी भाजपा ने शरत चंद रेड्डी से 55 करोड़ रुपए ले लिया। चूंकि मनी ट्रेल और प्रोसिड ऑफ क्राइम सीधे तौर पर भाजपा में पहुंच रहा है। इसलिए भाजपा को इस शराब मामले में आरोपी बनाना चाहिए और जिस तरह से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया, उसी तरह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी गिरफ्तार किया जाए।

शरत चंद्र रेड्डी ने सारा पैसा आम आदमी पार्टी को दिया होता तो आज हमारे सारे नेता जेल में होते- जस्मीन शाह

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि आज जो गंभीर सबूत देश के की जनता के सामने आया है, इससे यह साबित हो गया है कि शायद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक घोटाला भाजपा ने किया है। इतना खुलेआम, इतनाs ओपन एंड शट केस ऑफ पोलिटिकल करप्शन शायद ही भारत के इतिहास में कभी साबित हुआ होगा, जो आज आम आदमी पार्टी ने किया है। भाजपा पिछले 2 सालों से कहती आ रही है कि यह तो कानून के हिसाब से सब कुछ हो रहा है और आम आदमी पार्टी को भी कानून के हिसाब से चलना चाहिए। देश की जनता अपने मन से केवल एक सवाल पूछे कि अगर यह सारा पैसा शरद चंद्र रेड्डी ने आम आदमी पार्टी को दिया होता, क्याs आज आम आदमी पार्टी के सारे नेता जेल के अंदर होते या बाहर होते। अगर यही प्रमाण आम आदमी पार्टी पर लागू होता है तो भाजपा के साथ क्यों नहीं होना चाहिए। खुलेआम लूट हो रही है।

भाजपा ने पहले ईडी के जरिए शरत रेड्डी को पकड़ा, फिर सरकारी गवाह बनवाया और उससे 59.5 करोड़ की वसूली की- जस्मीन शाह

उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक साजिश नहीं है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं को अंदर करें। यहां पर यह एक तीर से दो निशाने किए जा रहे हैं। भाजपा ने सबसे पहले शरत चंद्र रेड्डी को ईडी के माध्यम से पकड़ा। ईडी की चार्जशीट खुद कहती है कि कथित शराब घोटाले के शरद चंद्र रेड्डी सबसे बड़े किंगपिन हैं। कुछ ही महीने में इस मामले का सबसे बड़ा किंगपिन शरत चंद्र रेड्डी सरकारी गवाह बन जाता है और उसके चंद महीनो बाद में तकरीबन 60 करोड रुपए की वसूली हुई। इसका मतलब साफ है कि भाजपा का स्टार डोनर भी वही शरद चंद्र रेड्डी बन जाता है। यह सबसे महत्वपूर्ण है।

भागवान की कृपा से भाजपा का पाप आज देश के सामने आ चुका है- जस्मीन शाह

उन्होंने कहा कि भाजपा को कभी भी यह संदेह नहीं था कि यह चीज बाहर आएगी और यह बाहर नहीं आने वाली थी। यह तो सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से सबको पता लगा कि क्या हुआ है। सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा नहीं बीजेपी तक पहुंचा, बल्कि इस मनी लॉन्ड्रिंग के ट्रेल को छिपाने के लिए भी बहुत कुछ किया गया। एसबीआई भाजपा के पीछे खड़ी हो गई। देश का फाइनेंस सेक्रेट्री, फाइनेंस मिनिस्टर, फाइनेंस डिपार्मेंट, आरबीआई, चुनाव आयोग समेत तमाम एजेंसियां भाजपा के पीछे खड़ी हो गई कि नहीं हम इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा बाहर नहीं आने देंगे। लेकिन भगवान की कृपा से भाजपा का यह पाप आज देश के सामने आ गया। आज देश के सामने भाजपा बेनकाब हो गई है कि कैसे केवल आपने फर्जी मुकदमे में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया और जिस मुख्य गवाह के बयान के आधार पर अरविंद केजरीवाल को रिमांड पर भेजा, वो कोई नहीं, बल्कि भाजपा का मुख्य डोनर है।

भाजपा इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी बाहर नहीं आने देना चाहती थी, लेकिन कोर्ट के आगे उसकी नहीं चली- प्रियंका कक्कड़

वहीं, ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि पिछले दो साल से जिस प्रोसिड ऑफ क्राइम की बात हो रही है, जो हमारे केस में कहीं नहीं था। फिर भी भाजपा के प्रवक्ता लगातार बार-बार बोल रहे थे कि प्रथम दृष्टया आम आदमी पार्टी के खिलाफ सबूत है। बार-बार बोल रहे थे कि एक साउथ लॉबी है, जिसको पैसा दिया गया। लेकिन भाजपा ने साउथ लॉबी के शरत चंद्र रेड्डी से लगातार चंदा लिया और वो अब सरकारी गवाह बन गए हैं। शरत चंद्र रेड्डी की गवाही पर ही अरविंद केजरीवाल को छह दिन की रिमांड पर भेजा गया है। सरकारी गवाह शरत रेड्डी ने बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए लगातार चंदा दिया, जो अब देश के सामने आ चुका है। इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी बाहर आने से रोकने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड की सूचना सार्वजनिक हो गई। लेकिन अभी भी 2019 से पहले का डाटा गायब है।

शरत रेड्डी ने भाजपा को मोटा चंदा देकर जमानत हासिल की, जबकि पीएमएलए में जल्दी जमानत नहीं मिली है- प्रियंका कक्कड़

उन्होंने कहा कि बीजेपी को हमारे केस में प्रथम दृष्टया जो दिख रहा था, वह शरद चंद्र रेड्‍डी के केस में दिख जाएगा। शरत रेड्डी ने बीजेपी को मोटा चंदा देकर जमानत हासिल की और सरकारी गवाह भी बने। ईडी ने भी हाईकोर्ट में उनकी जमानत पर कोई आपत्ति नहीं की। जबकि, पीएमएलए के केस में ईडी अगर कोर्ट में थोड़ी सी भी आपत्ति जताए तो जमानत नहीं मिलती है। लेकिन शरत रेड्डी के केस में मामूली से पीठ दर्द में नियमित जमानत दे दी गई। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में भी ईडी को चवन्नी की रिकवरी नहीं हुई है। अब इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा सार्वजनिक होने के बाद यह जरूरी हो जाती है कि केवल एक व्यक्ति और पार्टी के लिए नहीं, देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए और भाजपा की जवाबदेह बनाने के लिए मीडिया की भूमिका भी बहुत आवश्यकता है। मीडिया से अपील है कि भाजपा से उसकी जवाबदेही मांगे कि कैसे साउथ लॉबी लगातार उसको चंदा देती रही और कैसे किंग पिन शरत रेड्डी को जमानत मिल गई। जबकि पुख्ता सबूत है कि भाजपा को इन्होंने चंदा दिया।

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