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नई दिल्ली, 09 अक्टूबर 2023

आम आदमी पार्टी दिल्ली और हरियाणा राज्य का लीगल सेल ने भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा भारत के संविधान को बदलने के फैसले के खिलाफ 16 अगस्त से ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ अभियान शुरू किया है। ‘‘आप’’ के लीगल सेल ने 10 अक्टूबर को होने वाले मार्च में भाग लेने के लिए वकीलों से अपील किया है। यह प्रदर्शन 12 बजे पटियाला हाउस कोर्ट से शुरू होकर सुप्रीम कोर्ट तक किया जाएगा। ‘‘आप’’ के लीगल सेल के अध्यक्ष एडवोकेट संजीव नसीयर ने बताया कि मंगलवार को प्रदर्शन के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को हम अपना ज्ञापन सौपेंगे। इस ज्ञापन पर 17,500 वकीलों ने हस्ताक्षर किया है। इस मार्च में देश भर से दो-तीन हज़ार वकील शामिल होंगे।

आम आदमी पार्टी की लीगल सेल के अध्यक्ष एवं एडवोकेट संजीव नसीयर ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जिस तरीके से संविधान को केंद्र सरकार द्वारा कमजोर किया जा रहा है, इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए करीब डेढ़ महीने पहले आम आदमी पार्टी की लीगल सेल ने अपने केंद्रीय नेतृत्व की सहमति से ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ अभियान की शुरुआत की थी। इस पूरे वक्त में हम देश-भर के वकीलों से इस अभियान में हिस्सा लेने की अपील करते रहे। अब कल 10 अक्टूबर (मंगलवार) को करीब 12 बजे पटियाला हाउस कोर्ट में हजारों की तादाद में वकील इकट्ठे होंगे, जिन्हें प्रमुख रूप से दिल्ली और हरियाणा की लगभग सभी कोर्ट से बुलाया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के बाद सुप्रीम कोर्ट में हम अपना ज्ञापन सौपेंगे, जिसमें हमने प्रमुख रूप से पांच बिंदू शामिल किए हैं। पहला, जिस तरीके से संविधान को बदलने की कोशिश हो रही है, इसको हम किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे। बाबा साहब अंबेडकर ने जो संविधान बनाया था, उसके साथ छेड़खानी नहीं होनी चाहिए। दूसरा, चीफ इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक जजमेंट आया था, उस फैसले को पलटकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को बाहर कर दिया गया है। इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार आने वाले चुनाव से घबरा चुकी है और किसी भी तरीके से निष्पक्ष चुनाव नहीं चाहती है। हम इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। तीसरा, सभी ने देखा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार की सभी शक्तियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद छीन लिया गया क्योंकि भाजपा किसी भी तरीके से दिल्ली की सत्ता में बने रहना चाहती है, विशेष तौर पर जबसे एमसीडी में भी आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है। दिल्ली की जनता के अधिकार का अपमान हम बिल्कुल सहन नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमने दो मुद्दे हमने वकीलों से जुड़े हुए उठाए हैं। पुलिस वकीलों पर लाठी चार्ज करती है, वकीलों पर हमले करती है और झूठे केस में फंसाती है। पूरे हिंदुस्तान के वकील इकट्ठा हो रहे हैं, हमने अपने हक के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों से की थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर यह मेरे जूरिडिक्शन में हुआ तो मैं इसको 24 घंटे के अंदर पास करा सकता हूं। चूंकि दिल्ली की सारी शक्तियां केंद्र के पास हैं। इसलिए इसको लेकर मंगलवार को हम केंद्र के पास जा रहे हैं। केंद्र सरकार सीआरपीसी, आईपीसी, एविडेंस एक्ट को बदलना चाहती है। चूंकि हम स्टेट होल्डर हैं, आम जनता को न्याय दिलवाने के लिए कोर्ट में वकील जाते हैं और मैं दिल्ली में इलेक्टिव रिप्रेजेंटेटिव होने के साथ बार काउंसिल ऑफ दिल्ली का सिंटिंग उपाध्यक्ष भी हूं। इसके बावजूद हम लोगों से बिना पूछे आप लोग सीआरपीसी, आईपीसी को बदलना चाहते हैं। वकील समाज इसको बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा।

उन्होंने कहा कि जो भी मोदी सरकार के खिलाफ बोलता है, उसको झूठे केस में फंसा दिया जाता है। इन सब जातियों के खिलाफ और लोकतंत्र बचाने के लिए कल हम सर्वाेच्च न्यायालय जाएंगे और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को अपना ज्ञापन सौंपेंगे। इससे पहले कल 12 बजे हम पटियाला हाउस में इकट्ठा होकर शांतिपूर्वक मार्च करेंगे। इस ज्ञापन में 17.5 हज़ार वकीलों के हस्ताक्षर हैं।

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