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नई दिल्ली, 24 मार्च 2024

आम आदमी पार्टी ने तथाकथित शराब घोटाले के किंगपिन सरथ चंद्र रेड्डी से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 60 करोड़ रुपए लेने के खुलासे के बाद से भारतीय जनता पार्टी की चुप्पी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ‘‘आप’’ ने प्रश्न किया है कि अब स्मृति इरानी, अनुराग ठाकुर और मनोज तिवारी समेत भाजपा के तमाम नेता चुप क्यों हैं? इस संबंध में ‘‘आप’’ ने भाजपा से तीन गंभीर प्रश्न पूछे हैं। पहला, भाजपा मनी लॉड्रिंग के आरोपी सरथ चंद्र रेड्डी को कैसे जानती है, उससे भाजपा का कौन मंत्री या नेता मिला। दूसरा, भाजपा ने सरथ रेड्डी से 60 करोड़ रुपए क्यों लिए और तीसरा, इतनी गंभीर बात को भाजपा ने ईडी-सीबीआई और देश की जनता से क्यों छिपाकर रखा? ‘‘आप’’ ने कहा कि संभव है कि हमारे ये तीनों प्रश्न भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक न पहुंचे। इसलिए हमने चिट्ठी भेजकर इन तीनों प्रश्नों पर उनसे जवाब मांगा है। पार्टी भाजपा से मिले जवाब को दिल्ली की जनता तक पहुंचाएगी। वहीं, अगर हमारे सवालों के जवाब नहीं मिलते हैं तो यह साफ हो जाएगा कि भाजपा रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ी गई है। लिहाजा पीएम मोदी को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।

“आप” के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ और वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह पार्टी मुख्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता की। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शनिवार को हमने पूरे देश को बताया था कि बीजेपी ने किस तरह से तथाकथित आबकारी मामले के आरोपी सरगना से पर्दे के पीछे चोरी छिपे इलेक्टोरल बॉन्ड लिए। बीजेपी ने आरोपी सरथ चंद्र रेड्डी से लगभग 60 करोड़ रुपए का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के परदे के पीछे छिपकर लिया। ये आरोप नहीं, बल्कि तथ्य है। कुछ लोगों को गलतफहमी है कि हम बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन यह आम आदमी पार्टी का बीजेपी पर आरोप नहीं है, बल्कि हमने सबूत दिखाए हैं। ये बात चुनाव आयोग की वेबसाइट से प्रमाणित होती है कि प्रमुख आरोपी सरथ चंद्र रेड्डी को तथाकथित आबकारी मामले का सरगना बताया गया और उनको गिरफ्तार करने के बाद बीजेपी ने उनसे 55 करोड़ रुपए का चंदा लिया है।

उन्होंने कहा कि कमाल की बात ये है कि बीजेपी अबतक इसपर चुप है। जो पार्टी दिन में सात-सात प्रेस कॉन्फ्रेंस करती है, उसके बड़े नेता और मंत्री इस बात पर बिल्कुल चुप हैं। इसपर अनुराग ठाकूर और स्मृति ईरानी भी नहीं बोल रहे हैं। मनोज तिवारी और वीरेंद्र सचदेवा भी इसपर चुप हैं। भाजपा के हर नेता के मुंह में दही जम गई है कि ये क्या हुआ, ये बात कैसे खुल गई? अखबारों में भी ये बात छप रही है कि आबकारी मामले के प्रमुख आरोपी से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी द्वारा 55 करोड़ रुपए का चंदा उसके आरोपी बनने के बाद लिया गया। जब ईडी और केंद्र सरकार ने खुद कहा है कि सरथ चंद्र रेड्डी पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी है। यानि बीजेपी के प्रवक्ता जिस व्यक्ति का नाम लेकर रोज कह रहे हैं कि इसने मनी लॉन्ड्रिंग द्वारा आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपए दिए, उसी सरथ चंद्र रेड्डी से भाजपा ने 55 करोड़ रुपए लिए। ये बात अखबारों में भी छप रही है कि बीजेपी इसपर चुप है। भाजपा के लोग अब तक तो नैतिकता के पहाड़ पर चढ़कर अरविंद केजरीवाल को गाली दे रहे थे, तो अब चुप क्यों हो गए?

“आप” नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का बहुत शौक है। मैं उन्हें निमंत्रण देता हूं कि वो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हमारे तीन सवालों के जवाब दें, ताकि जनता को भी सारी बात पता चले। बीजेपी ये बताए कि वो शरत चंद्र रेड्डी को कैसे जानती है, उनके बीच में कैसा रिश्ता है? मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी को बीजेपी कैसे जानती है? बीजेपी का कौन सा नेता इनसे कब, कहां, कैसे मिला और इनमें क्या बात चीत हुई? क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाला किसी पार्टी को खुद जाकर ये बॉन्ड देता है, 50 करोड़ रुपए के बॉन्ड कोई चुपके से आपके दरवाजे पर रखकर नहीं चला जाता है कि सुबह-सुबह आपको दरवाजा खोलने पर नीचे पड़ा मिल जाए। ये किसी न किसी मंत्री या अध्यक्ष को सौंपे गए होंगे, जिसके बाद बैंक में जाकर स्लिप भरकर बीजेपी ने सरथ चंद्र रेड्डी के बॉन्ड को भुनाया होगा। ये कोई छोटी बात नहीं है कि कोई गुप्त दान देकर चला गया। बीजेपी बताए कि ये रिश्ता क्या कहलाता है?

“आप” नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी को बताना होगा कि उसने सरथ चंद्र रेड्डी से उसकी कंपनियों के माध्यम से लगभग 60 करोड़ रुपए क्यों लिए? अगर मान भी लिया जाए कि वो चोरी छिपे आपसे मिले, छिपकर बॉन्ड दिए और आपने ले लिए। लेकिन आप तो रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं तो आपने खुद जनता को यह बात क्यों नहीं बताई? बीजेपी ने अबतक ये बात क्यों छिपाई, उसने ये बात अबतक ईडी, सीबीआई और देश की जनता को क्यों नहीं बताई? अगर दाल में कुछ काला नहीं था तो उन्हें यह बात देश को बतानी चाहिए थी।

इस दौरान आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी ने देश के सामने खुलासा किया है कि कैसे बीजेपी ने पर्द के पीछे दिल्ली के कथित शराब घोटाले के किंगपिन सरथ चंद्र रेड्डी के साथ सांठगांठ की और आधिकारिक तौर पर अपने बैंक अकाउंट में करीब 60 करोड़ रुपऐ जमा करवाए। जब से यह खुलासा आम आदमी पार्टी ने किया है बीजेपी ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो इनके प्रवक्ता और बड़े-बड़े नेता देश भर में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को अनाप-शनाप कहते फिरते हैं। दूसरी तरफ ये नहीं बता रहे कि हमने सरथ चंद्र रेड्डी नामक शराब कारोबारी और कथित शराब घोटाले के किंगपिन से 60 करोड़ रुपये लिए हैं। क्योंकि जिस डेटा के आधार पर यह खुलासा हुआ है, वह हमारा पर्सनल और सीक्रेट डेटा नहीं है। यह तो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर है। इसलिए जो कथित शराब घोटाले में राज छिपे हुए थे, जो सवाल पिछले दो साल से मीडिया के साथ आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता, नेता और देश की जनता पूछ रही थी, उस सवाल का जवाब शनिवार को उजागर हो गया है।

जस्मीन शाह ने कहा कि इस कथित शराब घोटाले में अगर करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है, प्रोसीड्स ऑफ क्राइम हुआ है और मनी ट्रेल हुई है तो पैसा क्यों नहीं मिल रहा। आखिर पैसा कहां गया? इस पूरी कड़ी में जो सीक्रेट और राज है, उसकी केवल एक चाबी सरथ चंद्र रेड्डी हैं। जैसे ही सरथ चंद्र रेड्डी का नाम सामने आया, दिल्ली के पूरे कथित शराब घोटाले का पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने कहा कि अब यह ओपन एंड शट केस है कि किस तरह से भाजपा ने सरथ चंद्र रेड्डी को सरकारी गवाह बनाने के लिए पहले जेल में डाला गया। जबकि, शरद चंद्र रेड्डी अपने पहले के बयान में कह रहे थे कि मैं अरविंद केजरीवाल से कभी नहीं मिला, मैं उनको जानता नहीं, मैंने कोई रिश्वत नहीं दी। लेकिन जैसे ही उनको छह महीने जेल में रखा गया, वह कहने लगे कि मैं अरविंद केजरीवाल से मिला हूं। इसके बाद उनको सरकारी गवाह बनाया गया और उनसे इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 55 करोड़ रुपए की उगाही की गई।

जस्मीन शाह ने कहा कि आम आदमी पार्टी तीन सवाल बीजेपी से पूछ रही है। बीजेपी इन तीनों सवालों का जवाब दें। हो सकता है कि बीजेपी के नेता बहुत व्यस्त हैं, क्योंकि वह बहुत बड़ी पार्टी है। हमारे सवाल शायद उन तक पहुंचेंगे। इसलिए हम चिट्ठी के जरिए ये तीनों सवाल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‍डा तक पहुंचाएंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि अगर दाल में कुछ काला नहीं है तो इन तीन सवालों के जवाब सार्वजनिक करें। पहला सवाल कि सरथ चंद्र रेड्डी से बीजेपी का रिश्ता क्या कहलाता है? आप उसे कैसे जानते हो? कोई आपको इतने रुपए देता है तो बीजेपी का कोई न कोई नेता उनसे मिला होगा। कब मिला? क्यों मिला? कॉल रिकॉर्डिंग दीजिए? दूसरा सवाल कि सरथ चंद्र रेड्‍डी से 60 करोड़ रुपए लिए और इसमें से 55 करोड़ रुपए तब लिए, जब उसको ईडी ने अपनी चार्जशीट में इस पूरे कथित शराब घोटाले का किंगपिन घोषित किया था। आप कह सकते हो कि हम उसको नहीं जानते हैं। कई सारे कारोबारी पैसा देते हैं। पैसा लेने में क्या हर्ज है। लेकिन आपकी ईडी अपने चार्जशीट में कहती है कि सरथ चंद्र रेड्‍डी मुख्य किंगपिन है। पूरी साउथ लॉबी को इकट्ठा करने वाला सरथ चंद्र रेड्डी है और उसके बयान पर आप आम आदमी पार्टी के नेताओं को घेरना चाह रहे हो और पीछे-पीछे आप उससे 55 करोड़ रुपए भी ले रहे हो।

तीसरा सवाल है कि आपने केवल पैसे लिए तो अब तक यह राज क्यों छिपा कर रखा? जब इतनी बड़ी सीबीआई-ईडी की जांच चल रही थी। कोर्ट में इतनी सारी बातें हो रही थी तो आपने दो साल तक यह बात क्यों छिपा कर रखी कि आपने उससे सांठगांठ कर रखी है। आम आदमी पार्टी चिट्ठी के जरिए ये तीन सवाल पूछेगी और हमें उम्मीद है कि 24 घंटे में बीजेपी सारी बात सार्वजनिक करेगी।

वहीं, “आप” की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक नई आबकारी नीति निकाली थी। जो नवंबर 2021 लेकर जुलाई 2022 तक ऑपरेशन में थी। सरथ चंद्र रेड्‍डी ने इस नई पॉलिसी के तहत आवेदन किया था और उनको पांच जोन में शराब के लाइसेंस भी प्राप्त हुए थे। 9 नवंबर 2022 को ईडी तथाकथित शराब घोटाले के मामले में शरत चंद्र रेड्डी के घर पूछताछ के लिए पहुंचती है और 10 नवंबर 2022 को उनको गिरफ्तार कर लिया जाता है। जेल से निकलने के लिए ईडी सरथ चंद्र रेड्‍डी के आगे दो कंडीशन रखती है। पहला 60 करोड़ रुपए रिश्वत चाहिए और दूसरा अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान चाहिए। शरत चंद्र रेड्डी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान देने के लिए साफ इन्कार कर देते हैं और जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं। वह कोर्ट में बताते हैं कि कैसे बीजेपी की ईडी उनको प्रताड़ित कर रही है। झूठा बयान देने के लिए दबाव बना रही है और मारपीट भी कर रही है। क्योंकि उस समय उन पर पीएमएलए की संगीन धाराएं लग चुकी थीं। इसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज हो जाती है।

उन्होंने कहा कि जेल में आठ महीने की प्रताड़ना के बाद सरथ चंद्र रेड्‍डी सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो जाते हैं और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान देते हैं। जिस बयान के आधार पर 22 मार्च 2024 को ईडी को अरविंद केजरीवाल की कस्टडी मिल जाती है। इसी दौरान पूरे हफ्ते लगातार सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड्स का डाटा सार्वजनिक किया जाता है। यह डाटा सार्वजनिक करना आसान नहीं था। इसको रोकने के लिए महंगे वकीलों को हायर किया गया कि किसी भी तरह एसबीआई इस डाटा को सार्वजनिक करने से बच जाए। इस डाटा को सार्वजनिक करने में कई सिविल सोसायटीज की मेहनत लगी और सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाने हुए इस डाटा को सार्वजनिक कराया। 22 मार्च को शाम को जब ईडी को शरत चंद्र रेड्डी के झूठे बयान पर अरविंद केजरीवाल की कस्टडी मिल जाती है तो पता चलता है कि सरथ चंद्र रेड्‍डी ने 10 नवंबर 2022 को अपनी गिरफ्तारी के पांच दिन बाद ही इलेक्टोरल बॉन्ड्स के माध्यम से रिश्वत देना शुरू किया था।

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जो तीन सवाल पूछे हैं। वह इसलिए भी बहुत जरूरी हो जाते हैं कि अगर रविवार शाम तक बीजेपी इनका जवाब नहीं दे पाती है तो साफ है कि बीजेपी रिश्वतखोरी के मामले में रंगे-हाथों पकड़ी गई है और आम आदमी पार्टी मांग करती है कि प्रधानमंत्री मोदी इस्तीफा दें।

भाजपा-ईडी सांठगांठ की क्रोनोलॉजी समझिए-

  • नई शराब नीति नवंबर 2021 लेकर जुलाई 2022 तक ऑपरेशन में थी और सरथ रेड्डी को दिल्ली में पांच जोन का लाइसेंस मिला।
  • 9 नवंबर 2022 को तथाकथित शराब घोटाले में ईडी सरथ रेड्डी के घर रेड करती है और 10 नवंबर को गिरफ्तार कर लेती है।
  • गिरफ्तारी के बाद रेड्डी के सामने भाजपा को 60 करोड़ रिश्वत और केजरीवाल के खिलाफ झूठे बयान देने की शर्त रखी जाती है।़
  • पहले तो रेड्डी झूठे बयान देने से मना कर देते हैं और ईडी पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से शिकायत करते हैं।
  • आठ महीने जेल में रहने के बाद सरथ रेड्डी दबाव में आकर सीएम केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान दे देते हैं और उसी आधार पर ईडी सीएम को गिरफ्तार कर लेती है।
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