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नई दिल्ली, 08 अप्रैल 2024

आम आदमी पार्टी ने भाजपा के ‘बॉन्ड का कांड’’ को लेकर बड़ा खुलासा किया है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार और भाजपा ने बड़े सुनियोजित तरीके से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए लाखों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया। 45 संदिग्ध कंपनियां हैं, जिन्होंने भाजपा को 1068 करोड़ रुपए का चंदा दिया है। ‘‘आप’’ के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि घाटे में चल रही 33 कंपनियों ने भाजपा को 450 करोड़ का चंदा दिया, जबकि छह कंपनियों ने 600 करोड़ का चंदा दिया। 17 कंपनियां ऐसी हैं, जिनका टैक्स निगेटिव है और इन्होंने भाजपा को चंदा दिया है। वहीं, एक कंपनी ने अपने मुनाफे का 93 गुना ज्यादा चंदा भाजपा को दिया है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले नियम था कि कंपनियां अपने मुनाफे का केवल 7.5 फीसद तक ही चंदा दे सकती हैं। मोदी सरकार ने इस नियम को हटा दिया, तभी घाटे में चलने वाली कंपनियां भाजपा को चंदा दे पाईं। फर्जी कंपनियां बनाकर सैकड़ों करोड़ रुपए का चंदा लिया गया। भ्रष्टाचार का मनी ट्रेल साफ दिख रही है, लेकिन ईडी-सीबीआई मौन हैं।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और जस्मीन शाह ने इलेक्टोरल बॉल्ड घोटाले को लेकर पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता की। सांसद संजय सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पर्दे के पीछे देश की जनता से छिपाकर हजारों-लाखों करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार बीजेपी की मोदी सरकार ने किया है। यह भ्रष्टाचार इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर हुआ है। इसके लिए मोदी सरकार ने नियमों में बदलाव किया और कंपनियों को हजारों करोड़ रुपये की टैक्स छूट व लाखों करोड़ों का ठेका दिया गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इनके छिपाए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के डाटा को निकाल कर देश की जनता के सामने रख दिया। मोदी सरकार इस समय देश की सबसे बड़ी महाभ्रष्ट सरकार है। इसका खुलासा इस बात से हुआ कि पिछले सात साल से एक लाख करोड़ रुपये के घाटे में चल रही 33 कंपनियों ने बीजेपी को 450 करोड रुपये का चंदा दिया है। इन 33 कंपनियों में से 17 ऐसी हैं, जिन्होंने या तो जीरो टैक्स दिया है या फिर उनको इसमें छूट मिली है। वहीं, इनमें से 6 कंपनी ऐसी हैं, जिन्होंने बीजेपी को 600 करोड रुपये का चंदा दिया है और एक कंपनी ऐसी है, जिसने अपने मुनाफे से तीन गुना ज्यादा चंदा दिया है। वहीं, दूसरी कंपनी ऐसी है, जिसने अपने मुनाफे का 93 गुना ज्यादा चंदा दिया है। तीन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने 28 करोड रुपये का चंदा दिया और जीरो टैक्स अदा किया है।

उन्होंने कहा कि अब ईडी और सीबीआई कहां है। इसको लेकर उन्होंने कितने मुकदमें दर्ज किए हैं। फर्जी कंपनियां कागज पर बनाकर सैकड़ों करोड़ रुपये की मनी ट्रेल साफ दिख रही है। कंपनियां घाटे में होने के बावजूद बीजेपी को चंदा दे रही है। मोदी जी ने कहा था कि “ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा।“ लेकिन इस घोटाले को देखकर लगता है कि उनका नारा है “नियम बनाऊंगा और खाऊंगा।“ “पूरे देश से अपनी पार्टी के लिए भ्रष्टाचारी चंदा इकट्ठा करूंगा।“

सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह इलेक्टोरल बॉन्ड इतना बड़ा घोटाला क्यों है? क्योंकि साल 2017 के पहले इस देश में चुनाव आयोग का एक कानून था। इसके अनुसार, लगातार तीन साल तक मुनाफे में रहने वाली कंपनियां ही प्रॉफिट का साढ़े सात प्रतिशत तक चंदा दे सकती थी। इससे ज्यादा चंदा नहीं दे सकती थी। वहीं, घाटे में चल रही कंपनियां चंदा नहीं दे सकती थीं। इससे फायदा यह होता था कि केवल चेक के जरिए कंपनियां पार्टियों को चंदा नहीं देती थीं। जिससे कि फर्जी और सेल कंपनियों के चंदे पर लगाम लगे रहती थी। लेकिन मोदी सरकार 2017 में नियम बदल देती है। उस समय चुनाव आयोग इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहती है कि इन नियमों के बदलाव से कागजों पर बनाई गई उन फर्जी कंपनियों के लिए रास्ता खुलेगा, जो केवल पार्टियों को चंदा देने और भ्रष्टाचार करने के लिए बनाई जाती हैं।

“आप” के राज्यसभा सांसद ने कहा कि बीजेपी को देश की जनता की जनता को बताना पड़ेगा कि कैसे हजारों करोड़ रुपये की टैक्स की छूट देकर नुकसान पहुंचाया गया है। कैसे नियमों में बदलाव कर यह घोटाला किया गया है। हिंदुस्तान की आजादी के बाद सबसे भ्रष्ट पार्टी अगर कोई है तो वह भारतीय जनता पार्टी या बंगारू जनता पार्टी है। ईडी और सीबीआई को तुरंत इन कंपनियों और बीजेपी के नेताओं से पूछताछ कर गिरफ्तार करना चाहिए। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हम लोग आगे का रास्ता अपनाएंगे। मोदी जी कहते हैं कि उन्होंने देश में तीन लाख फर्जी कंपनियों पर ताले लगा दिए। मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि फिर ये कंपनियां कौन सी हैं, जिनको हम जानते तक नहीं, केवल कागजों पर बनी है और आपको चंदा दे दिया। तमिलनाडु में पुलिस ने करीब 4 करोड़ रुपये की नोटों की गड्‍डियां पकड़ीं। जब आरोपियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये दिल्ली से मिली हैं और बीजेपी उम्मीदवार को देने जा रहे हैं। अब उन लोगों के पीछे ईडी-सीबीआई कब लगाओगे। कब बीजेपी को एक्सपोज करोगे कि दिल्ली से तमिलनाडु नोटों की गड्‍डियां कैसे पहुंची।

संजय सिंह ने कहा कि अब तो साफ पता चल चुका है कि शराब घोटाला तो भाजपा ने किया है। जब शरथ रेड्डी ने बीजेपी को 60 करोड़ दिए तो उसकी जांच क्यों नहीं हो रही है। उस पर ईडी-सीबीआई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना चिट्ठी क्यों नहीं लिख रहे हैं। विपक्षी दलों पर सक्रिय रहने वाली ईडी-सीबीआई बीजेपी पर कार्रवाई क्यों नहीं करती है। आम आदमी पार्टी के मामले में ईडी-सीबीआई गामा पहलवान बन जाती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के मामले में दारा सिंह पहलवान बन जाती है। कांग्रेस पार्टी के मामले में बॉक्सर बन जाती है। लेकिन जब हम बीजेपी के खिलाफ कोई मामला उठाते हैं तो वह भोले बच्चे की तरह कहते हैं कि इसके लिए कोर्ट जाइए। क्या घास छीलने के लिए ईडी-सीबीआई बनाई है। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस देश के लोगों के टैक्स से वेतन लेती है। ये एजेंसियां जितनी सक्रियता दूसरे दलों के नेताओं पर कार्रवाई करने के लिए दिखाती हैं. उतनी ही सक्रियता भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करने में भी दिखानी चाहिए। हर बात पर कोर्ट जाने की बात कहना यह दिखाता है कि भाजपा के भ्रष्टाचार पर यह एजेंसियां निष्क्रिय रहती हैं। गजनी मोड में चली जाती हैं और सबकुछ भूल जाती हैं। कोर्ट ने तो इलेक्टोरल बॉन्ड की सच्चाई सबके सामने लाकर अपना काम कर दिया है। अब ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई करने की जिम्मेदारी है।

घाटे के बाद भी इन कंपनियों ने भाजपा को दिया चंदा

सांसद संजय सिंह ने कहा कि भारती एयरटेल लिमिटेड ने 200 करोड रुपये का चंदा भारतीय जनता पार्टी को दिया है और सात साल में इसको 77 हजार करोड रुपये का घाटा हुआ है। इस कंपनी को 8,200 रुपये की टैक्स में छूट मिली है। हालांकि, इसमें से कुछ टैक्स छूट इस कंपनी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली है और बाकी छूट कैसे मिली है, वह एक रहस्य का विषय है। दूसरी कंपनी डीएलएफ ने 25 करोड रुपये का चंदा भारतीय जनता पार्टी को दिया है और इसको सात साल में कुल 130 करोड रुपये का घाटा हुआ है और इसको टैक्स में 20 करोड़ रुपये की टैक्स छूट मिली है। तीसरी कंपनी सेटेक इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने बीजेपी को 12 करोड रुपये का चंदा दिया है और इसका कुल घाटा सात साल में 150 करोड़ रुपये का है। इस कंपनी को टैक्स में 1 करोड़ 60 लाख रुपये की छूट मिली है। वहीं, धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड 115 करोड़ का चुनावी बॉन्‍ड खरीदा है और बीजेपी को 24 करोड़ 96 लाख रुपये का चंदा दिया। इस कंपनी को 299 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और इन्होंने जीरो टैक्स दिया। पीआरएल डेवलपर्स ने 20 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्‍ड खरीदा और 10 करोड़ रुपये भारतीय जनता पार्टी को भेंट चढ़ाई और इनको टैक्स में 4.7 करोड रुपए का रिबेट मिला। इस कंपनी को 1,550 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।

इसके अलावा, शरत रेड्डी की यूजिया फार्मा लिमिटेड ने 15 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा और पूरा पैसा भारतीय जनता पार्टी के भेंट चढ़ा दिया है। इस कंपनी को सात साल में 28 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है और इसको टैक्स में 7 करोड़ 20 लाख रुपए की छूट मिली। माइथरा एनर्जी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 19 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खऱीदा और 9 करोड़ 99 लाख रुपये अकेले बीजेपी को दे दिया। इसको 7 साल में 86 करोड रुपये का घाटा हुआ और टैक्स में 126 करोड रुपये की छूट मिली। पिरामल कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने 10 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा और पूरा पैसा बीजेपी को चंदे के तौर पर दे दिया। इसको 16 हजार 376 करोड रुपये का घाटा हुआ है और इसे 5,178 करोड़ 50 लाख रुपये की टैक्स छूट मिली है। ओरिएंटल साउथ दिल्ली होटेल्स प्राइवेट लिमिटेड ने 5 करोड रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है और पांच करोड़ रुपये की भेंट बीजेपी को चढ़ा दी। इस कंपनी को सात साल में 49 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था और इस कंपनी ने जीरो टैक्स पे किया है। विलेज दे नंदी प्राइवेट लिमिटेड ने 5 करोड रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है और पूरा 5 करोड रुपया बीजेपी को दे दिया। इन्होंने जीरो टैक्स दिया और सात साल में इस कंपनी को 48 करोड रुपए का घाटा हुआ था।

कैपिटल रीच ऑपरेटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 4 करोड रुपये का बॉन्ड खरीदा है और चार करोड़ रुपये भारतीय जनता पार्टी को दे दिए। 67 करोड रुपये का घाटा इस कंपनी को हुआ है और 20 लाख की टैक्स की छूट इस कंपनी को मिली है। अरविंद ब्यूटी ब्रांड्स रिटेल प्राइवेट लिमिटेड 3 करोड रुपए का बॉन्ड खरीदकर पूरा पैसा चंदे के तौर पर बीजेपी को दिया है। इनको 11 करोड रुपये का घाटा हुआ है और 13 करोड रुपये की टैक्स छूट मिली है। एसएनएस क्लॉथिंग प्राइवेट लिमिटेड ने 2 करोड़ का बॉन्ड खरीदा और 2 करोड रुपये बीजेपी को दिए। इनको 70 लाख रुपए का कुल घाटा हुआ और 10 लाख रुपये का टैक्स दिया है। गेनन डंकर्ली एंड कंपनी लिमिटेड ने डेढ़ करोड़ रुपये का बांड खरीदा और डेढ़ करोड़ रुपये बीजेपी को दे दिए। इसको 121 करोड रुपए घाटा हुआ और 42 करोड रुपए का टैक्स छूट मिला है। जेएनएस इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड ने एक करोड़ का बॉन्ड लिया और एक करोड़ बीजेपी को दिया। इस कंपनी को 35 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और जीरो टैक्स दिया। अरिहंत इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 40 लाख रुपए का बॉन्ड खरीदा और 40 लाख रुपये बीजेपी को दिए और जीरो टैक्स पे किया है। इस कंपनी को 30 लाख रुपये का घाटा हुआ है।

इन छह कंपनियों ने मुनाफे से ज्यादा का चंदा दिया

सांसद संजय सिंह ने बताया कि क्विक सप्लाई चैन प्राइवेट लिमिटेड 410 करोड रुपये का इलेक्टोरल बांड खरीदा है। इसमें से अकेले बीजेपी को 375 करोड रुपये दिए। लेकिन इस कंपनी को केवल 144 करोड रुपये का फायदा हुआ था। मदन लाल लिमिटेड ने 185 करोड़ 50 लाख का इलेक्टोरल बांड खरीदा और 175 करोड़ 48 लाख रुपये बीजेपी को चंदा दिया है। इस कंपनी को महज 2 करोड रुपये का फायदा हुआ थाष। इस कंपनी को 3 करोड़ 11 लाख रुपये की छूट मिली थी। नेक्स्ज डिवाइस प्राइवेट लिमिटेड ने 35 करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीद और पूरा पैसा बीजेपी को चंदा दिया। इस कंपनी को 28 करोड़ 50 लाख रुपये का मुनाफा हुआ था। इस कंपनी ने 14 करोड़ रुपये का टैक्स भी दिया था। एबीएनएल इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने 10 करोड रुपये का बॉन्ड लेकर पूरा पैसा बीजेपी को दिया। 9 करोड रुपये लगभग इस कंपनी को मुनाफा हुआ और 4 करोड़ 69 लाख का इन्होंने टैक्स भी दिया। प्रगति इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने साढ़े तीन करोड़ रुपये का बॉन्ड खऱीदा और सारा का सारा बीजेपी को चंदा दिया है। इस कंपनी को महज दो लाख रुपये मुनाफा हुआ और जीरो टैक्स पे किया। श्री कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 2 करोड़ का बांड खरीदा और पूरा पैसा बीजेपी को चंदा दिया। इस कंपनी को 16 लाख रुपये का फायदा हुआ है और 4 लाख रुपये इन्होंने टैक्स दिया है।

भाजपा को चंदा देने के बाद इनको मिली टैक्स में छूट

संजय सिंह ने बताया कि एमकेजी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड 192 करोड रुपये का इलेक्टोरल बांड खरीद कर 26 करोड़ 94 लाख रुपये बीजेपी को चंदा दिया है। 60 करोड़ 33 लाख रुपये का इनको फायदा हुआ है और 10 करोड़ 62 लाख रुपए इनको टैक्स में छूट मिली है। पटेल हाइवे मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने 1 करोड़ रुपये का बॉन्ड खऱीदा और सारा पैसा बीजेपी को दिया। 24 करोड़ रुपये का इनको मुनाफा हुआ है। एबीसी इंडिया लिमिटेड ने 40 लाख रुपये का बॉन्ड खरीदा और पूरा पैसा बीजेपी को दे दिया। इनको 11 करोड़ 85 लाख रुपए का प्रॉफिट हुआ और 2 करोड़ 24 लाख की टैक्स में छूट मिली है।

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