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शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुवार को दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) द्वारा त्यागराज स्टेडियम में आयोजित देश के मेंटर कॉन्क्लेव में भाग लिया। शिक्षा मंत्री ने शानदार काम करते हुए मेंटरिंग द्वारा अपने मेंटीज के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव लाने वाले मेंटर्स को सम्मानित भी किया। इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि, “जब कोई बच्चा एक ऐसे परिवार से आता है जहां करियर को लेकर परिवार के अंदर ही मार्गदर्शन मिलता है तो उसके भविष्य की राह आसान हो जाती है। लेकिन अक्सर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जो बच्चे पढ़ रहे होते है वो ऐसे परिवार से आते है जिन्हें गाइड करने वाला इंसान उनके आस पास नहीं होता। ऐसे में देश के मेंटर कार्यक्रम ने इन बच्चों का हाथ थामने का काम किया है। हमारे मेंटर्स ने मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हुए इन बच्चों को बेहतर राह दिखाने का काम किया है।

शिक्षा मंत्री आतिशी ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्रों के जीवन को बदलने में उनके उल्लेखनीय योगदान देने के लिए मेंटर्स का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, “आप मेंटर्स ने न केवल अपने मेंटीज को पसंदीदा करियर चुनने में मार्गदर्शन किया है बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम भी किया है। मेंटर्स ने अपने हस्तक्षेप से बाल-विवाह जैसी घटनाओं को रोकने तक का काम किया है। इनका काम का वास्तव में हम सभी के लिए प्रेरणादायक है।”

उन्होंने कहा कि यह गर्व का क्षण है कि दिल्ली सरकार देश भर के शिक्षित युवा पेशेवरों और दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के बीच की खाई को पाटने के लिए एक मंच के रूप में काम कर रही है। देश के मेंटर कार्यक्रम के माध्यम से, सरकार ने इस महत्वपूर्ण संबंध को बनाने का काम किया है, जिससे स्कूलों में पढ़ रहे छात्र अपने भविष्य के करियर के बारे में बेहतर निर्णय लेने में सक्षम हुए हैं।

आयोजन के दौरान, शिक्षा मंत्री ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्रों को सशक्त बनाने में उनके सराहनीय प्रयासों के लिए मेंटर्स की भी सराहना की और मेंटीज-मेंटर्स ने भी मंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए।

मेंटर-मेंटीज ने क्या कहा?

पैनल डिस्कशन के दौरान दीपांशी ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा देश के मेंटर प्रोग्राम समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।उसने बताया कि जब वह 12 वीं कक्षा में पढ़ा करती थी तो उसके पास इनफार्मेशन के प्रॉपर सोर्स नहीं थे लेकिन दिल्ली के मेंटर प्रोग्राम से बच्चे अपने प्रॉब्लम शेयर कर सकते है और अपने आगे के भविष्य के लिए एक बेहतर रणनीति बना सकते है।

वहीं एक अन्य मेंटर ने बताया कि बच्चों के लिए कम्युनिकेशन बहुत ज़रूरी है और हरेक बच्चे को अपने सीनियर के साथ प्रॉब्लम को शेयर करने चाहिए जिससे उनको तुरंत सोल्यूशन मिल सके।

उल्लेखनीय है कि देश के मेंटर प्रोग्राम, भारत की सबसे बड़ी मेंटरिंग पहल है, जिसका उद्देश्य दिल्ली सरकार के स्कूलों के हाई स्कूल के छात्रों को मेंटरशिप के लिए युवा प्रोफेशनल्स और विश्वविद्यालय के छात्रों से जोड़ना है। इस कार्यक्रम के तहत मेंटर अपने मेंटीज को कैरियर के रास्ते, परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर मेंटरिंग करते हैं। बता दें कि कार्यक्रम में मेंटर्स के एक प्रभावशाली रोस्टर शामिल है। जिनमें से 90% की आयु 18 से 22 वर्ष के बीच है।

ज्ञात हो कि देश के मेंटर कॉन्क्लेव में 4000 से अधिक मेंटर्स, शिक्षा विभाग के अधिकारी, दिल्ली सरकार के स्कूल के छात्र, डीटीयू के छात्र और अन्य सम्मानित अतिथि शामिल हुए।

इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक नंदिनी महाराज, निदेशक एससीईआरटी रीता शर्मा, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेंद्र शर्मा व डीसीपीसीआर के चेयरपर्सन अनुराग कुण्डू शामिल रहे।

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