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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घरेलू कामगारों के अधिकारों को कानूनी दायरे में लाने के विषय पर चर्चा करते हुए शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन (इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन) ने कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री राज कुमार आनंद बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे और घरेलू कामगारों के ऊपर हो रहे अत्याचारों और उनके अधिकारों के विषय पर अपने विचार प्रकट किए।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कुशल नेतृत्व में दिल्ली में मजदूरों के कल्याण के लिए लगातार काम किया जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल का मानना है कि वह मजदूर नहीं निर्माता हैं और देश के भाग्य विधाता हैं। केजरीवाल सरकार ने राजधानी में निर्माण श्रमिकों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और पेंशन को शामिल करते हुए 17 कल्याणकारी योजनाएं बनाई हैं और उन्हें लागू कराया है। दिल्ली सरकार निर्माण श्रमिकों की तरह ही घरेलू कामगारों के लिए भी जल्द ही ऐसी ही कल्याणकारी योजनाएं लेकर आएगी।

अपने संबोधन में श्रम मंत्री राज कुमार आनंद ने कहा कि दिल्ली में करीबन 5 लाख घरेलू सहायक कार्य करते हैं, यह राजधानी की कुल श्रमशक्ति का एक बड़ा हिस्सा हैं। यह कार्यशाला घरेलू सहायकों व उनके हितों में काम करने वालों के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इसके माध्यम से हम समाज में घरेलू सहायकों के योगदान को स्वीकार कर उन्हें सम्मान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है कि अपने महत्वपूर्ण योगदान के बाद भी घरेलू सहायक बहुत खराब हालत में जीवन जीन को मजबूर हैं। इन्हें अकसर कम वेतन पर ज्यादा समय तक काम करना पड़ता है और पर्याप्त सुरक्षित माहौल भी नहीं मिल पाता है। वहीं दिल्ली में श्रमिकों को सबसे अधिक न्यूनतम मजदूरी दी जाती है।
दिल्ली सरकार घरेलू सहायकों से जुड़े मुद्दों की स्पष्ट पहचान रखती है उनकी सभी मांगों को पूरी तरह से ध्यान में रखेंगे। केजरीवाल सरकार अंतरराष्ट्रीय संगठनों, सिविल सोसाइटी और घरेलू सहायक यूनियन के साथ मिलकर घरेलू सहायकों की बेहतरी के लिए काम करेंगी।

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