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29 मार्च, नई दिल्ली

अरविंद केजरीवाल जी को गिरफ़्तार करने के भाजपा के मक़सद का अनजाने में एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट में ही पर्दाफ़ाश कर दिया। केएल एसवी राजू ने कोर्ट में कहा कि- हमें अरविंद केजरीवाल जी की कुछ दिन और हिरासत में रखने की ज़रूरत है क्योंकि उन्होंने हमें अपने फ़ोन का पासवर्ड नहीं बताया है। इस पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से साझा करते हुए वरिष्ठ आप नेता व कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि, ऐसा क्या है कई ईडी को अरविंद केजरीवाल जी का मात्र कुछ महीने पुराने फ़ोन का पासवर्ड चाहिए, जबकि ईडी ने ही बयान दिया कि ये फ़ोन पॉलिसी के दौरान इस्तेमाल नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि, हक़ीक़त ये है कि ईडी को किसी जाँच के लिए नहीं बल्कि अपने आका भाजपा के लिए अरविंद केजरीवाल जी के फ़ोन का पासवर्ड चाहिए।

उन्होंने कहा कि, ईडी को केजरीवाल जी के फ़ोन का पासवर्ड इसलिए चाहिए क्योंकि केजरीवाल जी के फ़ोन में उन्हें लोकसभा चुनावों में लड़ने की रणनीति मिलेगी। इस फ़ोन से इंडिया एलायंस के नेताओं से अरविंद केजरीवाल जी की क्या बातचीत चल रही है वो मिलेगा। फ़ोन में आम आदमी पार्टी जिन 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उसका सर्वे मिलेगा, पूरा कैंपेन प्लान मिलेगा। इस फ़ोन में लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का कम्युनिकेशन प्लान; मीडिया और सोशल मीडिया प्लान मिलेगा। अरविंद केजरीवाल जी के फ़ोन के ज़रिए भाजपा जानना चाहती है कि, ‘आप’ की दिल्ली, पंजाब, गुजरात, असम के चुनाव लड़ने की क्या रणनीति है।

आतिशी ने कहा कि, ईडी ने फिर से एक बार साबित कर दिया है कि, वो भाजपा का मात्र एक राजनीतिक हथियार है; अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ़्तारी का किसी जाँच से कोई लेना देना नहीं है। अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ़्तारी लोकसभा चुनाव में विघ्न पैदा करने के लिए है।

वरिष्ठ आप नेता व कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि, कल राउज एवेन्यू कोर्ट में अरविंद केजरीवाल जी के रिमांड के बहस के दौरान ईडी के वकील एएसजी एसवी. राजू ने अनजाने में ईडी के असली मक़सद को कोर्ट और पूरी दुनिया के सामने रख दिया। कल एसवी राजू ने कोर्ट में कहा कि, हमें अरविंद केजरीवाल जी की कुछ दिन और हिरासत में रखने की ज़रूरत है क्योंकि उन्होंने हमें अपने फ़ोन का पासवर्ड नहीं बताया है।

उन्होंने कहा कि, ये वही ईडी है जिसनें ख़ुद बयान देकर कुछ दिन पहले ही बताया था कि जो फ़ोन एक्साइज पॉलिसी के बनने और लागू होने के समय अरविंद केजरीवाल जी के पास था, वो फ़ोन ईडी को नहीं मिला है। वो फ़ोन अरविंद केजरीवाल जी के पास नहीं है।

आतिशी ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी 2021 में बनती है और लागू नवंबर 2021 से अगस्त 2022 के बीच लागू होती है। अगस्त 2022 से अब अरविंद केजरीवाल जी की ईडी द्वारा गिरफ़्तार करने के बीच 1.5 साल से ज़्यादा समय बीत जाता है। ईडी ख़ुद ये बयान देती है कि हमने अरविंद केजरीवाल जी का जो फ़ोन ज़ब्त किया है वो मात्र कुछ महीने पुराना है।

तो फिर मैं ईडी से पूछना चाहती हूँ कि मात्र कुछ महीने पुराने फ़ोन को ईडी क्यों देखना चाहती है, जबकि ईडी को पता है कि वो फ़ोन पॉलिसी के दौरान का फ़ोन नहीं है।

उन्होंने कहा कि, अरविंद केजरीवाल जी के फ़ोन में ऐसा क्या है जो आज ईडी देखना चाहती है। ये न तो किसी किसी जाँच से जुड़ा हो सकता है और न ही एक्साइज पॉलिसी के बनने से जुड़ा हो सकता है।

आतिशी ने कहा कि, ईडी को अरविंद केजरीवाल जी के कुछ महीने पुराने फ़ोन में क्या मिलेगा? उन्हें कुछ महीने पुराने फ़ोन में लोकसभा चुनावों को लड़ने की रणनीति मिलेगी। इस फ़ोन से इंडिया एलायंस के नेताओं से अरविंद केजरीवाल जी की क्या बातचीत चल रही है वो मिलेगा। इस फ़ोन में आम आदमी पार्टी जिन 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उसका सर्वे मिलेगा, पूरा कैंपेन प्लान मिलेगा। इस फ़ोन में लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का कम्युनिकेशन, मीडिया, सोशल मीडिया प्लान मिलेगा।

तो अरविंद केजरीवाल जी के फ़ोन का पासवर्ड ईडी को नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी को चाहिए। वो अरविंद केजरीवाल जी के फ़ोन से ये जानना चाहते है कि, आम आदमी पार्टी की चुनाव में क्या तैयारी है; दिल्ली, पंजाब, गुजरात, असम के चुनाव लड़ने की क्या रणनीति है। वो जानना चाहते है आम आदमी पार्टी जहां चुनाव लड़ रही है वहाँ सर्वे क्या कहता है। इसलिए अरविंद केजरीवाल जी के फ़ोन का पासवर्ड ईडी को नहीं बल्कि भाजपा को चाहिए। और ईडी ने फिर से एक बार साबित कर दिया है कि, वो भाजपा का मात्र एक राजनीतिक हथियार है। अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ़्तारी का किसी जाँच से कोई लेना देना नहीं है। अरविंद केजरीवाल जी की गिरफ़्तारी लोकसभा चुनाव में विघ्न पैदा करने के लिए है। आम आदमी पार्टी और इंडिया एलायंस की चुनावी रणनीति जानना है

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