नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को चिट्ठी लिखकर केंद्र से GNCTD Amendment Act 2021 रद्द करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार से इस क़ानून को निरस्त करवाया जाये, ताकि हाल में गठित समितियां दिल्ली के लोगों के लिए काम कर सकें।
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि, “GNCTD Amendment Act 2021 ने विधानसभा समितियों की ताकत छीनी जिससे अब समितियां दिल्ली के रोज़मर्रा के प्रशासन या सरकारी फैसलों की जांच नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि, एक्साइज, परिवहन और स्वास्थ्य से जुड़ी CAG रिपोर्ट जाँच के लिए विचाराधीन है लेकिन नई बनी वित्तीय समितियों के सामने एक बड़ा संकट है — वे इन रिपोर्टों की जांच कैसे करें, क्योंकि GNCTD Amendment Act 2021 ऐसा करने से रोकता है।”
उन्होंने कहा कि, GNCTD Amendment Act 2021 समितियों को प्रशासनिक फैसलों की जांच से रोकता है। अगर यही स्थिति रही, तो वित्तीय समितियां अपना काम ढंग से नहीं कर पाएंगी। ऐसे में बिना शक्तियों के ये समितियां ना जांच कर पाएंगी और ना ही रिपोर्ट तैयार कर पाएंगी। और अगर वे कुछ करेंगी भी, तो अदालत में उसे रद्द किया जा सकता है।”
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा कि, “पिछले कुछ सालों में, दिल्ली विधानसभा की समितियों ने लोगों की ज़िंदगी से जुड़ी कई अहम समस्याओं को हल कराने में बड़ी भूमिका निभाई है — जैसे कि स्वास्थ्य, शहर का विकास और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दे। जब अधिकारियों की लापरवाही के कारण जलभराव की समस्या नहीं सुलझ रही थी, तब याचिका समिति ने खुद जाकर नालों का निरीक्षण किया और साफ़-सफाई कराई।”
इसी तरह, समितियों ने सहकारी बैंकों में भ्रष्टाचार, मोहल्ला क्लीनिकों में टेस्ट दोबारा शुरू कराना, विधवा और बुजुर्ग पेंशन बंद होने जैसे मुद्दों को भी उठाया।
इसीलिए मैं इन समितियों की शुरुआत के लिए आपका आभार व्यक्त करती हूं।मुझे विश्वास है कि ये समितियां जनता की समस्याएं उठाने में सभी विधायकों की मदद करेंगी — चाहे वे सरकार पक्ष से हों या विपक्ष से।
उन्होंने कहा कि, “मैं यह भी बताना चाहती हूं कि 2021 में संसद द्वारा पारित ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अधिनियम’ ने 1991 के पुराने कानून में बदलाव किया है। इस बदलाव के कारण दिल्ली विधानसभा की शक्तियां कम हो गई हैं और अब यह एक अजीब स्थिति पैदा हो गई है। नए संशोधन के अनुसार, विधानसभा अब ऐसा कोई नियम नहीं बना सकती जिससे वह या उसकी समितियां दिल्ली के रोज़मर्रा के प्रशासन या सरकारी फैसलों की जांच कर सकें। और अगर ऐसा कोई नियम पहले से बना था, तो वह अब अमान्य हो जाएगा।”
आतिशी ने कहा कि, “यह बहुत गंभीर विषय है, क्योंकि इससे समितियों की वो ताकत छिन जाती है जिससे वे दिल्ली सरकार के रोज़मर्रा के फैसलों की जांच कर सकती थीं। उदाहरण के लिए, इस समय तीन CAG रिपोर्टें ‘लोक लेखा समिति’ (PAC) के सामने विचाराधीन हैं:
- 2024 की रिपोर्ट नंबर 1 – दिल्ली में शराब आपूर्ति पर ऑडिट रिपोर्ट
- 2024 की रिपोर्ट नंबर 3 – सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर रिपोर्ट
- रिपोर्ट नंबर 2 – दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम पर रिपोर्ट
नियमों के अनुसार, PAC केवल खर्च और CAG रिपोर्टों की जांच कर सकती है, लेकिन ये तीनों रिपोर्टें पॉलिसी और प्रशासनिक फैसलों से जुड़ी हैं, न कि केवल खर्च से। इसलिए नई बनी वित्तीय समितियों के सामने एक बड़ा संकट है — वे इन रिपोर्टों की जांच कैसे करें, जबकि 2021 का संशोधन ऐसा करने से रोकता है?”
आतिशी ने कहा कि, “GNCTD Amendment Act 2021 समितियों को प्रशासनिक फैसलों की जांच से रोकता है। अगर यही स्थिति रही, तो वित्तीय समितियां अपना काम ढंग से नहीं कर पाएंगी। इसलिए मैं आपसे निवेदन करती हूं कि आप यह मुद्दा केंद्रीय गृह मंत्रालय के सामने उठाएं और GNCTD Amendment Act 2021 को रद्द करने की मांग करें।”
उन्होंने कहा कि, “अगर यह कानून नहीं हटाया गया, तो लोक लेखा समिति, अनुमान समिति जैसी समितियां अपने असली उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाएंगी। बिना शक्तियों के ये समितियां ना जांच कर पाएंगी और ना ही रिपोर्ट तैयार कर पाएंगी। और अगर वे कुछ करेंगी भी, तो अदालत में उसे रद्द किया जा सकता है।”
आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा कि, “यह मामला दिल्ली विधानसभा और उसकी समितियों के सही कामकाज से जुड़ा है। मुझे उम्मीद है कि आप इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार से GNCTD Amendment Act 2021 को रद्द करने की मांग करेंगे।”