पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बड़ी ही आश्चर्य की बात है, कि दिल्ली दंगों में भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा की भूमिका पर एफआईआर दर्ज करने में 5 साल का समय लग गया। उन्होंने कहा हालांकि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का काम दिल्ली पुलिस का था, परंतु पुलिस ने अपना काम नहीं किया मजबूरन राउज़ एवेन्यू कोर्ट को कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी करना पड़ा । उन्होंने बताया ख़बरों के मुताबिक दिल्ली में 24 फरवरी 2020 से लेकर 26 फरवरी 2020 तक नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में बड़े स्तर पर दंगे हुए, जिसमें 53 लोगों की जान गई और 500 से भी अधिक लोग घायल हुए तथा करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच के जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली के स्पेशल पुलिस कमिश्नर प्रवीन रंजन और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस संबंध में प्रश्न पूछा कि अब तक कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई, तो दोनों ही व्यक्तियों ने जवाब दिया कि हमने वह वीडियो अभी तक नहीं देखा जिसमें कपिल मिश्रा भड़काऊ बयान दे रहे हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बेशर्मी की हद है, जहां एक तरफ पूरे देश का मीडिया हर जगह कपिल मिश्रा के उस भड़काऊ भाषण की वीडियो लगातार चला रही थी, वहां पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर और केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील हाई कोर्ट के सामने यह कह रहे थे, कि हमने तो वह वीडियो देखा ही नहीं है। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस पर जस्टिस मुरलीधर ने कोर्ट में दंगों से जुड़े चार अलग-अलग वीडियो चलवाए जिसमें वह वीडियो भी चलाया गया, जिसमें कपिल मिश्रा दिल्ली पुलिस के डीसीपी तथा अन्य पुलिस कर्मियों के साथ खड़े होकर भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। इसके बाद यह आरोप लगे कि कपिल मिश्रा के इस भाषण के पश्चात वहां पर लोग भड़के, पत्थरबाजी शुरू हुई और दंगा भड़क गया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कपिल मिश्रा के वह भड़काऊ वीडियो आज भी सोशल मीडिया पर मौजूद हैं, उस वीडियो को आज भी देखा जा सकता है, कि किस प्रकार से कपिल मिश्रा ने दो अलग-अलग धर्म के लोगों के बीच झगड़ा पैदा करने के लिए भड़काऊ भाषण दिया और वह भी ऐसे समय पर जबकि दिल्ली में माहौल पहले से ही बहुत अधिक बिगड़ा हुआ था।
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जस्टिस मुरलीधर ने 26 फरवरी को स्पेशल पुलिस कमिश्नर को यह आदेश दिया, कि आप इन वीडियो को देखें और तुरंत प्रभाव से इस पर कार्यवाही करें। स्पेशल पुलिस कमिश्नर ने जस्टिस मुरलीधर को आश्वासन देते हुए कहा कि मैं तुरंत पुलिस कमिश्नर साहब के साथ बैठकर इन वीडियो को देखता हूं और तुरंत प्रभाव से इस पर कार्यवाही की जाएगी और अगले दिन कार्यवाही की रिपोर्ट आपको प्रस्तुत की जाएगी। सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों को बताया कि जब जस्टिस मुरलीधर ने तुषार मेहता जी से पूछा कि आपने इस मामले में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की, तो तुषार मेहता जी ने जवाब दिया की सही समय आने पर फिर दर्ज कर ली जाएगी। इस पर जस्टिस मुरलीधर ने नाराज होते हुए उनसे पूछा कि आपके हिसाब से सही समय कब होगा जब पूरा दिल्ली शहर जल जाएगा? हजारों लोग मार दिए जाएंगे? तब आप एफआईआर दर्ज करोगे। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जस्टिस मुरलीधर ने सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच द्वारा ललिता कुमारी के मामले में दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा, कि यह देश का कानून है जहां कहीं ऐसी स्थिति हो तुरंत प्रभाव से चाहे लिखित जानकारी प्राप्त हो या मौखिक जानकारी प्राप्त हो पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी है और कार्यवाही करनी है यह इस देश का कानून है।
मामले का खुलासा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 26 तारीख को जस्टिस मुरलीधर ने एफआईआर के लिए आदेश दिए। 26 फरवरी की रात को ही कॉलेजियम बैठा और जस्टिस मुरलीधर का तबादला दिल्ली हाई कोर्ट से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट कर दिया गया। तबादले के पश्चात रोस्टर बदला गया और यह मामला उस वक्त के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरिशंकर की बेंच के समक्ष आया। जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरिशंकर ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा ललिता कुमारी मामले में दिए गए आदेश और सारे नियम कानून को दरकिनार करते हुए, पुलिस को आदेश दिया की पूरी की पूरी छानबीन कीजिए और 4 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कीजिए और यह पूरा का पूरा मामला ठंडा बस्ते में चला गया। सौरभ भारद्वाज ने कहा यह सच्चाई है इस देश की सरकार की और इस देश की न्याय व्यवस्था की।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली दंगों को 5 साल बीत गए हैं और 5 साल बाद राऊज़ एवेन्यू कोर्ट के जस्टिस वैभव चौरसिया ने जिस प्रकार से कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं, उनका यह साहस सराहनीय है। सौरभ भारद्वाज ने कहा परंतु न्याय की उम्मीद बहुत कम है। क्योंकि जांच उसी दिल्ली पुलिस को करनी है जिसने पिछले 5 साल इस मामले की जांच में लगा दिए और कपिल मिश्रा को अपनी पुरानी रिपोर्