आम आदमी पार्टी ने बेरोजगार बस मार्शलों को बहाल करने का वादा नहीं पूरा करने पर बीजेपी तीखा हमला बोला है। ‘‘आप’’ का कहना है कि बीजेपी की वादाखिलाफी और धोखेबाजी के खिलाफ हजारों बस मार्शल सड़कों पर उतर पर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं। शुक्रवार को भी हजारों बस मार्शलों ने सिविल लाइन में बीजेपी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की और भाजपा को चुनाव के दौरान किए गए वादे की याद दिलाई। बारिश के बावजूद बस मार्शल काफी देर तक सड़क पर डटे रहे, लेकिन बीजेपी की तरफ से उन्हें आश्वासन नहीं मिला। सरकार बने लगभग 5 महीने हो चुके हैं लेकिन बीजेपी इन बस मार्शलों की एक बात तक नहीं सुन रही है।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह बस मार्शल बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए लगाए गए थे। जिसके बाद से बसों में सफर करने वाली महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही थीं, लेकिन महिला विरोधी बीजेपी को यह पसंद नहीं था और उसने अपने एलजी के जरिए हजारों बस मार्शलों को नौकरी से निकवा दिया। वहीं, चुनाव से पहले बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेता अन्य नेताओं ने इन बस मार्शलों से वादा किया था कि बीजेपी की सरकार बनने के 60 दिन के अंदर सबकी नौकरी पक्की कर दी जाएगी। बस मार्शल बीजेपी के इस झूठे वादे में गुमराह हो गए और उसकी सरकार बनवा दी, लेकिन सरकार बनते ही बीजेपी अपने वादे को भूल गई और बस मार्शलों की नौकरी पक्की करने को लेकर टाल-मटोल कर रही है। बस मार्शल पूछ रहे हैं कि कहां गया बीजेपी का वादा, 60 दिन से 100 दिन हो गए, क्या है भाजपा का इरादा।
उधर, बस मार्शलों का कहना है कि 31 अक्टूबर 2023 को सभी बस मार्शलों को अचानक हमें नौकरी से निकाल दिया गया। हमने जब कारण पूछा तो नियमों का हवाला दिया गया। दिल्ली सचिवालय और विधानसभा में बस मार्शलों को पक्का करने का प्रस्ताव पास किया गया है। चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने बस मार्शलों से वादा किया था कि 60 दिन के अंदर नौकरी बहाल कर देंगे। लेकिन अभी तक उन्हें नौकरी वापस नहीं मिली है। जबकि बीजेपी सरकार बने 5 महीने हो गए हैं। हम लगातार धरना-प्रदर्शन कर बीजेपी से पूछ रहे हैं कि हमारा रोजगार कहां है। लेकिन बीजेपी सरकार की कानों में जू नहीं रेंग रही है। क्या सचिवालय और विधानसभा झूठी है। अगर ये झूठे हैं तो इनको बंद कर दिया जाए। बीजेपी की सरकार सरकारी कागजों को भी कुछ नहीं समझ रही है। अगर बीजेपी सरकार हमें पक्का नहीं करना चाहती है तो हमें सीधा मना कर दे।
बस मार्शलों का कहना है कि हम अपने हक के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कोराना जैसी महामारी में बस मार्शल अपनी जान खतरे में रख कर काम किए हैं। बस मार्शलों की कोई गलती नहीं है। हमें हमारा रोजगार मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री सिर्फ आश्वासन दे रही हैं। हम सभी गरीब परिवारों से आते हैं। नौकरी जाने की वजह से घर चलाना मुश्किल हो गया है। बीजेपी ने सरकार बनने के 60 दिन के अंदर रोजगार देने का वादा किया था। बीजेपी पर भरोसा करके हमने गलती कर दी।