आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को जंगपुरा स्थित सनलाइट कॉलोनी में ‘शिक्षा पर बात, माता-पिता के साथ’ पहल के तहत सरकारी स्कूलों में मिलने वाली शिक्षा को और बेहतर बनाने पर चर्चा की। अभिभावकों से संवाद के दौराव उन्होंने सभी बच्चों के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि केवल अच्छी शिक्षा की लोगों की गरीबी दूर कर सकती है। दिल्ली में हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए अगर हमें चाहे कितना भी संघर्ष करना पड़े या किसी से अपील करनी पड़े हम वो भी करने के लिए तैयार हैं।दिल्ली की शिक्षा प्रणाली के भविष्य को आकार देने के लिए माता-पिता को नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय रूप से जोड़ने पर केंद्रित इस विशेष कार्यक्रम में विधायक प्रवीण कुमार और वार्ड काउंसलर सरिका चौधरी मौजूद थे।
जंगपुरा विधानसभा में आयोजित इस सत्र में 150 से अधिक माता-पिता ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने और दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्रांतिकारी बदलाव लाने में अहम भूमिका के लिए मनीष सिसोदिया का धन्यवाद किया। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा किए गए सुधारों की तारीफ की। बातचीत के दौरान कई माता-पिता ने मनीष सिसोदिया से कहा कि वह चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी के शिक्षा सुधारों में कोई विघ्न न आए, ताकि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलती रहे।
शिक्षा पर बात कार्यक्रम के इस सत्र में शामिल हुए लगभग 40 फीसद माता-पिता दिल्ली सरकार के स्कूलों से पढ़े हुए थे। उन्होंने अपने अनुभवों की तुलना करते हुए कहा कि वो कभी नहीं सोच सकते थे कि एक सरकारी स्कूल भी निजी स्कूलों जैसा बन सकता है। एक माता-पिता ने कहा कि स्कूल इस कदर बदल चुका है कि अब हम उसे पहचान नहीं पा रहे हैं। आज जिस स्कूल में उनकी बच्ची पढ़ रही है सालों पहले वह भी वहीं से पढ़ कर निकले थे।
दिल्ली में जब से अरविंद केजरीवाल की सरकार आई है तब से सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में शानदार सुधार हुए हैं। मनीष सिसोदिया के शिक्षा मंत्री रहते हुए पिछले सात सालों में सरकारी स्कूल के नजीते प्राइवेट स्कूलों से काफी अच्छे हैं। बच्चों के माता-पिता ने दिल्ली के आधुनिक सरकारी स्कूल बनाने, टीचर्स को विदेश में अच्छी ट्रेनिंग कराने और बच्चों को आईआईटी, जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग जैसी पहलों के लिए धन्यवाद किया
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की ‘शिक्षा पर बात, माता-पिता के साथ पहल के तहत भविष्य में शिक्षा प्रणाली को आकार देने के लिए नीति निर्माताओं और बच्चों के माता-पिता आपस में संवाद करते हैं। इन सत्रों के दौरान मनीष सिसोदिया माता-पिता को शिक्षा के भविष्य पर अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। जिसमें शिक्षा में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल,, भविष्य के रोजगार के लिए जरूरी कौशल का विकास करना और एक एक समान, समावेशी शिक्षा व्यवस्था का निर्माण। यह कार्यक्रम दिल्ली के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा नीति बनाने में हर माता-पिता की आवाज़ सुनी जा सके।
कार्यक्रम से पहले मनीष सिसोदिया ने एक पत्र के जरिए बच्चों के माता-पिता को निमंत्रण भेजा था। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि “मुझे उम्मीद है कि आपके बच्चे स्कूल और घर में अच्छी तरह पढ़ाई कर रहे होंगे। अरविंद केजरीवाल और मैं हमेशा आपके बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देते हैं। जब दस साल पहले मुझे उप-मुख्यमंत्री बनाया गया था, तब केजरीवाल जी ने मुझसे एक बात कही थी कि “दिल्ली के हर बच्चे को, यहां तक कि सबसे गरीब परिवार के बच्चों को भी ऐसी शिक्षा व्यवस्था दो, जैसे कि तुम अपने बेटे-बेटी के लिए कर रहे हो।” और हमने वही किया। आज अरविंद केजरीवाल का बेटा इंजीनियरिंग के लिए एक बड़े आईआईटी संस्थान में पढ़ रहा है और इसी तरह की पढ़ाई एक ऐसे व्यक्ति का बेटा भी कर रहा है, जो सड़क किनारे कपड़े प्रेस करके अपना गुजारा करता है।”
पत्र में आगे कहा गया है कि दिल्ली में हर बच्चे को बेहतरीन शिक्षा मिले, इसके लिए ‘आप’ ने बच्चों के लिए शानदार स्कूल बनाए हैं। “हमने शिक्षकों और प्रिंसिपल्स को विश्व स्तरीय ट्रेनिंग दिलवाई, मेगा पीटीएम के माध्यम से हर बच्चे से लगातार संवाद बनाए रखा और स्कूलों में नए पाठ्यक्रम लागू किए। हमने नीट, जेईई, एनडीए और सीयूईटी जैसी परीक्षाओं के लिए स्कूलों में मुफ्त प्रशिक्षण भी दिया। इन प्रयासों के कारण पिछले सात सालों से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे लगातार निजी स्कूलों से बेहतर रहे हैं। हर साल हजारों बच्चे आईआईटी-जेईई और नीट परीक्षा पास कर इंजीनियरिंग और मेडिकल की बेहतरीन पढ़ाई कर रहे हैं।”
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी, दूरदर्शिता और कड़ी मेहनत की वजह से दिल्ली में गरीब बच्चों के सपने अब ऊंची उड़ान भर रहे हैं। “आज वे ऐसी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जो पहले सिर्फ उन बच्चों को मिलती थी, जिनके माता-पिता निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों की महंगी फीस भर सकते थे।”
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि “हमारा उद्देश्य इस गति को बनाए रखना है, ताकि यह काम कभी रुके नहीं। लेकिन अफसोस की बात यह है कि देश में अभी भी कुछ लोग हैं जो नहीं चाहते कि गरीब बच्चे सफल हों। उन्हें डर है कि अगर हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी, तो उनके अपने बच्चों के लिए अवसर कम हो जाएंगे। हमें इस मानसिकता का सामना करना होगा और ऐसे लोगों को सरकार में आने से रोकना होगा, ताकि वे आपके बच्चों की शिक्षा में रुकावट न डाल सकें।”
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें भविष्य के लिए तैयारी करनी चाहिए। “हमें यह सोचना होगा कि दिल्ली के शिक्षा सिस्टम को कैसे और बेहतर बनाया जाए, ताकि आपके बच्चे दुनिया में सबसे सर्वश्रेष्ठ बन सकें। तकनीकी बदलाव दुनिया को तेजी से बदल रहे हैं, और आने वाले सालों में जो नौकरियाँ और काम आज हम देखते हैं, वे नहीं होंगे। इसलिए यह जरूरी है कि हम अपने बच्चों को ऐसी स्किल सिखाएं, जो उन्हें आने वाले कल के लिए तैयार कर सकें।”
इसके बाद मनीष सिसोेदिया ने दिल्ली के शिक्षा मंत्री के तौर पर अपने काम के बारे में बताया। मनीष सिसोदिया ने कहा कि “मैंने आपके बच्चों के लिए दिन-रात मेहनत की। मैं सुबह 7 बजे तक स्कूल पहुंच जाता था, बच्चों और शिक्षकों से बात करता था और पूछता था कि उन्हें क्या चाहिए। जहां इमारतें खराब थीं, वहां नई इमारतें बनवाईं। जहां शिक्षक नहीं थे, वहां अच्छे शिक्षक उपलब्ध कराए। जहां लैब्स और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएँ नहीं थीं, वहां वो भी बनवाई। कई स्कूलों में स्विमिंग पूल और बेहतरीन खेल के मैदान बनवाए। मैंने शिक्षा मंत्री के रूप में बहुत मेहनत, समर्पण और ईमानदारी से काम किया।”
मनीष सिसोदिया ने कहा कि “अब, चलिए भविष्य की बात करते हैं। मुझे आपकी सलाह चाहिए कि अगले पांच सालों में आपकी सरकार आपके बच्चों की शिक्षा के लिए क्या करें। हमें स्कूलों में कौन सी सुविधाएँ देनी चाहिए, और हमें चीजें कैसे व्यवस्थित करनी चाहिए? अच्छे स्कूल बनाना, अच्छे परिणाम हासिल करना, और बेहतरीन शिक्षक प्रशिक्षण देना जारी रहेगा, लेकिन इसके अलावा हमें और क्या करना चाहिए? हम यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि तकनीक जो बदलाव हमारे जीवन में ला रही है, वह बच्चों के लिए फायदेमंद हो, न कि हानिकारक? हमें बच्चों में कौन सी क्षमताएँ विकसित करनी चाहिए, ताकि वे अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अपनी पसंद की नौकरी पा सकें या अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें? हम क्या कर सकते हैं, या क्या नहीं करना चाहिए, ताकि सभी बच्चों में आत्मविश्वास बढ़े, वे खुश रहें, बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें, संविधान का पालन करें, भेदभाव से बचें, और अपने परिवारों और देश की प्रगति के बारे में सोचें?”
पत्र के आखिर में लिखा गया है कि “मैं इन मुद्दों पर दिल्ली भर के सरकारी स्कूलों के बच्चों के माता-पिता से बातचीत कर रहा हूं। आखिर में, मैं यही कहना चाहता हूं कि जितना गहराई से हम आज इन मुद्दों पर सोचेंगे, उतना ही बेहतर हम कल आपके बच्चों को एक उज्जवल भविष्य देने के लिए तैयार होंगे। इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इसमें भाग लें।”