दिल्ली विधानसभा में देश की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले की तस्वीर लगाने का प्रस्ताव रखने पर भाजपा के स्पीकर ने आम आदमी पार्टी के चार विधायकों को प्रिविलेज नोटिस पकड़ा दिया है। आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता व विधानसभा की पूर्व डिप्टी स्पीकर ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि पहली दलित महिला शिक्षिका का विधानसभा में चित्र लगाने की मांग पर तानाशाही रवैया अपनाना और विधायकों को प्रिविलेज नोटिस भेजकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करना स्पष्ट करता है कि भाजपा दलितों और महिलाओं का सम्मान नहीं करती। लेकिन आम आदमी पार्टी, भाजपा की दलित, महिला और महान विभूतियों के ख़िलाफ़ किसी भी अपमानजनक काम को कामयाब नहीं होने देगी।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता व विधानसभा की पूर्व उपाध्यक्ष राखी बिड़लान ने विधायक कुलदीप कुमार के साथ शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता द्वारा पार्टी के विधायकों को प्रिविलेज नोटिस भेजे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि हाल ही में दिल्ली विधानसभा की सामान्य प्रयोजन समिति की बैठक हुई थी, जिसमें देश के विभिन्न महापुरुषों की तस्वीरें विधानसभा में लगाने पर चर्चा हुई। इस दौरान जब “आप” के विधायकों ने माता सावित्रीबाई फुले का चित्र लगाने की मांग की, अब उन्हें नोटिस जारी कर दिया है।
राखी बिड़लान ने बताया कि जब विधायकों ने इस मुद्दे को मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाने की कोशिश की, तो तानाशाही रवैया अपनाते हुए चार विधायकों को नोटिस भेजा। माता सावित्रीबाई फुले कोई साधारण शख्सियत नहीं हैं। वे देश की पहली महिला शिक्षिका हैं, जिन्होंने 1848 में महिलाओं के लिए पहला स्कूल खोला।
राखी बिड़लान ने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले को देश की पहली दलित महिला शिक्षिका के रूप में पूजा जाता है। उनके विचारों और शिक्षा के अनुसरण से आज देश में महिलाएं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, विधायक, मंत्री, इंजीनियर, फाइटर जैसे विभिन्न पदों पर पहुंची हैं। ऐसी महान नायिका और पहली दलित महिला शिक्षिका का चित्र लगाने की मांग पर तानाशाही दिखाना और विधायकों को प्रिविलेज नोटिस भेजकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करना स्पष्ट करता है कि भाजपा दलितों और महिलाओं का सम्मान नहीं करती।
राखी बिड़लान ने कहा कि भाजपा की दलित विरोधी और महिला विरोधी मानसिकता जगजाहिर है। चाहे दलित समाज के महापुरुष हों, धर्म गुरु हों या देश की पहली महिला शिक्षिका, भाजपा किसी का सम्मान नहीं करती। यह घटना साबित करती है कि भाजपा न केवल दलित और महिला विरोधी है, बल्कि देश में शिक्षा की अलख जगाने वालों के प्रति भी उनके मन में घृणा है। भाजपा अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय देती आई है।
राखी बिड़लान ने भाजपा से कहा कि जिस संविधान की शपथ लेकर लोग बड़े-बड़े पदों पर बैठते हैं और लोकतंत्र के महापर्व के जरिए सत्ता में आते हैं, वह डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित है। फिर भी लोकसभा चुनाव में उनके नेताओं ने बार-बार संविधान बदलने की बात कही। दिल्ली विधानसभा में माता सावित्रीबाई फुले का चित्र लगाने की मांग पर तानाशाही रवैया अपनाना अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। “आप” इसके खिलाफ पुरजोर आवाज उठाएगी। “आप” विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता से यह मांग करती है कि वे तुरंत माता सावित्रीबाई फुले का चित्र विधानसभा परिसर में लगवाएं।
“आप” के वरिष्ठ नेता व विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि कुछ दिन पहले हमने प्रेस वार्ता में बताया था कि भाजपा से मांग की गई थी कि दिल्ली विधानसभा में माता सावित्रीबाई फुले का चित्र लगाया जाए, जिन्होंने देश की महिलाओं के लिए पहला स्कूल खोलकर उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाया। लेकिन भाजपा की मानसिकता सब जानते हैं। एक दलित महिला शिक्षिका का चित्र विधानसभा में लगाने की मांग करना इतना बड़ा गुनाह माना गया कि हमें प्रिविलेज हनन का नोटिस भेज दिया गया। इतने बड़े गुनाह के लिए तो हमें फांसी की सजा होनी चाहिए थी।
कुलदीप कुमार ने कहा कि जब माता सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं के लिए पहला स्कूल खोला, तो उनके ऊपर कीचड़ उछाला गया। उन्हें मारा गया, उनके स्कूल को तोड़ा गया और गांव से बहिष्कार की धमकी दी गई। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। आज भाजपा हमें डराने की कोशिश कर रही है, जैसा कि माता सावित्रीबाई फुले और महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ किया गया था। लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। ये वही भाजपा है, जिसका मूल संगठन आरएसएस है, जिसने हमेशा संविधान का अपमान किया। आज तक उनके किसी भी प्रमुख पद पर न तो दलित रहा, न ही महिला रही।

कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा की संकीर्ण मानसिकता तब भी दिखी जब राम मंदिर के शिलान्यास और उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया, क्योंकि वे दलित और आदिवासी थे। हाल ही में माता सावित्रीबाई फुले और महात्मा ज्योतिबा फुले के जीवन पर बनी फिल्म का भी विरोध हुआ। सभी जानते हैं उस फिल्म का विरोध करने वाले कौन लोग थे? आज वह मानसिकता वाले लोग विधानसभा में माता सावित्रीबाई फुले की तस्वीर लगाने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कई फिल्में हैं, जिन्हें केंद्र सरकार ने टैक्स-फ्री किया है। लेकिन उन्होंने माता सावित्रीबाई फुले पर आधारित फिल्म को टैक्स-फ्री नहीं किया। भाजपा के कितने मंत्रियों ने फिल्म देखी? वे माता सावित्रीबाई फुले के संघर्ष को दबाना चाहते हैं।
कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा ने हमें प्रिविलेज नोटिस भेजकर दबाने की कोशिश की, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। जब दिल्ली विधानसभा में बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर हटाने की कोशिश हुई, तो हमने विरोध किया और हमें विधानसभा से निकाल दिया गया। अब माता सावित्रीबाई फुले का चित्र लगाने की मांग पर हमें नोटिस भेजा गया। यह तानाशाही दिखाता है कि भाजपा बाबासाहेब अंबेडकर और माता सावित्रीबाई फुले का विरोध करती है। “आप” पूछती है कि भाजपा को माता सावित्रीबाई फुले के चित्र से क्या आपत्ति है?
कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा को सद्बुद्धि मिले और वे तुरंत दिल्ली विधानसभा में माता सावित्रीबाई फुले का चित्र लगाएं, जो देश की महिलाओं और दलितों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। भाजपा अपनी दलित विरोधी मानसिकता को छोड़कर इस कार्य को तुरंत करें।