भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए राजघाट परिसर में जगह न देने पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है। शनिवार को “आप” के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि यह खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया गया। इसके पहले भारत के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था। उन्होंने कहा कि सिख समाज से आने वाले, पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त, 10 वर्ष भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह जी के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए बीजेपी की केंद्र सरकार 1000 गज़ जमीन भी न दे सकी? वहीं, वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए राजघाट परिसर में जगह न देकर पूरे सिख समुदाय का अपमान किया है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सबसे ज्यादा अफसोस की बात है कि ऐसे मुद्दे पर भी हम लोगों को बात करनी पड़ रही है। यह दिखाता है कि सरकार की सोच कितनी छोटी और ओछी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैं पूछना चाहता हूं कि भारत के एक महान अर्थशास्त्री जिनकी पूरी दुनिया में कद्र है। भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने अपनी जिंदगी के दस वर्ष इस देश को आगे बढ़ाने के लिए लगाए। डॉ. मनमोहन सिंह सिख समाज से आने वाले भारत के एक मात्र प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले देश के लगभग सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट परिसर में हुआ है। लेकिन ये लोग राजघाट परिसर में डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए जगह देने को तैयार नहीं हैं। यह भाजपा की सोच है। यह अपने आप को संस्कारी पार्टी कहते हैं। यह अपने आप को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहते हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी है, लेकिन सबसे छोटी मानसिकता वाली पार्टी है। मुझे बहुत अफसोस है। इससे कहीं न कहीं पूरी दुनिया में रह रहे और भारत में रहने वाला एक-एक व्यक्ति शर्मसार है कि मोदी सरकार यह क्या कर रही है? देश के प्रधानमंत्री रह चुके एक व्यक्ति को यह राजघाट परिसर में जगह देने के लिए तैयार नहीं है? एक पूर्व प्रधानमंत्री का नाम बताइए जिसका अंतिम संस्कार निगम बोध घाट में हुआ हो। फिर चाहे वो अटल बिहारी वाजपेयी हों, राजीव गांधी हों या इंदिरा गांधी हों।
संजय सिंह ने आगे कहा कि यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है? यह दिखाता है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी, छोटी मानसिकता वाली और छोटे दिल वाली पार्टी है। यह भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की सोच को दिखाता है। डॉ. मनमोहन सिंह सिख समाज से आने वाले एकमात्र प्रधानमंत्री हैं। इससे पंजाब में रहने वाले लोग और पूरी दुनिया में रह रहे सिख समाज के लोग अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे होंगे। इस देश के 144 करोड़ लोग जो हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था रखते हैं, जो डॉ. मनमोहन सिंह के किए गए कार्यों की सराहना करते हैं, उनसे उन्हें भी तकलीफ हुई होगी। आज पूरी दुनिया में यही छपेगा कि भारत में एक ऐसी सरकार है जो अपने पूर्व प्रधानमंत्री के लिए राजघाट के परिसर में जगह देने के लिए तैयार नहीं है। सरकार उनके परिवार की इच्छा के अनुरूप अंतिम संस्कार और अंत्येष्टि करने के लिए तैयार नहीं है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
वहीं ‘आप’ के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं कि देश के दस साल तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह को, जिसे पूरी दुनिया एक विद्वान मानती है। उनकी आर्थिक नीतियां दुनियाभर के विश्वविद्यालयों में पढ़ी और पढ़ाई जाती हैं। जिन्होंने देश को आर्थिक मंदी से बचाया। उदारीकरण में देश को आगे ले गए। एक सिख समुदाय से आने वाले प्रधानमंत्री का दिल्ली के निगम बोध घाट में अंतिम संस्कार हुआ। निगम बोध घाट डॉ. मनमोहन सिंह के लिए? क्या हमारी देश की राजनीति इतनी निम्न हो गई कि केंद्र सरकार देश के एक विद्वान प्रधानमंत्री के लिए दिल्ली में एक हजार गज जमीन भी नहीं दे पा रही है? यह शर्मसार करने वाली बात है। इन मामलों के अंदर राजनीति नहीं करनी चाहिए।