आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता द्वारा यमुना में डूबे भाजपा नेता को बचाने को लेकर कोई खास गंभीर प्रयास नहीं किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। “आप” के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि महरौली में जिस जगह यमुना में सीएम रेखा गुप्ता और मंत्री प्रवेश वर्मा नौका यात्रा कर रहे थे, उसी दौरान वहां भाजपा का मंडल प्रभारी कुलदीप नैलवाल पानी में डूब गए, लेकिन सीएम की आगवानी में लगी एनडीआरएफ ने उनको बचाने या खोजने की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने सीएम रेखा गुप्ता से पूछा कि क्या सीएम की फोटो-ऑप एक आदमी की जान से बड़ी है।
सौरभ भारद्वाज ने दो वीडियो भी एक्स पर साझा किया है, जिसमें नौका यात्रा करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ मंत्री प्रवेश वर्मा दिखाई दे रहे हैं। दूसरी वीडियो में ग्रामीण हैं जो भाजपा नेता के डूबने की सूचना पर यमुना किनारे एकत्र हुए हैं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जहां मंत्री परवेश वर्मा ने फोटो -ऑप किया, वहां महरौली में आदमी की लाश तक नहीं मिली। जब यमुना में प्रदूषण कम नहीं हुआ यो किस बात का इवेंट? सीएम का काम सिर्फ वीडियो बनाना ही रह गया है ? पूरा दिन रील बनाने वाली सीएम फाइल कब देखती हैं? रोज़ झाड़ू लगाकर वीडियो बनाया जाता है, मगर दिल्ली में जगह जगह कूड़ा पड़ा है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधायक संजीव झा ने यमुना में डूबे व्यक्ति को बचाने का महज दिखावा कर रही भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया और एक्स पर कहा कि यमुना घाट पर एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष और वर्तमान मंडल प्रभारी कुलदीप नैलवाल यमुना में डूब गए। उसी समय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता उसी घाट से नौका यात्रा करते हुए गुजरीं, लेकिन एनडीआरएफ की टीम मुख्यमंत्री की अगवानी में व्यस्त रही और डूबते व्यक्ति को बचाने कोई नहीं पहुंचा।
संजीव झा ने कहा कि 6 घंटे तक इंतज़ार के बाद भी सरकारी मदद नहीं आई आखिरकार पैसे देकर निजी गोताखोरों से शव निकलवाया गया। सोचने वाली बात ये है कि जब मुख्यमंत्री की सुरक्षा और स्वागत में तैनात टीमें जनता को बचाने की बजाय फोटो-ऑप में लगी रहें, तो आम आदमी की जान की कीमत क्या रह जाती है? यह घटना दिखाती है कि इस सरकार के लिए जनसेवा नहीं, दिखावा प्राथमिकता बन चुकी है। हम कुलदीप नैलवाल जी को श्रद्धांजलि देते हैं और सरकार जवाब दे कि क्या मुख्यमंत्री की “अगवानी” एक व्यक्ति की जान से ज्यादा कीमती थी?
इस घटना की वीडियो जारी कर मौके पर मौजूद एक व्यक्ति ने कहा कि कोई व्यक्ति नदी में डूब रहा हो, तो क्या बचाने के लिए सीढ़ी लाते हैं? क्या सिर्फ कच्छा पहने गोताखोर बिना उपकरण के कूद पड़ते हैं? यमुना में डूबे कुलदीप नैनवाल की बॉडी सर्च ऑपरेशन के नाम पर मजाक हुआ। सुबह 7 बजे कुलदीप नैनवाल के डूबने की खबर मिली, लेकिन 11 बजे तक ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ प्रशिक्षित गोताखोर नहीं पहुंचे। फायर ब्रिगेड की गाड़ी आई और चली गई। एक नाव नदी के ऊपर घूम रही है, लेकिन नीचे डूबे व्यक्ति को ढूंढने का क्या फायदा?