दिल्ली में एक भी झुग्गी नहीं तोड़ी जा रही का दावा करने वाली सीएम रेखा गुप्ता का झूठ महज 48 घंटे में ही दिल्लीवालों के सामने आ गया। कालकाजी के भूमिहीन कैंप की झुग्गियों पर बुधवार को डीडीए ने बुलडोजर चलाने की योजना बनाई है। पुलिस-सीआरपीएफ ने पूरे इलाके को घेर लिया है और निवासियों को जबरदस्ती उनके घरों से निकाला जा रहा है। पहले भाजपा झुग्गियां तोड़ने के लिए कोर्ट से ऑर्डर लाती है और फिर उसके पीछे छिपकर कहती है कि कोर्ट का ऑर्डर है। मंगलवार को भूमिहीन कैंप के कुछ निवासियों के साथ ‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर दिल्ली की पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने यह बातें कहीं।
उधर, ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा कि भाजपा ने वादा तो किया था ‘‘जहां झुग्गी, वहां मकान’’, लेकिन हकीकत ये है कि जहां-जहां झुग्गियां हैं, वहां भाजपा का बुलडोज़र पहुंच रहा है। भाजपा की “जहां झुग्गी-वहां बुलडोज़र” वाली राजनीति के खिलाफ हम आवाज़ उठाते रहेंगे। आम आदमी पार्टी इस अमानवीय, गरीब विरोधी तानाशाही के खिलाफ डटकर लड़ती रहेगी।
प्रेसवार्ता के दौरान आतिशी ने कहा कि ये लोग 20 से 50 साल से यहां रह रहे हैं। ये कालका जी में काम करते हैं, उनके बच्चे यहीं स्कूलों में पढ़ते हैं। अगर उनके घर तोड़े गए, तो ये लोग कहां जाएंगे? विडंबना यह है कि भूमिहीन कैंप से 500 मीटर की दूरी पर डीडीए के 3024 फ्लैट हैं, लेकिन केवल 1862 फ्लैट ही अलॉट किए गए। बाकी फ्लैट इन झुग्गीवासियों को क्यों नहीं दिए जा रहे? भाजपा ने वादा किया था कि जहां झुग्गी, वहां मकान देंगे, लेकिन भूमिहीन कैंप के आधे से ज्यादा निवासियों को मकान नहीं मिले और अब बिना मकान आवंटित किए उनकी झुग्गियां तोड़ी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि डीडीए और दिल्ली पुलिस की योजना है कि बुधवार को भूमिहीन कैंप में बुलडोजर चलाया जाए।
आतिशी ने कहा कि सीएम रेखा गुप्ता कहती हैं कि कोर्ट का ऑर्डर है और सरकार आदेश का पालन कर रही है। लेकिन यह ऑर्डर कैसे आया? जब भूमिहीन कैंप के निवासी मकान मांगने कोर्ट गए, तो भाजपा की डीडीए और दिल्ली सरकार ने मकान देने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कोर्ट में मकान अलॉटमेंट का विरोध किया और कहा कि इन झुग्गियों को तोड़ा जाए। झुग्गियां तोड़ने के लिए कोर्ट का ऑर्डर भी भाजपा की डीडीए, दिल्ली सरकार और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) ने ही लाया। भाजपा ने इन गरीब झुग्गीवालों के खिलाफ बड़े-बड़े वकील हाईकोर्ट में खड़े किए और कहा कि हम झुग्गीवासियों को मकान नहीं देंगे, झुग्गियाँ तोड़ेंगे। पहले भाजपा वाले कोर्ट से ऑर्डर लेते हैं, फिर उसके पीछे छुपकर कहते हैं कि कोर्ट का ऑर्डर है। आज दिल्लीवालों ने भाजपा का असली चेहरा देख लिया, जो एक-एक कर सारी झुग्गियां साफ कर रही है।
महिलाओं के साथ हाथापाईं और मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारियों की शिकायत करेंगे- आतिशी
आतिशी ने कहा कि जब भूमिहीन कैंप के लोगों को जबरदस्ती निकाला जा रहा था, तब विरोध करने वालों को बर्बरता से डंडों से मारा गया। कई निवासियों को हिरासत में लेकर फतेहपुर बेरी पुलिस स्टेशन ले जाया गया। जब मैं वहां पहुंची, तो पुलिस ने मेरे साथ धक्कामुक्की की और मुझे हिरासत में लेकर झड़ौदा कलां ले गई, जो कालकाजी से 40-45 किलोमीटर दूर है। डीसीपी साउथ ईस्ट हेमंत तिवारी और गोविंदपुरी एसएचओ धर्मवीर सिंह ने महिलाओं के साथ हाथापाई की, डंडे चलाए। “आप” उनके खिलाफ शिकायत करेगी। “आप” भाजपा को कहना चाहती है कि हम तुम्हारे डंडों, पुलिस या गिरफ्तारी से डरते वाले नहीं हैं। हम दिल्ली के गरीबों के लिए लड़ते आए हैं और उनके हक के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे “आप” के सारे नेताओं को जेल में डाल दो।
नेता प्रतिपक्ष आतिशी के साथ धक्कामुक्की करने वाले अफसर पर कार्रवाई हो- कुलदीप कुमार
इस दौरान “आप” विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा का नारा था, “जहां झुग्गी, वहां मकान”, लेकिन अब वह “जहां झुग्गी, वहां मैदान” कर दिल्ली के गरीबों को बेघर कर रहे हैं। चुनाव में वोट लेने के लिए झुग्गीवासियों को मकान देने का वादा किया, लेकिन अब झुग्गियां तोड़ी जा रही हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री कहती हैं कि झुग्गियां नहीं तोड़ी जा रही, लेकिन दूसरी तरफ बुलडोजर झुग्गियां तोड़ रहे हैं। दिल्ली पुलिस का काम जनता की सुरक्षा करना है, न कि भाजपा की चापलूसी। डीसीपी हेमंत तिवारी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और दो बार से विधायक, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी के साथ धक्कामुक्की की, जो शर्मनाक है। जबकि नेता प्रतिपक्ष आतिशी जनता का दर्द सुनने आई था। उन्होंने पूछा कि क्या इलाके के विधायक या नेता प्रतिपक्ष को ये अधिकार नहीं है कि वो अपने लोगों से मिल सके? ऐसे अफसर अफरशाही को शर्मसार करने का काम कर रहे हैं। ऐसे अफसरों पर तुरंत कार्रवाई हो। पूरा देश देख रहा है कि भाजपा डरी हुई है, गरीबों के मकान छीनना चाहती है। दिल्ली पुलिस को आगे कर यह काम किया जा रहा है। भाजपा सरकार झुग्गी तोड़ने की कार्रवाई को तुरंत प्रभाव से विराम लगाए। “आप” झुग्गीवासियों के साथ खड़ी रहेगी।
भाजपा सरकार को मकान देना चाहती, तो कोर्ट में हमारा विरोध नहीं करती- शंकर
भूमिहीन कैंप के निवासी शंकर ने कहा कि हमारा मामला दिल्ली हाई कोर्ट में गया था। सरकार ने छुपाया कि 1862 लोगों को मकान दिए गए और इस पर अपनी पीठ थपथपाई, लेकिन 1029 को रिजेक्ट कर दिया। 100 से ज्यादा लोगों को सर्वे में शामिल नहीं किया। हाई कोर्ट ने स्टे दिया, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के वकीलों ने हमारा पुरजोर विरोध किया। हम कोर्ट में समय मांगते रहे, लेकिन हमें एलपीए के लिए समय नहीं मिला। हम अपने दस्तावेज प्रस्तुत करना चाहते थे, न्यायाधीश से हमारा पक्ष सुनने की मांग की, लेकिन हमें मौका नहीं मिला। जब आतिशी जी हमसे मिलने आईं, तो हमें मिलने से रोका गया। कई लोगों को भगाया गया ताकि झुग्गियां खाली दिखें। पुरुष पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ गलत व्यवहार किया। हमने विनती की, लेकिन वे नहीं माने। सरकार को मकान देना चाहते, तो कोर्ट में हमारा विरोध नहीं करती। हाल ही में गरीबों के पक्ष में एक सुनवाई आई थी, लेकिन डीडीए और सरकार के वकीलों ने उसे स्टे करवा दिया, जिसके कारण लोगों को मकान नहीं मिल रहे।
डीडीए ने अगर 3024 मकान दे दिए, तो 1200 मकानों की चाबियां कहां हैं?- सीता
भूमिहीन कैंप की निवासी सीता ने कहा कि पुलिस ने हम पर लाठी चार्ज किया। महिला पुलिस नहीं थी, केवल पुरुष पुलिस और एसएचओ थे। आतिशी के साथ हाथापाई और छीना-झपटी हुई। हमने उन्हें छुड़ाया। हमारे बच्चे गिरे, हमारा सामान खराब हो गया। हम पर अत्याचार क्यों हो रहा है? अगर 3024 मकान दिए गए, तो बाकी 1200 चाबियां कहां हैं? डीडीए पर सीबीआई जांच हो कि हमारे मकान कहां गए। मोदी जी ने कहा था कि जहां झुग्गी, वहां मकान देंगे। अब सीएम रेखा गुप्ता मना क्यों कर रही हैं? हमारी झुग्गियाँ नाली-पटरी पर नहीं, बीपी सिंह ने हमें यहां बसाया था। हमारे मां-बाप यहीं मर गए, अब हमारे बच्चे कहां जाएंगे? मोदी जी कहते हैं कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ”, लेकिन मेरे पास पैसे नहीं, मैं उन्हें कैसे पढ़ाऊँगी? मोदी जी ने हमारी छत छीन ली। हमें छत चाहिए। हम मेहनत कर खा सकते हैं। हम पर अत्याचार न हो। हमें समय दिया जाए, हमारे कागज पूरे हैं। सिर्फ राशन कार्ड नहीं है। अगर वोट के लिए राशन कार्ड चाहिए, तो हम बनवाएंगे। लेकिन सरकार ने राशन कार्ड बनाना बंद कर दिया, तो हम कैसे बनाएँ? हमारे पास सभी पहचान पत्र हैं, हम वोट डालते हैं।