आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए भाजपा सरकार द्वारा कथित तौर पर किए गए क्लाउड सीडिंग ट्रायल पर कई गंभीर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा क्लाउड सीडिंग करने का किया जा रहा दावा यकीन के योग्य नहीं है, क्योंकि भाजपा जिसे ऐतिहासिक बता रही है, उसे चोरी-छिपे क्यों किया? अगर ट्रायल हुआ तो एसओपी का पालन क्यों नहीं हुआ, क्षेत्रीय विधायक व जनता को इसके प्रभावों के बारे में क्यों नहीं बताया गया और बुराड़ी को ही क्यों चुना? उन्होंने कहा कि क्लाउड सीडिंग में उपयोग सिल्वर आयोडाइड की मात्रा अगर बढ़ जाए तो आंख, सांस व त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। बुराड़ी में अधिकांश लोग यूपी-बिहार के हैं, जिन्हें भाजपा दोयम दर्जे की मानती है। क्या इसलिए ट्रायल के प्रभाव को छिपाया गया?
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर संजीव झा ने कहा कि गुरुवार को दिल्ली की भाजपा सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा कि हमने क्लाउड सीडिंग की ट्रायल की है और यह ट्रायल बुराड़ी क्षेत्र में किया गया है और ट्रायल सफल रहा। ट्रायल सफल होने का मतलब यह था कि उन्होंने क्लाउड सीडिंग कराई। भाजपा मंत्री ने कहा कि जब क्लाउड सीडिंग होगी, तो उसके बाद बारिश होगी, जिसे हम कृत्रिम वर्षा कहते हैं। इससे वायु प्रदूषण पर नियंत्रण होगा। मेरा मानना है कि जब सरकार क्लाउड सीडिंग करा रही है, तो इसके लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) होता है। यह कोई छुप-छुपाकर कराने वाली चीज नहीं है।
संजीव झा ने ट्रायल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब राफेल डील हो रही थी, तो भाजपा वाले कह रहे थे कि घर पर चढ़कर रील बनाइए, फोटो खींचिए। तब पूरे दिन मीडिया में दिखाया गया कि राफेल डील कैसे हुई। तो अब जब क्लाउड सीडिंग का ट्रायल हो रहा था, तो यह चुपचाप क्यों हुआ? लोग पूछ रहे हैं कि क्लाउड सीडिंग कहां हुई? कैसी थी? इसका प्रभाव क्या था? आखिर सरकार मीडिया को ही बुला लेती और उसकी भी रील बन जाती। अब तो रील बनाने में भाजपा के लोग मास्टर हैं। यह रील वालों की सरकार ही है, “रियल” में तो कुछ हो नहीं रहा। भाजपा मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा तो रील बनाने में दो कदम आगे हैं। इसलिए वे साथ-साथ खड़े होकर रील बना लेते कि देखिए, प्लेन उड़ रहा है, फ्लेयर फायर हो रहा है। इससे थोड़ी पुख्ता जानकारी मिलती।
संजीव झा ने कहा कि मैं बुराड़ी का स्थानीय विधायक हूं। कम से कम भाजपा सरकार को मुझे जानकारी देनी चाहिए थी। मैं जनता को बता देता। लोग क्लाउड सीडिंग में आ रहे प्लेन की फोटो ले लेते और सबको पता चलता कि किस इलाके में ट्रायल हुआ। बुराड़ी के लोग कहते हैं कि कोई फायरिंग जैसी चीज दिखी नहीं, कोई आवाज आई नहीं। ऐसी किसी को जानकारी नहीं मिली। तो यह कैसी क्लाउड सीडिंग थी? इससे भी ज्यादा खतरनाक बात यह है कि क्लाउड सीडिंग के लिए एसओपी में कहा गया है कि जिस इलाके में ट्रायल कर रहे हैं, वहां के लोगों को अलर्ट करना जरूरी है। यह छुपाकर करने वाली चीज नहीं है। सरकार कोई परमाणु परीक्षण थोड़ी कर रही थी कि गोपनीयता बाहर चली जाती।
संजीव झा ने कहा कि मेरे पास पुख्ता जानकारी है कि पर्यावरण मंत्री को बताया गया था कि क्लाउड सीडिंग कहीं भी कराएंगे, तो उसके पहले वहां के निवासियों को अलर्ट करेंगे क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाला केमिकल त्वचा के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने पूछा कि क्या इससे फसल या जनता पर असर पड़ सकता है? उसके प्रभाव क्या हैं? कौन से केमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं? दुनिया भर में जहां भी क्लाउड सीडिंग हुई, उसके पहले इलाके के लोगों को अलर्ट किया गया। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में क्लाउड सीडिंग नहीं करनी चाहिए। ऐसे में भाजपा सरकार यह बात क्यों छुपा रही है? सरकार ने लोगों को पहले जानकारी क्यों नहीं दी? क्लाउड सीडिंग के बाद खुद ट्वीट कर रहे हैं, लेकिन किसी को कोई जानकारी नहीं। ऐसा क्यों हुआ?
संजीव झा ने भाजपा सरकार से सवाल किया कि उन्होंने बुराड़ी इलाके को ही क्यों चुना? बुराड़ी में ज्यादातर प्रवासी रहते हैं और भाजपा की नजर में वे दोयम दर्जे के नागरिक हैं क्योंकि भाजपा के लोग पहले भी पूर्वांचल के लोगों को घुसपैठिया कह चुके हैं। भाजपा के लोगों ने कहा है कि जो यहां रह रहे हैं, वे घुसपैठिए हैं और सभी बिहार-यूपी के लोगों के मकान तोड़े गए। हो सकता है कि भाजपा की नजर में बुराड़ी के लोग दोयम दर्जे के हों, लेकिन सबका सम्मान और जीवन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना बाकी जगहों पर है। भाजपा मंत्री कह रही है कि हमने नॉर्थ-ईस्ट के इलाके को चुना, तो पहले यह बताएं कि नॉर्थ-ईस्ट में क्लाउड सीडिंग से पूरे दिल्ली का प्रदूषण खत्म हो जाएगा? अगर नहीं, तो नॉर्थ-ईस्ट या बुराड़ी ही क्यों चुना? उसके आसपास के ही इलाके क्यों? क्या इसका कोई दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है, जो भाजपा चाहती हैं कि विवाद ज्यादा न हो? भाजपा सरकार को यह पूरी जानकारी दिल्ली की जनता को देनी चाहिए।
संजीव झा ने कहा कि भाजपा सरकार कह रही है कि आईएमडी कह रहा है कि 27-29 अक्टूबर को बादल आएंगे। लेकिन भाजपा पूरे विस्तार से बताए कि बादल कैसे आएंगे, कितनी आर्द्रता में बारिश होगी या आर्द्रता की जरूरत है भी या नहीं। भाजपा के लोग जनता को आधी-अधूरी जानकारी दे रहे हैं। लोगों को इसका प्रभाव पता नहीं है। भाजपा सरकार को वैज्ञानिकों ने सब बताया होगा। यदि उसे समझ नहीं आ रहा, तो वैज्ञानिक ही प्रेस वार्ता करके दिल्लीवासियों को बता दें। ऐसे ट्वीट करके लोगों का मजाक उड़ाना ठीक नहीं है। इसलिए मैं भाजपा सरकार, मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री से मांग करता हूं कि क्लाउड सीडिंग के प्रभाव का विश्लेषण हो। इसे छुपाकर क्यों किया? यह शक को और गहरा कर रहा है।
संजीव झा ने कहा कि अगर सरकार क्लाउड सीडिंग करा रही हैं और खुद कह रही है कि आज तक के इतिहास में पहली बार हो रहा है, तो इसे शानदार तरीके से करना चाहिए था। सभी मीडिया को बुलाकर कैमरों से वीडियो बनाते, टीवी पर चलता और खूब नाम होता। लेकिन भाजपा अपनी मियां-मिट्ठू बन रही है कि हमने क्लाउड सीडिंग करा दी, वीडियो देखिए, सफल रहा, फ्लेयर फायर हुआ। या तो कोई गंभीर संदेह था, जिसका जवाब भाजपा के पास नहीं था या कुछ और कारण है। दाल में जरूर कुछ काला है।
संजीव झा ने कहा कि यह रील वाली सरकार है। भाजपा हर कदम पर रील्स बनाकर प्रचार करती रहती है। छठ मैया की पूजा होने वाली है, लेकिन घाटों की हालत खराब है। फिर भी भाजपा मंत्री लोग यमुना में नौका विहार कर रील्स बनवा रहे हैं। लेकिन क्लाउड सीडिंग को छुपाया गया। उन्होंने भाजपा सरकार, उसकी मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री को चेतावनी दी कि बुराड़ी या आसपास के इलाकों के लोगों को हल्के में न लें। भाजपा अपने किसी और मकसद को पूरा करने के लिए लोगों की जान जोखिम में नहीं डाल सकती। उसने विस्तार से जानकारी क्यों नहीं दी कि इसका कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं? अगर भाजपा मानती है कि कोई प्रभाव नहीं है, तो पर्यावरण विशेषज्ञों को बताने दें कि इसका क्या असर हो सकता है। कौन से रसायनों का उपयोग किया गया? ये केमिकल कितने खतरनाक हैं?
संजीव झा ने भाजपा से पूछा कि क्लाउड सीडिंग कहां हुई, कहां फ्लेयर फायर किए गए, कौन से केमिकल इस्तेमाल किए गए? वे कितने खतरनाक थे और उनकी मात्रा कितनी थी? क्लाउड सीडिंग में सिल्वर आयोडाइड का उपयोग होता है और अगर इसकी मात्रा बढ़ जाए, तो यह आंखों, सांस और त्वचा के लिए खतरनाक हो सकता है। फिर भी, इसकी जानकारी लोगों को पहले क्यों नहीं दी गई? चेतावनी क्यों नहीं जारी की गई? इसका खर्च कितना हुआ? इससे प्रदूषण पर कितना नियंत्रण होगा? और नॉर्थ-ईस्ट या बुराड़ी को ही क्यों चुना गया? भाजपा को इन सवालों का विस्तृत जवाब देना होगा।
संजीव झा ने कहा कि भाजपा सरकार प्रदूषण खत्म करने के लिए गंभीर नहीं है। दिवाली की रात प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन और उपकरण काम नहीं कर रहे थे। मीडिया में था कि प्रदूषण मापने के उपकरण खराब थे और डेटा उपलब्ध नहीं था। डेटा की जांच की जा रही है, जो सरकार की नियत पर सवाल उठाता है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा दिल्ली की जनता को साफ हवा देने की नहीं है। भाजपा नेताओं ने अपने घरों और दफ्तरों में एयर प्यूरीफायर लगा लिए, लेकिन जनता को जहरीली हवा में छोड़ दिया। अगर सरकार गंभीर होती, तो जनता के लिए भी एयर प्यूरीफायर की व्यवस्था करती।
संजीव झा ने याद दिलाया कि भाजपा ने वादा किया था कि सरकार बनते ही 1000 स्प्रिंकलर और एयर स्मॉग गन खरीदे जाएंगे, लेकिन नौ महीने बाद भी वे जमीन पर कहीं नहीं दिख रहे हैं। मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें सड़कों पर नहीं दिख रही हैं। जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब स्प्रिंकलर और स्वीपिंग मशीनें लगातार चलती थीं। आज कहीं कुछ नहीं दिखता। इससे साफ है कि सरकार की मंशा प्रदूषण खत्म करने की नहीं है। क्लाउड सीडिंग को लेकर भाजपा सरकार का यह नाटक दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य को और खराब कर सकता है। सरकार दिल्ली की जनता की सेहत और जान से खिलवाड़ बंद करे।