पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा, कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जी को एफिडेविट पर शिकायत लेने का बहुत शौक है। उन्होंने कहा कि मैं कल ट्वीट करके भी यह बात कह चुका हूं और आज प्रेस वार्ता के माध्यम से भी मैं यह बात सार्वजनिक तौर पर कह रहा हूं, कि मैं फरवरी 2025 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में वोटर लिस्ट में की गई गड़बड़ी के संबंध में एफिडेविट पर अपनी शिकायत ज्ञानेश कुमार जी को देने के लिए तैयार हूं। उन्होंने मीडिया के बंधुओ से अनुरोध करते हुए कहा, कि आप ज्ञानेश कुमार जी से इस संबंध में प्रश्न पूछे कि शिकायत का एफिडेविट लेकर कब और कहां आना है। उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार जी मुझे बता दें, वह जब कहेंगे, जहां कहेंगे मैं अपना एफिडेविट लेकर उनके पास पहुंच जाऊंगा, ताकि पिछले मामलों की भांति वह इस बात का बहाना न लगा सकें, कि हमें शिकायत एफिडेविट पर नहीं दी गई। आगे सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कल हमने इसी जगह पर एक प्रेस वार्ता कर सबूतों के साथ पत्रकारों के साथ यह जानकारी सांझा की थी, कि किस प्रकार से फरवरी 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल जी की अपनी चुनावी विधानसभा, जहां से दिल्ली के सबसे अधिक हाई प्रोफ़ाइल प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल, प्रवेश वर्मा एवं संदीप दीक्षित चुनाव लड़ रहे थे, नई दिल्ली विधानसभा में बड़े स्तर पर वोट काटने की प्रक्रिया और फर्जीवाड़ा चल रहा था। उन्होंने कहा कि कल हमने पत्रकारों के समक्ष सभी आंकड़े भी रखे थे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि इस फर्जीवाड़े के खिलाफ लगातार आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं ने, अरविंद केजरीवाल जी ने, संजय सिंह जी ने, बतौर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी जी ने, राघव चड्ढा जी ने सभी ने प्रेस वार्ता कर इस मामले को उठाया और जांच की मांग की, परंतु चुनाव आयोग की ओर से इस संबंध में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सौरभ भारद्वाज ने बताया, कि आतिशी जी ने तो बतौर दिल्ली की मुख्यमंत्री कई बार लिखित में चुनाव आयोग को तथ्यों के साथ, सारे सबूतों के साथ शिकायत की, परंतु उसके बावजूद भी चुनाव आयोग की ओर से कोई कार्यवाही इस मामले में नहीं की गई। उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में अभी कुछ दिनों पहले चुनाव आयोग के समक्ष एक आरटीआई लगाकर इस पूरे मामले में चुनाव आयोग की ओर से अब तक क्या कार्रवाई की गई? क्या कोई एफआईआर दर्ज की गई? क्या किसी अधिकारी को जांच के लिए नियुक्त किया गया? क्या इस मामले में किसी प्रकार की कोई जांच की गई? यह सब जानकारी मांगी तो चुनाव आयोग ने इसे व्यक्तिगत जानकारी बताते हुए इस मामले में किसी भी प्रकार की जानकारी देने से इनकार कर दिया और बिना जांच किए इस मामले की फाइल को बंद कर दिया गया। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि कल जब हमने प्रेस वार्ता की और उस प्रेस वार्ता के माध्यम से भी हमने चुनाव आयोग से कई प्रश्न पूछे थे तो कल रात को लगभग 9:00 बजे चुनाव आयोग की ओर से हमारे उन प्रश्नों पर एक प्रतिक्रिया आई कि जनवरी को हमें इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी, तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं उनके कुछ साथियों से इस संबंध में मुलाकात भी हुई थी और 13 जनवरी को हमने तत्कालीन मुख्यमंत्री को इस संबंध में एक पत्र लिखकर जवाब दे दिया था।
इस पूरे मामले में एक बड़ा दावा करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि अब तक हम इस बात को कह रहे थे, कि फर्जी तरीके से वोट डिलीट करने के इस मामले में उस समय के तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और आज के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार गुप्ता जी की भूमिका संदिग्ध है। परंतु कल रात को चुनाव आयोग की ओर से जो प्रतिक्रिया आई है, उसके बाद मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ इस बात को कह रहा हूं, कि चुनाव आयोग खुल्लम-खुल्ला वोट काटने को लेकर हुए इस फर्जीवाड़े को छुपाने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं पता की चोरी किसने की, परंतु इस चोरी को छुपाने में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग की पूरी भूमिका है। अपनी बात को सत्यापित करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, कि जो चुनाव आयोग 9 सितंबर को हमारी आरटीआई का जवाब यह कहकर अस्वीकार कर देता है, कि यह जानकारी व्यक्तिगत है आपको नहीं दी जा सकती, वहीं चुनाव आयोग कल रात को ट्वीट करके यह जानकारी सार्वजनिक कर देता है और बता देता है, कि हमने इस संबंध में उस समय की तत्कालीन मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर इसका जवाब दिया था। इससे साफ जाहिर होता है, कि आप इस फर्जीवाड़े को छुपाने में लगे हुए थे। सौरव भारद्वाज ने कहा कि एक लोकतंत्र के लिए यह बड़े ही खतरे की बात है, कि जिस चुनाव आयोग का काम होता है पारदर्शी तरीके से चुनावी प्रक्रिया को पूरा करना, वह चुनाव आयोग अपने आंतरिक कार्यों को करने में ही पारदर्शी नहीं है। सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि इस मामले में अरविंद केजरीवाल जी शिकायत करता है, तो शक की सुई भारतीय जनता पार्टी या कांग्रेस पर जाती है और क्योंकि चुनाव आयोग की कांग्रेस में तो कोई रुचि नहीं है और क्योंकि देश में भाजपा की सरकार है, तो ऐसा प्रतीत होता है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे भारतीय जनता पार्टी का हाथ है और यही कारण है, कि भाजपा शासित केंद्र सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां इस मामले में किसी प्रकार की कोई जांच नहीं करना चाहती।