आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने दिवाली पर दिल्ली में बड़े वायु प्रदूषण को लेकर भाजपा सरकार के पर्यावरण मंत्री द्वारा अपनी नाकामी छिपाने और पंजाब के सिख किसानों को बदनाम करने पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार दिल्ली में प्रदूषण रोकने में नाकाम है। इसलिए अब पंजाब के किसानों को बदनाम कर अपनी नाकामी छिपा रही है। पंजाब के सिख किसान दिवाली को बदनाम करने के लिए कभी षड्यंत्र नहीं करेंगे, उन पर आरोप लगाना शर्मनाक और पाप हैं। सिख गुरुओं ने तो हिंदुओं के लिए जान तक दी है। भाजपा अपनी नाकामी छिपाने के लिए उनका अपमान न करे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार के पर्यावरण मंत्री से जब सीपीसीबी और डीपीसीसी द्वारा प्रदूषण के डाटा को छुपाने के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब गोलमोल था। हमारा मानना है कि भाजपा सरकार को अब गंभीर होकर काम करना चाहिए। क्योंकि सरकार चलाना एक ज़िम्मेदारी का काम है। भाजपा हवा के प्रदूषण और यमुना के प्रदूषण पर झूठ बोलकर लोगों और बच्चों की जान के साथ खेल रहे हैं, जिसकी पोल आज नहीं तो कल जरूर खुलेगी।
सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार के मंत्री द्वारा प्रेस वार्ता में बोले गए झूठ पर कहा कि जब मंत्री से किसी ने पूछा कि आम आदमी पार्टी का आरोप है कि रात का प्रदूषण डेटा (जो दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का लाइव डेटा था) कई स्टेशनों का उपलब्ध नहीं था। वह गायब हो गया था तो मंत्री जी ने इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया। मैं मंत्री और भाजपा सरकार से अपील करता हूं कि इस डेटा को सार्वजनिक करें। इसे जानने का जनता का हक है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बात बड़ी साफ है कि सरकार का डेटा और मोबाइल फोन के विभिन्न ऐप्स पर उपलब्ध डेटा में भारी अंतर था। यदि सरकार की तरफ से जारी एक्यूआई 400 दिखा रहा था, तो कई ऐप्स पर वह 1700 तक पहुंच गया था। इतना फर्क क्यों है? सरकार को इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए। यह मामला गंभीर इसलिए है क्योंकि कोरोना के बाद दिल्ली में लाखों लोग (ज्यादातर हिंदू) ऐसे हैं जिन्हें थोड़ा-सा भी प्रदूषण बढ़ने पर सांस लेने में कठिनाई होती है और दम घुटने लगता है। उन्हें तुरंत ऑक्सीजन देना पड़ता है या अस्पताल ले जाना पड़ता है। यदि सरकार झूठा डेटा देगी, तो लोग इसे देखकर बाहर काम पर निकल सकते हैं। इससे उनकी तबीयत बहुत बिगड़ सकती है, यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसी तरह यमुना के प्रदूषण पर मुख्यमंत्री का बयान भी गंभीर है। मुख्यमंत्री खुद यमुना पर गईं। उन्होंने झाग हटाने के लिए केमिकल का छिड़काव करवाया और बोलीं कि प्रदूषण खत्म हो गया। उन्हें इस बात की गंभीरता समझनी चाहिए। यह कोई मजाक नहीं है। मुख्यमंत्री के एक झूठे बयान से यह हो सकता है कि लाखों पूर्वांचली महिलाएं छोटे बच्चों को लेकर यमुना में चली जाएं, बच्चे प्रदूषित पानी पी लें और उनकी तबीयत इतनी खराब हो जाए कि उनकी जान पर बन आए। मुख्यमंत्री ऐसे झूठ नहीं बोल सकतीं, उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी।
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि प्रेस वार्ता में मंत्री जी ने यह भी कहा कि पंजाब के किसानों ने पराली खास तौर पर दिवाली पर ही जलाई, ताकि दिल्ली में प्रदूषण हो। यह क्या बात है? पंजाब सिख प्रधान राज्य है। कोई किसान, कितना भी दबाव हो, दिवाली को बदनाम करने के लिए पराली नहीं जला सकता। गुरू तेग बहादुर जैसे सिख गुरुओं ने हिंदुओं के लिए जान तक दे दी। मंत्री जी सिखों के बारे में कैसी सोच रखते हैं? जब किसी ने मंत्री को बताया कि पंजाब में पराली जलाने के मामले पिछले पांच वर्षों के सबसे कम हैं। पूरे साल में केवल 353 मामले हुए। इस पर भाजपा के मंत्री के पास कोई जवाब नहीं था। पंजाब का एक्यूआई 150 है, दिल्ली का 400 के पार है। फिर भी मंत्री कहते हैं कि पंजाब की वजह से दिल्ली में प्रदूषण हो गया। इस तरह से पंजाब के सिख किसानों को बदनाम मत करिए। वे मर जाएंगे, लेकिन वह हिंदुओं के त्योहार को बदनाम करने के लिए ऐसी गंदी हरकत सोच भी नहीं सकते।
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार से कहा कि वह थोड़ी गंभीर हो जाए। इस तरह से सरकारें नहीं चला करती हैं। डेटा एक दो दिन गायब कर देंगे, लेकिन आज नहीं तो कल उनकी पोल खुल ही जाएगी। इसलिए भाजपा न हिंदुओं को बदनाम करे, न उनके त्योहारों को बदनाम करे और न झूठे डेटा देकर सरकारों को बदनाम करे।