िल्ली के स्कूलों को लगातार मिल रही बम से उड़ाने की धमकी और खराब कानून-व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को नसीहत दी है। वरिष्ठ नेता दिलीप पांडेय ने कहा कि भाजपा चाहे तो आम आदमी पार्टी के नेताओं को फांसी पर चढ़ा दे, लेकिन दिल्लीवालों को सुरक्षा तो दे। दिल्लीवालों ने इसी उम्मीद से दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार बनाई थी ताकि उन्हें अधिक सुरक्षा मिलेगी। लेकिन कानून-व्यवस्था का हाल बुरा है। एक तरफ स्कूल-कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकी मिल रही है तो दूसरी तरफ रोज लूटपाट और हत्याएं हो रही है। ‘‘आप’’ नेताओं को परेशान करने के चक्कर में भाजपा की सुरक्षा एजेंसियां कानून-व्यवस्था संभालने की अपनी जिम्मेदारी भी भूल चुकी हैं। परिणाम स्वरूप दिल्ली अपराध की गढ़ बन चुकी है। दिल्ली में अपराध की दर राष्ट्रीय औसत दर से 8.50 फीसद अधिक है।
गुरुवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर दिलीप पांडेय ने कहा कि दिल्लीवालों ने भाजपा को दिल्ली की कानून व्यवस्था को ठीक करने और जनता-कानून व्यवस्था के बीच बढ़ती अविश्वास की खाई को पाटने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। दिल्लीवालों ने भाजपा को यह जिम्मेदारी इस उम्मीद के साथ दी थी, क्योंकि जांच, सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस-प्रशासन भाजपा के ही हाथ में हैं। ऐसे में भाजपा राजनीतिक दुश्मनी को प्राथमिकता देने की बजाय दिल्लीवालों की जान-माल की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी और उन्हें सुरक्षित महसूस करवाने की तरफ कोशिश करेंगे।
दिलीप पांडेय ने कहा कि दुखद और दिल्लीवालों का दुर्भाग्य यह रहा कि दिल्ली की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन कंधों पर थी, उस भाजपा ने सारी जांच व सुरक्षा एजेंसियों को सिर्फ आम आदमी पार्टी के नेताओं को प्रताड़ित का काम दे रखा है। ‘‘आप’’ नेताओं, मंत्रियों और विधायकों पर बेबुनियाद और बेतुके आरोप लगाकर उनके यहां छापे मारकर उनको परेशान व प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है। नतीजतन, सुरक्षा एजेंसियों का दिल्ली की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी से ध्यान हट गया। अब सुबह से शाम भाजपा कार्यालय से इन एजेंसियों को निर्देश आते हैं कि किसके खिलाफ फर्जी चार्जशीट दाखिल करनी है, किसके यहां रेड मारकर परेशान करनी है।
दिलीप पांडेय ने कहा कि परिणाम स्वरूप भाजपा लगातार दिल्लीवालों को निराश कर रही है। बुधवार को लगभग 20 स्कूलों व कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकी आई है। यह धमकी पहली बार नहीं आई है। इससे पहले, 14-15 जुलाई को 9 स्कूलों और एक कॉलेज को बम से उड़ाने की धमकी मिली। 17 जुलाई को 50 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली। 19 अगस्त को 32 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली। 21 अगस्त को स्कूलों बम से उड़ाने की धमकी मिली। 22 अगस्त को भी छह स्कूलों को ऐसी ही धमकी मिली। अब दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ संस्थानों समेत 20 कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। ये लगातार मिल रही धमकियां एक बात को पक्का करती हैं कि भाजपा के शासनकाल में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
दिलीप पांडेय ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली में ऐसा समाज बना रही है, जहां सुबह-सुबह स्कूल जाने बच्चे से डरें और घबराएं। अगर बच्चे स्कूल चले जाएं तो स्कूल में रहने तक बच्चों के पैरेंट्स अपने घर में डरते रहें। अगर सुबह-शाम बच्चों के माता-पिता किसी पार्क में टहलने जाएं, वहां ब्लेडबाजी और छिनैती से डरते-घबराते रहें। जब बच्चे घर से बाहर हों, तो घर के अंदर बैठे उनके बुजुर्ग माता-पिता की हत्या होने का खौंफ सताता रहे। आज दिल्ली में बहुत ही खराब वातावरण बन चुका है। ऐसा लगता है कि दिल्ली में अपराधों की कोई वेब सीरीज चल रही है। दिल्लीवालों ने दिसंबर के महीने में खुलेआम गैंगवार होते देखा, गुंडे धमकियां दे रहे हैं और उनके ऑडियो-वीडियो वायरल हो रहे हैं। कोई किसी को चाकू मार दे रहा है, कोई किसी की पीट-पीटकर हत्या कर दे रहा है। दिल्ली में यह क्या चल रहा है? भाजपा ने पूरी दिल्ली को “गैंग्स ऑफ वासेपुर” और गुंडागर्दी का बगीचा बना दिया है। अपराधियों को निमंत्रण दिया जा रहा है कि आएं और मारपीट करें, पुलिस कुछ नहीं करेगी। दिल्ली वालों ने भाजपा से ऐसी दिल्ली की उम्मीद नहीं की थी।
दिलीप पांडेय ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी एनसीआरबी का डेटा बता रहा है कि पूरे देश के किसी भी शहर या महानगर की तुलना में एक लाख की आबादी पर अपराध की दर दिल्ली में सबसे ज्यादा है। दिल्ली में 1,832 आपराधिक मामले प्रति एक लाख निवासियों पर दर्ज हो रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध औसत दर के मामले भी दिल्ली देश के किसी भी राज्य की तुलना में 8.50 फीसद आगे हैं। जबकि राष्ट्रीय औसत दर प्रति एक लाख की आबादी पर 258 है। भाजपा के शासन काल में कानून व्यवस्था के मामले में दिल्ली की यह उपलब्धि है।
दिलीप पांडेय ने कहा कि आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार से कानून व्यवस्था को ठीक करने का अनुरोध करते-करते थक गई, परेशान हो गई। हम तो इनसे कहते हैं कि “आप” नेताओं को एक साथ फांसी पर चढ़ा दिया जाए। भाजपा जांच एजेंसियों को कानून व्यवस्था के असली काम को क्यों नहीं करने दे रही है। हम तो यह भी कह रहे हैं कि भाजपा ‘‘आप’’ नेताओं को जेल में ठूस दे और उसके बाद कम से कम दिल्लीवालों को सुरक्षित महसूस करा दीजिए। तब भी आम आदमी श्रेय देगी कि भाजपा सरकार ने कम से कम एक काम तो अच्छा किया।