दिल्ली नगर निगम में मंगलवार को हुए स्थायी समिति सदस्य का चुनाव हार कर भी आम आदमी पार्टी जीत गईं। भाजपा के पास पूर्ण बहुमत होने के बावजूद ‘‘आप’’ ने वार्ड 184 से पार्षद हेमा श्रीचंद वोहरा को स्थायी समिति सदस्य का प्रत्याशी बनाया था। मंगलवार को आए चुनाव परिणाम में हेमा वोहरा को 96 वोट मिले, जबकि ‘‘आप’’ 95 पार्षद ही थे। वहीं, भाजपा के 134 पार्षद थे, लेकिन उसे 130 वोट ही मिले। इसमें से दो पार्षद अनुपस्थित रहे। एमसीडी में ‘‘आप’’ के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी से गद्दार निकल चुके हैं। अब सिर्फ असली कार्यकर्ता बचे हैं, जो एकजुट और मजबूत हैं। इसलिए आम आदमी पार्टी की तरफ से क्रॉस वोटिंग नहीं हुई, बल्कि भाजपा पार्षदों की तरफ से क्रॉस वोटिंग हुई।
एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर में मंगलवार को सदन सत्र के दौरान आयोजित स्थायी समिति सदस्य पद के रिक्त एक सदस्य के लिए चुनाव हुआ। स्थायी समिति सदस्य में कुल 18 सदस्य चुने जाते हैं जिससे 12 ज़ोनो से एक-एक और एमसीडी सदन से 6 सदस्य चुने जाते हैं। आज एमसीडी सदन में स्थायी समिति सदस्य पद के एक रिक्त सदस्य के लिए आम आदमी पार्टी से वार्ड-184 से पार्षद हेमा श्रीचंद वोहरा खड़ी थी। जिन्हें आम आदमी पार्टी के सदन में 95 पार्षदों के वोट के साथ एक एक्स्ट्रा भाजपा का वोट मिला। जिससे ‘‘आप’’ को कुल 96 वोट मिले। लेकिन भाजपा का ज्यादा बहुमत होने के कारण भाजपा स्थायी समिति सदस्य का चुनाव जीत गई। अब एमसीडी के 12 जोनों में से 4 जोनो में स्थायी समिति सदस्य आम आदमी पार्टी के हैं। निगम सदन से 6 सदस्ये चुने जाते हैं जिसमें से 3 सदस्य आम आदमी पार्टी के हैं। जबकि स्थायी समिति सदस्य के 18 में से 7 सदस्य आम आदमी पार्टी के हैं।
इस संबंध में एमसीडी में ‘‘आप’’ के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में “आप” के पास 95 पार्षद थे, जबकि भाजपा के पास 134 पार्षद थे। लेकिन परिणामों ने सबको चौंका दिया, क्योंकि “आप” को एक अतिरिक्त वोट मिला, जबकि भाजपा के 134 पार्षदों में से केवल 130 वोट ही हासिल हो सके। यह परिणाम भाजपा की एकजुटता पर एक प्रश्न चिन्ह है। “आप” के पार्षद मजबूती से एकजुट होकर खड़े हैं, क्योंकि ये पार्टी के असली कार्यकर्ता हैं, जो शानदार तरीके से पार्टी की आवाज को बुलंद करते हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि इस चुनाव में “आप” की ओर से हेमा श्रीचंद वोहरा ने स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर का चुनाव लड़ा। हेमा श्रीचंद वोहरा अन्ना आंदोलन से जुड़ी पुरानी कार्यकर्ता हैं, जिन्हें पार्टी ने एमसीडी सदन से उम्मीदवार बनाया। “आप” का हर पार्षद उनके साथ रहा। अंकुश नारंग ने इसे पार्टी के पार्षदों की जीत करार देते हुए कहा कि इस चुनाव में एक भी क्रॉस वोटिंग नहीं हुई। क्रॉस वोटिंग जो हुई, वह भाजपा की ओर से हुई और वह वोट “आप” को मिला। इससे ज्यादा काबिल-ए-तारीफ बात कोई और नहीं हो सकती।
अंकुश नारंग ने कहा कि सोमवार को हुए वार्ड कमेटी के चुनाव में भी “आप” का दबदबा साफ दिखा। रोहिणी में पार्टी के पास 10 वोट थे, लेकिन 11 वोट मिले। वेस्ट जोन में “आप” के पास 13 वोट थे, जबकि भाजपा के पास 12 वोट थे, फिर भी “आप” को 14 वोट मिले और भाजपा को केवल 11 वोट हासिल हुए। यह स्पष्ट है कि जो लोग “आप” में क्रॉस वोटिंग करते थे, वे अब पार्टी छोड़ चुके हैं। आम आदमी पार्टी से अब गद्दार निकल चुके हैं और अब पार्टी में केवल वही निगम पार्षद हैं, जो इसके असली कार्यकर्ता हैं। ये कार्यकर्ता न केवल चुनाव लड़ रहे हैं, बल्कि अपने पार्षदों की संख्या से भी अधिक वोट हासिल कर रहे हैं। ये लोग अपने क्षेत्र की जनता की आवाज को पुरजोर तरीके से उठाते हैं और सकारात्मक रूप से सदन में जाकर जनता के लिए काम करवाते हैं।