आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने भाजपा नेताओं और मंत्रियों द्वारा एशिया कप के दौरान भारतीय कप्तान द्वारा पाकिस्तानी कप्तान और उसके मंत्री से हाथ नहीं मिलने के किए जा रहे दावे का सबूतों के साथ पर्दाफाश कर दिया। इस बाबत उन्होंने सोशल मीडियापार भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को दो वीडियो साझा करते हुए कहा कि झूठ की फैक्ट्री कान खोल के सुन लो। तुम्हारी घटिया स्क्रिप्ट पर खिलाड़ियों और अभिनेताओं को नचाना बंद करो। केंद्र सरकार ने 26 पहलगाम की विधवाओं को धोखा देकर पाकिस्तान के साथ मैच खेला। तुमने और तुम्हारे झूठे मंत्रियों ने देश से झूठ बोला कि हमारे कैप्टेन ने पाकिस्तान के कैप्टेन और पाकिस्तानी मंत्री से हाथ नहीं मिलाया।
सौरभ भारद्वाज ने अमित मालवीय को जवाब देते हुए कहा कि पाइरेटेड सीडी की दुकान, दूसरों के वीडियो को एडिट करने की अपनी ओछी हरकतें छोड़ दो और जय शाह को बता दो कि भारत-पाकिस्तान मैच से 490 से 630 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। अगर पहलगाम हमले के परिवारों में वो पैसा बाटा जायेगा तो हर परिवार को 19-25 करोड़ रुपए मिलेगा। उन्होंने कहा कि सारी अदालतें बंद कर दो, किसी के घर का कोई मारा जाता है तो हत्यारों पर मुकदमा मत करना, हत्यारों के साथ खो-खो खिलवा देना।
मीडिया से बातचीत के दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एशिया कप की शुरुआत में ही भारतीय कप्तान ने पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहसिन नकवी के साथ कप रखकर फोटो खिंचवाई और हाथ मिलाया। जब भाजपा को लगा कि देशभर में मैच का विरोध हो रहा है तो भाजपा की पटकथा बदल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दो मैचों में शांत रहे, ताकि प्रचार मशीनरी को सक्रिय किया जा सके। बाद में मशीनरी ने दावा किया कि जीत के बाद हाथ नहीं मिलाया गया। तब आम आदमी पार्टी ने वीडियो जारी करके दिखाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के स्टेज पर तो हाथ नहीं मिलाया, लेकिन स्टेज से उतरते ही भारतीय कप्तान ने पाकिस्तानी कप्तान से हाथ मिला लिया। अगर सब कुछ जनता को बेवकूफ बनाने के लिए किया जा रहा है, तो हम छोटे लोग प्रचार मशीनरी से मुकाबला नहीं कर सकते। लेकिन पुराने वीडियो देखकर जनता खुद फैसला कर लेगी कि पटकथा से पहले क्या हुआ और बाद में क्या हुआ।
सौरभ भारद्वाज ने अपनी पुरानी चुनौती का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने बीसीसीआई और आईसीसी को कहा था कि प्रसारण अधिकारों और विज्ञापनों से जितना पैसा आया है, वह उन 26 पीड़ित परिवारों को दिया जाए, जिनके सदस्यों की हत्या पाकिस्तानी आतंकियों ने की। उन्होंने कहा कि मैंने जब ‘ग्रोक’ पर पूछा तो बीसीसीआई के राजस्व कमाई के बारे में करीब 690 करोड़ रुपये की जानकारी मिली। अगर यह राशि उन विधवाओं और बच्चों के परिवारों को दी जाए, जिनके पिता पाकिस्तानी आतंकियों के हाथों मारे गए, तो हर परिवार को 25 से 30 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। खिलाड़ियों की फीस से उनका कुछ नहीं होगा, उससे ज्यादा तो लोग चंदा दे देंगे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीय पर्यटकों की हत्या की। एक तरफ पर्यावरण कांफ्रेंस को लेकर पाकिस्तान जाने पर सोनम वांगचुक को देशद्रोही कहा जाता है, लेकिन दूसरी तरफ उसी पाकिस्तान की टीम के साथ क्रिकेट खेलने पर प्रधानमंत्री बधाई दे रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आईसीसी के अध्यक्ष जय शाह (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे) क्या इस राजस्व को पीड़ितों को देने पर विचार करेंगे?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिन विधवाओं का सिंदूर उजाड़ा गया, जिन बच्चों के सिर से पिता चले गए, क्या वे मान लेंगे कि कातिलों के साथ क्रिकेट मैच खेलकर हार-जीत से बदला पूरा हो गया? अगर ऐसा होता तो इजरायल और गाजा के बीच क्रिकेट मैच कराकर समस्या हल कर ली जाती या रूस-यूक्रेन के बीच फुटबॉल मैच से हजारों मौतें रुक जातीं। लेकिन ऐसे नहीं होता है।