दिल्ली में पानी की किल्लत से परेशान महिलाओं का भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को आम आदमी पार्टी की महिला विंग की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सारिका चौधरी के नेतृत्व में बवाना में स्थानीय महिलाओं ने मटका फोड़ कर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने सीएम रेखा गुप्ता के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि प्यासी दिल्ली की जनता को पानी दो। सारिका चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार दिल्ली की जनता की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हुई है। पूरी दिल्ली प्यास से जूझ रही है और भाजपा सरकार सो रही है।
सारिका चौधरी ने कहा कि चार इंजन वाली भाजपा सरकार दिल्ली की जनता को पानी देने में नाकाम है। जब से भाजपा सरकार आई है, तब से पानी नहीं आ रहा है। हम महिलाएँ पानी के लिए खून के आँसू रो रही हैं। बिजली भी नहीं आती है और मोहल्ला क्लिनिक बंद होने से इलाज के लिए दूर जाना पड़ता है। अगर सीएम रेखा गुप्ता से सरकार नहीं चल रही तो इस्तीफ़ा दें।
सारिका चौधरी ने कहा कि बवाना विधानसभा के अंतर्गत आने वाला बेगमपुर क्षेत्र, जो 27 वार्ड में पड़ता है, वहां की जनता गंभीर जल संकट से जूझ रही है। इस क्षेत्र में 90 हजार से अधिक आबादी निवास करती है, लेकिन पानी की आपूर्ति बिल्कुल नहीं हो रही। टैंकरों की व्यवस्था भी नाकाफी है। एक टैंकर को पांच से छह चक्कर लगाने चाहिए, लेकिन वह केवल एक चक्कर लगाता है, जिससे कई लोगों को पानी मिल ही नहीं पाता।
सारिका चौधरी ने कहा कि रेखा गुप्ता की सरकार के तीन महीनों में न तो पानी की सुविधा दी गई, न बिजली की व्यवस्था ठीक की गई। उन्होंने महिलाओं को 2,500 रुपये और मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा किया था, लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ। इस क्षेत्र की सभी स्थानीय महिलाएं परेशान हैं। रात-रात भर बिजली कटौती के कारण नींद नहीं आती। पानी की एक बूंद तक घरों में नहीं पहुंच रही। खाली घड़े रखकर क्या करेंगे? इससे बेहतर है कि घड़े फोड़ दिए जाएं। इसलिए, स्थानीय महिलाओं ने एकजुट होकर घड़े फोड़ने का फैसला किया। उनके घड़ों में पानी की एक बूंद भी नहीं है।
महिलाओं ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों के साथ घरों में रहना मुश्किल हो गया है। बिजली कटौती इतनी अधिक है कि हल्की आंधी या बारिश में भी चार-चार दिन तक बिजली गायब रहती है। पहले ऐसा नहीं होता था। पहले आंधी-तूफान के बावजूद बिजली तुरंत बहाल हो जाती थी, लेकिन अब फोन करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती।
इस दौरान महिलाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पास शिकायत लेकर जाने की कोशिश की, लेकिन उनके कार्यकर्ता कुत्तों की तरह भगा देते हैं। पानी के टैंकर के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ती हैं, फिर भी पीने का पानी नहीं मिलता। मुफ्त बस सेवा भी अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है। अब पास बनवाने या किराया देने की बात की जा रही है। पहले मुफ्त सुविधाएं थीं, लेकिन अब सब बदल गया।
महिलाओं ने कहा कि केजरीवाल सरकार को वे 10 में से 10 नंबर देंगी, लेकिन रेखा गुप्ता को केवल जीरो नंबर ही मिलेगी। उनका गुस्सा इस बात पर है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूलों की फीस बढ़ गई है और खाने-पीने का इंतजाम करना भी मुश्किल हो गया है। एक महिला ने बताया कि उनका ऑपरेशन हुआ है, और रोज अंबेडकर अस्पताल भागना पड़ता है। पहले मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां आसानी से मिल जाती थीं, लेकिन अब मोहल्ला क्लीनिक बंद हैं। वहां न डॉक्टर हैं, न दवाइयां। रेखा गुप्ता की सरकार गरीबों को मरने के लिए छोड़ रही है।
महिलाओं ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि हालात इतने बदतर होंगे। अब उन्हें लगता है कि रेखा गुप्ता को वोट देकर बहुत बड़ी गलती हो गई। मोदी जी और उनकी सरकार को भी जुमलेबाज करार दिया गया। टैंकर माफिया की मनमानी चल रही है। टैंकर बुलाने पर भी वे चक्कर नहीं लगाते और बाहर से ही निकल जाते हैं। गर्मी के इस मौसम में पानी की एक बूंद नहीं मिल रही। रेखा गुप्ता की सरकार ने 100 दिनों में कोई सुधार नहीं किया, बल्कि पहले की सभी सुविधाएं खत्म कर दीं। महिलाओं को 2,500 रुपये देने का वादा भी जुमला साबित हुआ।
महिलाओं ने कहा कि रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वे दिल्ली की सत्ता संभालने में पूरी तरह असफल रही हैं। दिल्ली, केंद्र और हरियाणा में भाजपा की सरकार होने के बावजूद पानी की समस्या हल नहीं हो रही। पानी के बिना जीवन असंभव है। सुबह उठने से लेकर रात तक हर काम के लिए पानी चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार ने जनता को प्यासा छोड़ दिया है। घड़े फोड़ने का कदम रेखा गुप्ता की आंखें खोलने के लिए उठाया गया, ताकि वे जनता की तकलीफ समझें।
महिलाओं ने कहा कि दिल्ली वालों ने भाजपा को जीत दिलाई, विधायक दिए, लेकिन बदले में उन्हें केवल तकलीफ मिली। पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। टैंकर माफिया की मनमानी और सरकारी टैंकरों की कमी ने हालात और बिगाड़ दिए। महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि घर और बच्चों की जिम्मेदारी उन्हीं पर है। बिना पानी के टिफिन बनाना, बच्चों को तैयार करना असंभव है। रेखा गुप्ता की सरकार के 100 दिन पूरे हो गए, लेकिन जनता को केवल निराशा मिली।
महिलाओं ने कहा कि जब केजरीवाल की सरकार थी, तब बिजली एक मिनट के लिए भी नहीं कटती थी। पानी की आपूर्ति नियमित थी और टैंकर समय पर आते थे। लेकिन अब टैंकर हफ्ते-दो हफ्ते में एक बार आता है और वह भी पूरी जरूरत पूरी नहीं करता। रेखा गुप्ता ने चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे किए थे कि दिल्ली को चमका देंगे, लेकिन अब पानी, बिजली और सीवर की समस्याओं ने जनता को परेशान कर रखा है। मकान तोड़े जा रहे हैं, जिससे गरीबों में आक्रोश है। रेखा गुप्ता को शालीमार बाग में बैठकर नहीं, बल्कि जनता के बीच आकर उनकी समस्याएं सुननी चाहिए।