िल्ली की “आप” सरकार द्वारा शनिवार को करीब 1500 सरकारी स्कूलों में मेगा पीटीएम का आयोजन किया गया। इस दौरान एक सरकारी स्कूल में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी शिरकत की और छात्रों व उनके पेरेंट्स से शिक्षा को लेकर विस्तृत चर्चा कर उनके फीडबैक लिए। पेरेंट्स ने अरविंद केजरीवाल से कहा कि आपने सरकारी स्कूलों को बहुत अच्छा कर दिया है। पहले सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब थी और इतनी सुविधाएं भी नहीं थी। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने पेरेंट्स से सुझाव भी मांगे कि और किन चीजों में सुधार करने की जरूरत है। साथ ही, उन्होंने कहा कि सभी पेरेंट्स को पीटीएम में जरूर आना चाहिए। इससे बच्चों का हौंसला बढ़ता है कि उनके पेरेंट्स उनकी पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। उधर, दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कई सरकारी स्कूलों में आयोजित पीटीएम में भाग लिया और बच्चे व उनके पेरेंट्स से शिक्षा पर बात की।
दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में आयोजित हो रहे पीटीएम में पहुंचे अरविंद केजरीवाल को 10वीं की छात्रा के माता-पिता ने बताया कि उनकी बेटी की पढ़ाई बहुत अच्छी चल रही है और स्कूल में बेहतरीन व्यवस्था है। टीचर्स बहुत अच्छा पढ़ाते हैं और उनकी बेटी रोज स्कूल आना चाहती है, छुट्टी नहीं करना चाहती। सब कुछ बहुत अच्छा है। जब अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि उनकी बेटी आगे चलकर क्या करना चाहती है, तो माता-पिता ने बताया कि उनकी बेटी आगे चलकर टीचर बनना चाहती है। इस पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि आजकल कई बच्चे आगे चलकर टीचर बनना चाहते हैं।
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि हमारे सरकारी स्कूल के टीचर और प्रिंसिपल बहुत अच्छे हैं। सब बहुत अच्छा पढ़ाते हैं। लेकिन कभी कोई दिक्कत आए तो पेरेंट्स मुझे जरूर बताएं कि इस चीज में सुधार होना चाहिए। आप सभी पीटीएम में आया करो। इससे बच्चों का भी हौंसला बढ़ता है कि उनके पेरेंट्स उनकी पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। इसलिए महीने- दो महीने में जो पीटीएम होती है उसमें सभी पेरेंट्स को आना चाहिए।
इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने एक छात्रा से उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा जिसपर छात्रा ने बताया कि उसकी पढ़ाई अच्छी हो रही है। केजरीवाल ने छात्रा से पूछा कि स्कूल में किसी तरह की दिक्कत तो नहीं है? जो टीचर पढ़ाते हैं वो समझ आ जाता है? उन्होंने छात्रा के साथ आई उसकी मां से कहा कि उन्हें भी बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना होगा। जब पेरेंट्स ध्यान देते हैं तो बच्चे और अच्छा करते हैं।
वहीं एक 12वीं में पढ़ने वाली आशना नामक छात्रा ने बताया कि 12वीं करने बाद मैं आईटी का कोर्स करूंगी और उसके बाद मैं आईटी की तरफ से शेयर मार्केट में काम करूंगी। मुझे हमेशा से ही शेयर मार्केट में दिलचस्पी है। इसलिए मैं उसमें काम करूंगी। स्कूल की पढ़ाई के बारे में छात्रा ने कहा कि स्कूल में पढ़ाई काफी अच्छी होती है। वही आशना की मां ने कहा कि आपने स्कूलों के लिए बहुत अच्छा काम कर दिया। पहले इतनी सुविधा नहीं थी। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब थी, लेकिन अब स्कूल बहुत अच्छे हो गए हैं। पहले हमें अपने रिश्तेदारों को बताने में झिझक होती थी कि हमारा बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ता है। अमीरों के बच्चे महंगे प्राइवेट स्कूल में जाते हैं और हम जैसे गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। इसलिए पढ़ाई भी ठीक नहीं होती। लेकिन अब हम बड़े गर्व से बताते हैं कि हमारे बच्चे बहुत अच्छे स्कूल में जाते हैं। दिल को सुकून मिलता है कि बच्चों की अच्छी पढ़ाई हो रही है। बच्चों की सारी खबर रहती है। टीचर्स हमें सबकुछ बताते हैं। हर हफ्ते पीटीएम रखते हैं। वहीं, 12वीं आर्ट्स की एक छात्रा ने बताया कि वह बड़ी होकर एक आर्टिस्ट बनना चाहती है।
उधर, दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भी कई सरकारी स्कूलों में गए और मेगा पीटीएम में भाग लेकर बच्चे और उनके माता पिता से शिक्षा पर बात की। उन्होंने एक्स पर मेगा पीटीएम की तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि आज विभिन्न सरकारी स्कूलों में मेगा पीटीएम के दौरान बच्चों और अभिभावकों से मुलाकात हुई। बच्चों की ऊर्जा और अभिभावकों का दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्रति बढ़ता विश्वास देखकर यह एहसास हुआ कि शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलाव सिर्फ इमारतों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि दिलों और सपनों को भी छू रहे हैं। यही बदलाव एक नई दिल्ली की नींव है