आम आदमी पार्टी ने सरकारी जमीन को हड़प कर उस पर अवैध तरीके से बहुमंजिला इमारत बनाने के मामले में भाजपा के पूर्व मेयर जय प्रकाश के खिलाफ आरोप है साथ ही कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि लोकायुक्त ने इस गंभीर मामले का खुलासा किया है। पूर्व मेयर जय प्रकाश पर आरोप है कि पावर का दुरुपयोग कर पहले प्रॉपर्टी अपने बेटे के नाम ट्रांसफर कराया। इसके बाद उस पर अवैध बहुमंजिला इमारत बना डाली। जबकि डूसिब ने इस प्रॉपर्टी को दो लोगों को लाइसेंस फीस पर दी थी। यह सरकारी जमीन है और इसे कोई ट्रांसफर नहीं करा सकता। निर्माण के दौरान पुलिस से चालान और डूसिब ने अवैध निर्माण की नोटिस भी दी थी। इसके बाद भी बिल्डिंग का निर्माण बंद नहीं हुआ। ‘‘आप’’ की मांग है कि इसकी जांच की जाए और पूर्व मेयर जय प्रकाश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
आम आदमी पार्टी के एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर कहा कि जय प्रकाश भाजपा के बड़े नेता हैं और वह दिल्ली के महापौर भी रह चुके हैं। लोकायुक्त की रिपोर्ट में जय प्रकाश पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली के सदर बाजार के बहादुर गढ़ मार्ग पर स्थित 3231/13, गली विक्रम की प्रॉपटी डूसिब की है। भाजपा नेता जय प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने अवैध तरीके से हड़प लिया और इस पर अवैध निर्माण भी कर लिया। कोई भी सरकारी प्रॉपर्टी को ट्रांसफर नहीं कर सकता है। आरोप है कि जय प्रकाश ने इस सरकारी प्रॉपर्टी को अपने बेटे के नाम पर ट्रांसफर करवाया, जबकि नियमानुसार यह ट्रांसफर नहीं हो सकती थी।
अंकुश नारंग ने कहा कि सरकारी जमीन को कोई भी व्यक्ति खरीद नहीं सकता है। इसलिए जय प्रकाश ने यह दिखाया कि जिनके पास यह प्रॉपर्टी लाइसेंस पर थी, उनसे उन्होंने इसे खरीद ली है। इस मामले को लेकर एक व्यक्ति लोकायुक्त में शिकायत की। केस में यह साफ तौर पर दर्शाया गया है कि जब जय प्रकाश महापौर थे, तब उन्होंने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके इस प्रॉपर्टी को खरीदा। जय प्रकाश ने अवैध तरीके से प्रॉपर्टी को खरीदने के साथ ही उस पर बहुमंजिला बिल्डिंग भी बना दी। प्रॉपर्टी का कुछ हिससा व्यवसायिक और कुछ आवासीय उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। आरोप है कि जय प्रकाश ने अवैध रूप से बिजली के मीटर भी लगवाए और निर्माण किया है।
अंकुश नारंग ने कहा कि उस दौरान डूसिब ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने जय प्रकाश को यह प्रॉपर्टी नहीं बेची है। डूसिब ने यह भी कहा कि उसने दो व्यक्तियों को यह प्रॉपर्टी लाइसेंस फीस पर दी थी और लाइसेंस फीस से यह प्रॉपर्टी ट्रांसफर नहीं हो सकती है। डूसिब की रिपोर्ट पर लोकायुक्त ने अब आदेश दिया है कि इस प्रॉपर्टी पर उचित कार्रवाई की जाए। लोकायुक्त ने उपराज्यपाल से कहा है कि पूर्व महापौर और एमसीडी पार्षद जय प्रकाश के खिलाफ पुलिस, एसीबी या अन्य एजेंसियों की जांच के आधार पर जरूरी कार्रवाई की जाए। इस प्रॉपर्टी पर निर्माण के दौरान दिल्ली पुलिस ने चालान भी किया है और डूसिब ने भी सेक्शन 41 के तहत नोटिस भेजा कि यह अवैध निर्माण है। डूसिब की प्रॉपर्टी पर निर्माण नहीं कर सकते हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर भाजपा के पूर्व मेयर जय प्रकाश पर लगे आरोप के खिलाफ उचित जांच होनी चाहिए। यह पता लगना चाहिए कि डूसिब की प्रॉपर्टी कैसे ट्रांसफर हुई और उस पर बहुमंजिला इमारत कैसे बन गई? तुरंत जांच शुरू होनी चाहिए और इसके नतीजों के आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी नेता, महापौर, उपमहापौर या स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर अवैध कब्जा या निर्माण न करे। चूंकि आज भी एमसीडी पर भाजपा का कब्जा है। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि कोई भी ऐसी गैरकानूनी गतिविधि न हो। हम चाहते हैं कि इस मामले की पूरी तफ्तीश हो और सख्त कार्रवाई हो।