आम आदमी पार्टी ने संविधान संशोधन के जरिए चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार खत्म करने की कोशिश कर रही भाजपा की केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। “आप” के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया समेत अन्य नेताओं ने इसे संविधान की मूल आत्मा संघवाद की हत्या बताया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब से चंडीगढ़ को अलग कर पंजाब की आत्मा पर चोट पहुंचा रही है। देश की सुरक्षा, अनाज, पानी व इंसानियत के लिए हमेशा बलिदान देने वाले पंजाब को उसी के हिस्से से वंचित किया जा रहा है। पंजाबियों ने कभी किसी तानाशाही के आगे सिर नहीं झुकाया। चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का ही रहेगा।
अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा संविधान संशोधन के माध्यम से चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को खत्म करने की कोशिश किसी साधारण कदम का हिस्सा नहीं, बल्कि पंजाब की पहचान और संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है। फेडरल स्ट्रक्चर की धज्जियाँ उड़ाकर पंजाबियों के हक़ छीनने की यह मानसिकता बेहद खतरनाक है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस पंजाब ने देश की सुरक्षा, अनाज, पानी और इंसानियत के लिए हमेशा बलिदान दिया, आज उसी पंजाब को उसके अपने हिस्से से वंचित किया जा रहा है। ये केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं बल्कि ये पंजाब की आत्मा को चोट पहुंचाने जैसा है। इतिहास गवाह है कि पंजाबियों ने कभी किसी तानाशाही के सामने सिर नहीं झुकाया। पंजाब आज भी नहीं झुकेगा। चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का रहेगा।
आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने एक्स पर कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा हर पंजाबी के हक़ पर यह सबसे बड़ा डाका है। चंडीगढ़ पर पंजाब का हक़ खत्म करने वाला यह कानून संविधान की मूल आत्मा, यानी फेडरलिज़्म की सीधी हत्या है। आज बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की आत्मा कितनी दुखी होगी। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन केंद्र में ऐसी सरकार आएगी, जिसकी मानसिकता ही राज्यों को कमजोर करके उन्हें खत्म करने की होगी।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा की बेशर्मी की हद देखिए, यह पंजाबियों के अधिकारों पर हमला उस समय कर रही है, जब पूरी दुनिया श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत बरसी पर उन्हें नमन कर रही है। वही गुरु साहिब जिन्होंने हिंदू धर्म और मानवता की रक्षा के लिए पंजाब से दिल्ली जाकर औरंगज़ेब की तानाशाही से सीधा लोहा लिया था। इतिहास गवाह है कि दिल्ली की तानाशाही के सामने पंजाब न झुका है और न झुकेगा।