आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता (एलओपी) आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से दिल्ली में बाढ़ प्रभावित हजारों परिवारों को तत्काल आर्थिक मदद करने की अपील की है। आतिशी ने मांग की है कि प्रभावित परिवारों के हर वयस्क को न्यूनतम मजदूरी के आधार पर 18 हजार रुपए दिए जाएं। जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उन्हें 20 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए। जैसे ‘‘आप’’ की पंजाब सरकार ने पहले ही वहां के किसानों को इस तरह की सहायता देने की घोषणा कर चुकी है।
आतिशी ने कहा कि बाढ़ में बच्चों की किताबें, पाठ्य पुस्तकें, दस्तावेज भी बह गए हैं। लिहाजा, बच्चों को बिना देरी किए नोटबुक और पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाए और बाढ़ में बह गए महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को दोबारा बनाने के लिए विशेष राहत शिविर लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में पानी, बिजली, साफ-सफ़ाई और खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रभावित परिवार बहुत दुखी हैं, उनका बहुत नुकसान हुआ है। सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से भाग नहीं सकती। प्रभावित लोग भय और अनिश्चितता में जी रहे हैं। उनकी चिंता ये है कि क्या सरकार उनकी मदद करेगी?
मंगलवार को डिजिटल प्रेसवार्ता कर नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि इस बार मानसून में दिल्ली में बाढ़ आई है। दिल्ली में बाढ़ के कारण हजारों परिवारों के घर में पानी भर गया है। मंगलवार सुबह यमुना बाजार में रहने वाली रीना देवी का मुझे फोन आया, फोन पर वो फूट-फूट कर रो रही थी। वो बता रही थीं कि जल स्तर गिरने के बाद वो जब अपने घर वापस गई तो उन्होंने देखा कि घर में कुछ नहीं बचा। घर का सारा सामान पानी में बह गया है। बच्चों की किताबें, बर्तन, गद्दे सब बह गए। जो सामान बचा भी था वो 10 दिन से पानी में रहने के कारण खराब हो गया है। आतिशी कहा कि रीना देवी के बच्चों के सारे जरूरी कागजात भी पानी में बह गए हैं। वो कह रही थी कि हम 10 दिन से काम पर नहीं जा पाए हैं, हाथ में एक पैसा नहीं है, घर में एक सामान नहीं बचा।
आतिशी ने कहा कि ये स्थिति सिर्फ रीना देवी और उनके परिवार की नहीं है। बल्कि आज दिल्ली में हजारों बाढ़ पीड़ित परिवार ऐसे ही परेशान हैं। यमुना का जल स्तर नीचे आया है लेकिन उनके घरों में कुछ भी नहीं बचा। उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से कहा कि मैं इन सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों की तरफ से मदद की अपील करती हूं। रेखा गुप्ता जी, आप दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं। इन परिवारों की मदद करना आपकी जिम्मेदारी है। सिर्फ एक परिवार के नहीं है, बल्कि हजारों परिवार के लोग दस दिन से काम पर नहीं जा पाए है। वो एक पैसा नहीं कमा पाए हैं। दूसरी तरफ घर में एक सामान इस्तेमाल करने लायक नहीं बचा है।
आतिशी ने दिल्ली की भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार ने राहत शिविर में कोई मदद नहीं थी। राहत शिविरों में कोई व्यवस्था नहीं की थी। ना पानी था, ना साफ-सफाई थी, ना बिजली थी, ना ठीक खाना था। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली में बाढ़ से प्रभावित हजारों परिवार की ये चिंता है, उनके मन में ये दर्द है कि क्या सरकार अब हमारी मदद करेगी?
आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से कहा कि इन सब परिवारों की तरफ से मैं आपसे मदद की अपील करती हूं। इन परिवारों के सदस्य 10 दिन से काम पे नहीं जा पाए और आने वाले कई दिनों तक काम पर नहीं जा पाएंगे। इसलिए तुरंत दिल्ली के मिनिमम वेजेस के आधार पर 18 हजार रुपए प्रति महीने हर प्रभावित परिवार के वयस्क सदस्य को दिया जाए ताकि वो थोड़े से राहत महसूस करे।
आतिशी ने कहा कि इसके अलावा हर परिवार को उनके घर में हुए नुकसान के आधार पर उनको मुआवजा दिया जाए। जो बच्चे इन घरों में रहते थे उनकी सारी कॉपी, किताब, स्कूल बैग, पेन, पेंसिल सब बाढ़ में बह गए है। मेरी अपील है कि दिल्ली के सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों के बच्चे चाहे वो सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं चाहे वो प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं उनको तुरंत किताबें, कापियां और स्कूल का सामान दिलवाया जाए।
आतिशी ने कहा कि कई किसान भाई-बहन हैं जो यमुना खादार में खेती करते हैं, सब्जियां उगाते हैं, फल उगाते हैं, बाढ़ के कारण उन सबकी खेती खत्म हो गई है। उन्होंने पंजाब में आम आदमी पार्टी की किसान हितैषी कार्य का जिक्र करते हुए सीएम रेखा गुप्ता से कहा कि आपको पता होगा पंजाब में जहां बाढ़ आई है वहां पर आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसानों को मुआवजा देने की घोषणा की है। हम अपील करते हैं कि दिल्ली के सभी किसानों की जिनकी खेती बह गई है उनको 20 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए।
आतिशी ने कहा कि बाढ़ पीड़ित जो इलाके हैं, वहां पर तुरंत शिविर लगाए जाएं, ताकि जिन लोगों के असली कागजात जैसे आधार, मतदाता पहचान पत्र, सर्टिफिकेट इत्यादि खराब हो गए हैं, उसे वो आसानी से बनवा सके। उनको इधर-उधर एसडीएम ऑफिस, अपने स्कूल-कॉलेज न भागना पड़े। उनके घर के पास ही शिविर लगाए जाए ताकि उनके कागजात फिर से बनाए जा सके। आतिशी से सीएम से कहा कि अगर आज इन परेशान परिवारों की आपने मदद की तो वो जिंदगी भर आपको दुआएं देंगे।