आम आदमी पार्टी ने दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए एमसीडी के पास पैसा नहीं होने को लेकर भाजपा को आड़े हाथ लिया है। एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा की चार इंजन की सरकार के बावजूद एमसीडी के पास पैसा नहीं है। बुधवार को हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में एमसीडी आयुक्त ने बताया कि कूड़े के समाधान के लिए 3500 करोड़ रुपए की जरूरत है और कंसेशनरीज को देने के लिए एमसीडी 70 करोड़ रुपए ही जुटा पा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर तरफ गंदगी फैली है। भाजपा का दिल्ली को कूड़े से आजादी दिलाने का अभियान महज फोटो शूट बनकर रह गया है। सीएम रेखा गुप्ता और मेयर अपनी ही केंद्र सरकार से पैसा नहीं ला पा रहे हैं। मेयर से कहना है कि वह बजट का रोना न रोएं। दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाकर दिल्लीवालों के प्रति अपनी जवाबदेही निभाएं।एमसीडी में “आप” के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि बुधवार को निगम मुख्यालय में स्टैंडिंग कमेटी की बैठक थी, जिसमें जब कूड़े के मुद्दे पर चर्चा हुई तो यह बात सामने आई कि दिल्ली में ‘दिल्ली को कूड़े से आजादी’ नामक एक महीने का अभियान चल रहा है, जिसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने महापौर राजा इकबाल सिंह के साथ मिलकर शुरू किया था। लेकिन जैसा कि आम आदमी पार्टी शुरू से कहती आई है, यह अभियान महज एक दिखावा है। महापौर या मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता उन स्थानों पर जाकर फोटो खिंचवाते हैं, जो पहले से ही हमारे कर्मठ सफाई कर्मचारियों द्वारा साफ किए जा चुके होते हैं। अंकुश नारंग ने कहा कि बुधवार को स्थायी समिति की बैठक में 18 सदस्यों (न सिर्फ आम आदमी पार्टी के, बल्कि भाजपा के पार्षदों) और मैंने भी बताया कि सेंट्रल जोन में हर जगह कूड़ा ही कूड़ा बिखरा हुआ है। सेंट्रल जोन में कूड़ा उठाने की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके पीछे पहले भी इस मुद्दे पर अभियान चलाए थे, यहां तक कि महापौर के कार्यालय के बाहर कूड़ा डालकर प्रदर्शन किया था, क्योंकि सेंट्रल जोन में कूड़ा उठाने के लिए टिंपर तक उपलब्ध नहीं हैं। इस बैठक में भाजपा की पोल खुल गई कि उनका यह अभियान केवल दिखावा है और यह जमीनी स्तर पर कोई खास बदलाव नहीं ला रहा। भाजपा पार्षदों ने भी स्वीकार किया कि हर जगह कूड़ा बिखरा हुआ है। अंकुश नारंग ने कहा कि निगम आयुक्त ने भी माना कि सेंट्रल जोन, साउथ जोन और वेस्ट जोन में कूड़े की समस्या गंभीर है। मैंने सिविल लाइंस जोन का भी जिक्र किया, जहां मजलिस पार्क और वजीराबाद के रामघाट में कूड़े का ढेर पड़ा है। यहां तक कि महापौर के घर के आसपास भी कूड़ा जमा है। आयुक्त, भाजपा के पार्षदों और स्टैंडिंग कमेटी की चेयरमैन ने भी माना कि कई स्थानों पर कूड़ा जमा है और कमजोर स्थान (वर्नरेबल पॉइंट्स) बढ़ते जा रहे हैं। इस पर आयुक्त ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए 3500 करोड़ रुपए की जरूरत है, जो निगम के पास नहीं हैं। हमें कंसेशनर को 90 करोड़ रुपए देने होते हैं, लेकिन केवल 70 करोड़ रुपए ही दे पाते हैं, जिसके कारण कंसेशनर सही से काम नहीं कर रहा है। टेंडर के लिए भी धन की कमी है। अंकुश नारंग ने कहा कि मैं भाजपा से सवाल पूछना चाहता हूं कि आज दिल्ली में उनकी चार इंजन की सरकार है। केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, निगम और उपराज्यपाल सभी उनके नियंत्रण में हैं। निगम अधिनियम में संशोधन करके उन्होंने सारी शक्तियाँ केंद्र सरकार को दे दीं। फिर केंद्र से धन लाने में क्या दिक्कत हो रही है? आयुक्त किस बात की दुहाई दे रहे हैं कि अब निगम के पास पैसा नहीं है? भाजपा ने खुद कहा था कि जब वे हर स्तर पर सत्ता में होंगे, तो दिल्ली और निगम में अच्छे काम कर पाएंगे। अंकुश नारंग ने कहा कि अब जब केंद्र, दिल्ली सरकार और निगम, तीनों उनके पास हैं, तो आयुक्त ने 3500 करोड़ रुपए की कमी का रोना क्यों रोया, जब भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली को कूड़ा-मुक्त करने की बात करती हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छता अभियान चलाते हैं? तो क्या केंद्र सरकार और भाजपा निगम को 3500 करोड़ रुपए देने को तैयार नहीं हैं? क्या भाजपा की दिल्ली सरकार निगम को धन देने के लिए तैयार नहीं है? क्या महापौर राजा इकबाल सिंह और रेखा गुप्ता मिलकर केंद्र से धन नहीं ला सकते और कूड़े की समस्या का समाधान नहीं कर सकते? अंकुश नारंग ने कहा कि जब से भाजपा दिल्ली सरकार और निगम में सत्ता में आई है, तब से उसके कार्यकाल में हर एक सड़क कूड़े में तब्दील होती जा रही है और कमजोर स्थान बढ़ रहे हैं। आम आदमी पार्टी की यह पुरजोर मांग है कि भाजपा की निगम और दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार से धन लेकर आए। निगम को सुचारू रूप से चलाएं और आगे यह बहाना न बनाएं कि 3500 करोड़ रुपए की कमी के कारण एमसीडी में जगह-जगह कूड़ा जमा हो रहा है। यह भाजपा की पूरी जिम्मेदारी और दिल्ली की जनता के प्रति जवाबदेही बनती है।