दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने दिल्ली के अंदर बढ़ते डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के केस को चिंता जताई है और इसकी रोकथाम को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा के चारों इंजन फेल हो चुके हैं। डेंगू-मलेरिया के केस पिछले सालों का रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। इस साल अब तक डेंगू के 685 और इस सप्ताह 66 नए केस आए हैं, जबकि मलेरिया के कुल 333 और इस सप्ताह 36 केस आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि “आप” सरकार कैंपेन चलाकर इन मौसमी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करती थी, लेकिन भाजपा कुछ नहीं कर रही है। उधर, मांगों को लेकर 29 सितंबर से डीबीसी कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं। इसके बाद दिल्ली का और बुरा हाल हो सकता है।
अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की चार इंजन वाली सरकार है और चारों इंजन फेल हैं। 20 सितंबर को भाजपा की एमसीडी ने डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में इस बार फिर से मलेरिया के 36 नए मामले आए हैं। अब तक दिल्ली में मलेरिया के 333 मामले हो चुके हैं। इस साल मलेरिया ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जबकि इस सप्ताह डेंगू के 66 नए मामले आए हैं। अब तक डेंगू के कुल 685 मामले आ चुके हैं। डेंगू के एक सप्ताह में 66 केस पहले कभी नहीं आए। उधर,इस सप्ताह चिकनगुनिया के 6 नए केस आए हैं। चिकनगुनिया के भी अब तक कुल 52 मामले हो चुके हैं, जो पिछले पांच साल की तुलना में सबसे ज्यादा हैं। भाजपा के पास मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से लड़ने की कोई ठोस कार्य योजना है।
अंकुश नारंग ने याद दिलाया कि जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, तब आम आदमी पार्टी की सरकार 10 सप्ताह, 10 रविवार, सुबह 10 बजे, 10 मिनट का एक कैंपेन चलाती थी। केजरीवाल सरकार के इस सफल कैंपेन का भाजपा के लोग मजाक उड़ाते थे। जबकि अभियान से लोगों के बीच जागरूकता बढ़ती थी। लोगों को पता होता था कि मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू से कैसे लड़ना है। क्योंकि इन मौसमी बीमारियों की रोकथाम आरडब्ल्यूए या स्थानीय लोग सावधानी बरत कर अच्छे से सकते है। अगर कहीं पानी एकत्रित है, तो वे उसे साफ करके इन बीमारियों से बच सकते हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली की आबादी तीन से चार करोड़ है। ऐसे में डीबीसी, एमटीएस कर्मचारी घर-घर जाकर मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू को फैलने से रोकते हैं इतनी आबादी के बावजूद एमटीएस कर्मचारी महज पांच हजार के आसपास ही हैं। इसीलिए केजरीवाल सरकार अपने कैंपेन के जरिए दिल्लीवालों को बताती थी कि हर एक रविवार को घर में रखे पौधों के गमलों को साफ करें, कूलर आदि में कही पानी जमा हो तो उसे साफ करें। लेकिन अब चार इंजन की भाजपा सरकार के पास कोई इन मौसमी बीमारियों से लड़ने के लिए कोई अभियान नहीं है। इसी वजह से दिल्ली में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के केस लगातार बढ़ रहे है और भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है।
अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा वाले सिर्फ काम करने के बड़े बड़े दावे भर करते हैं। ये लोग क्या कर रहे हैं, ये बात इन्हें भी नहीं पता है। अगर दिल्लीवाले मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू से जूझ रहे हैं तो फिर चार इंजन वाली भाजपा सरकार का क्या फायदा है? सिविल लाइन जोन के जहांगीरपुरी जैसे इलाकों से रोजाना डेंगू-मलेरिया के मामले आ रहे हैं, जहां से पार्षद व जोन चेयरमैन भाजपा का है। इसी जोन से महापौर राजा इकबाल सिंह खुद आते हैं। अगर महापौर अपने वार्ड, या अपने जोन में ही मौसमी बीमारियों को नहीं रोक पा रहे हैं, तो पूरी दिल्ली से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के बढ़ते मामलों को कैसे रोक पाएंगे? इन बीमारियों की रोकथाम के लिए ड्रोन से दावा का छिड़काव करने का भाजपा बस ड्रामेबाजी कर रही है। इससे कुछ नहीं होने वाला। भाजपा को ये भी बताना चाहिए कि दवा छिड़कने में इस्तेमाल ड्रोन कितना बड़ा है, क्योंकि मच्छर तो जगह-जगह हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली में लगातार मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन भाजपा रिपोर्ट दबाने का काम कर रही है। हर जगह पर मामले उभर रहे हैं, लेकिन भाजपा के पास कोई ठोस कदम नहीं है। भाजपा ने सिर्फ दिखाने के लिए दो महीने पहले फोगिंग शुरू करवा दी। जबकि अक्सर सितंबर के मध्य से या अंत से फोगिंग शुरू होती थी और अक्टूबर-नवंबर तक होती थी। सिर्फ फोगिंग करना डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया को खत्म करने का हल नहीं है। इसके लिए एक-एक व्यक्ति को जागरूक करना पड़ेगा। ऐसा लगता है एमसीडी में भाजपा ने डमी महापौर बैठा दिया हैं, जो खुद से कुछ नहीं करते हैं। ऊपर से जो आदेश आया या इनके मालिक जो बताते हैं, उसी हिसाब से काम करते हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि जो 5200 डीबीसी कर्मचारी मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू की रोकथाम के लिए घर-घर जा रहे हैं, वे भी 29 सितंबर को हड़ताल पर जा रहे हैं। क्योंकि भाजपा उनकी मांग पूरी नहीं कर पा रही है। ये कर्मचारी एक समान वेतन की एक छोटी सी मांग कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार ने उनको डीबीसी से एमटीएस बनाया था। भाजपा को समान वेतन देने में क्या परेशानी है? ये कर्मचारी चिकित्सा अवकाश को अर्जित अवकाश के तौर पर भी मांग कर रहे हैं। वे भी बीमार पड़ सकते हैं। मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू के सबसे ज्यादा करीब यही लोग होते हैं। उनकी यह भी मांग है कि अगर काम करते हुए किसी की मृत्यु हो जाए तो उनकी जगह पर उनके परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जाए। भाजपा यह मांग भी पूरी नहीं कर रही है, जबकि उन्हें किसी न किसी को तो रखना ही है। इसलिए वे 29 सितंबर से हड़ताल पर रहेंगे। अगर 29 सितंबर से डीबीसी से एमटीएस बन चुके कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, तो दिल्ली का क्या हाल होगा? अगर ये कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, तो भाजपा मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू की रिपोर्ट 100 फीसद नहीं दबा पाएगी।