आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी और गृह मंत्री अमित शाह की कड़ी आलोचना की है। आप के वरिष्ठ नेता और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को हुए दो संगीन घटनाओं का जिक्र किया — पहला जिसमें एक व्यापारी को गोली मारी गई और दूसरा जिसमें दो भाइयों पर चाकू से हमला किया गया। जिसमें एक भाई की मौत हो गई। सौरभ भारद्वाज ने भाजपा और अमित शाह से दिल्ली की जनता को जवाब देने की मांग की है, जो बढ़ती हिंसा और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर परेशान हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज दिल्ली में चाहे व्यापारी हों, हमारी बहनें, माएं या बुजुर्ग हों, हर कोई डर के माहौल में जी रहा है। जब बच्चे घर से बाहर जाते हैं तो उनकी माताओं को चिंता होती है कि वो वापस आएंगे भी या नहीं, पता नहीं कब क्या हो जाएगा। दिल्ली में अब गैंगवॉर, गैंगस्टरों द्वारा वसूली की धमकियां और दुकानों या होटलों में पैसे न देने पर गोलीबारी जैसे हादसे आम हो गए हैं।
सौरभ भारद्वाज ने आज की दो चौंकाने वाली घटनाओं का उदाहरण देते हुए कानून व्यवस्था की स्थिति की गंभीरता को बताया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक घटना एक साधारण बर्तन व्यापारी के साथ हुई है, जो सुबह घर लौट रहा था, जब उसके स्कूटर पर आठ गोलियां चलाई गईं। हमलावर भीड़-भाड़ वाले बाजार में गोलीबारी किए। दूसरी घटना गोविंदपुरी की है, जहाँ कुछ हफ्ते पहले एक कांस्टेबल की हत्या हुई थी। आज वहां दो भाइयों पर हमला हुआ। एक गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में है, जबकि दूसरे की मृत्यु हो गई।
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर जिम्मेदारी से बचने और दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज भाजपा कानून-व्यवस्था के लिए जवाबदेही से बच रही है। दस साल पहले दिल्ली में दो सरकारें थीं। दिल्ली के लोगों ने हर सरकार को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी थीं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल की सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, अस्पताल, बिजली और पानी की जिम्मेदारी दी थी, और उन्होंने अपने काम अच्छे से किए। वहीं, जनता ने दिल्ली की कानून-व्यवस्था और पुलिस की जिम्मेदारी भाजपा को दी गई थी, लेकिन भाजपा अपनी जिम्मेदारी में पूरी तरह से नाकाम रही है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री को दिल्ली के लोगों को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा को दिल्लीवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अपनी पूरी नाकामी का जवाब देना चाहिए। दिल्ली के लोग जवाब के हकदार हैं।