आम आदमी पार्टी ने किराड़ी विधानसभा के वारासी-नांगलोई रेलवे फाटक पर दो दिन पहले ट्रेन से कट कर दो बच्चों की दुखद मौत के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया। साथ ही जान गंवाने वाले बच्चों के परिवारों को सरकार एक-एक करोड़ का मुआवजा देने और अफसरों की जवाबदेही तय करने की मांग की है। किराड़ी विधानसभा से ‘‘आप’’ विधायक अनिल झा ने कहा कि यहां पर कई सालों से आरओबी बनाने की मांग की जा रही है। मैं खुद पीएम, रेल मंत्री और केंद्र-दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को कई पत्र लिख चुका हूं, लेकिन अभी तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। जबकि रोड ओवर ब्रिज बनाने में 10-12 करोड़ रुपए की ही लागत आएगी। उन्होंने भाजपा से मांग की कि फालतू मुद्दे उठाने के बजाय जनता के मुद्दों पर ध्यान दे और जल्द से जल्द नांगलोई रेलवे फाटक पर आरओबी बनवाए।
रविवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के साथ प्रेसवार्ता कर विधायक अनिल झा ने कहा कि दिल्ली में पिछले 8 महीने से और केंद्र में 11 साल से भाजपा की सरकार है। विकास के मुद्दे पर भाजपा आम आदमी पार्टी की सरकार पर तमाम आरोप लगाती रहती थी। हमें उम्मीद थी कि दिल्ली में भाजपा की सरकार आने के बाद विकास कार्यों में तेजी आएगी। लेकिन पिछले सात महीने में दिल्ली के लोगों ने विकास कार्यों में कोई खास प्रगति नहीं देखी। आज दिल्ली की हर विधानसभा के लोग कई परेशानियों से जूझ रहे हैं। बारिश में जलभराव हुआ। मेरे निर्वाचन क्षेत्र किराड़ी में वारासी नांगलोई रेलवे फाटक पर रोड ओवर ब्रिज न बनने से आसपास की तीन-चार विधानसभाओं के लोग प्रभावित हैं।
अनिल झा ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी देश की राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय से महज 22-23 किलोमीटर दूर स्थित किराड़ी विधानसभा के लोग इस मार्ग पर रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन नहीं बन रहा है। इसे बनाने में बामुश्किल 10-12 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस रोड ओवर ब्रिज के न बनने से लगातार ट्रेन से हादसे हो रहे हैं। तीन दिन पहले रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटने से दो बच्चों की दुखद मौत हो गईं। पिछले चार सालों में यहां 38 लोगों की मौत ट्रेन से कटने से हो चुकी हैं। पिछले 15 सालों से लोग केंद्र सरकार से वारासी- नांगलोई रेलवे फाटक पर रोड ओवर ब्रिज मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। मैंने खुद प्रधानमंत्री को कई बार पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री कार्यालय से हर बार कार्रवाई का सिर्फ आश्वासन मिलता है। इसके अलावा, केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, भारत सरकार और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को भी कई बार पत्र लिख चुका हूं।
अनिल झा ने कहा कि किराड़ी और आसपास की विधानसभाओं की आबादी लगभग 25 लाख है। यह लाखों लोग रेलवे विभाग से वारासी-नांगलोई रेलवे फाटक पर रोड ओवर ब्रिज बनाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही, बाबा विद्यापति मार्ग पर फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) बनाने की मांग कर रहे हैं। पहले भाजपा आरोप लगाती रही कि दिल्ली मंे अरविंद केजरीवाल की सरकार है, इसलिए रेलवे को जमीन नहीं मिल रही है। लेकिन अब तो दिल्ली में भाजपा की ही सरकार है। आरओबी और एफओबी को लेकर 24 अगस्त 2024 को डीडीए और पीडब्ल्यूडी के अंदर एक मेमोरंडम साइन हुआ। डीडीए को मॉनिटरिंग एजेंसी बनाया गया। इसमें रेलवे को भी शामिल किया गया। आज स्थिति यह है कि भारत सरकार के इस आदेश को दिल्ली सरकार मानने को तैयार नहीं है।
अनिल झा ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर मैं दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, पीडब्ल्यूडी मंत्री, रेल मंत्री, डीआरएम, रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रमुख से मिल चुका हूं। भाजपा बहुत बड़ी-बड़ी बातें करती है और कहती है कि उसकी सरकार ने जम्मू कश्मीर में टलन बना दी, वंदे भारत बना दिया। भाजपा सरकार ने वंदे भारत को इसलिए बनाया कि हमारे बच्चे रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कट कर मरते रहें। किराड़ी विधानसभा प्रधानमंत्री कार्यालय से 23 किमी, सीएम आवास से 22 किमी और मुख्य सचिव के आवास से 21 किमी दूर है, वहां के लोग रेलवे ट्रैक पर मरने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा फालतू के मुद्दे उठाती है। नवरात्र में कौन मीट खाएगा और कौन नहीं खाएगा, भाजपा इसे छोड़कर किराड़ी विधानसभा के लोगों से जुड़े अहम मुद्दे पर ध्यान दे और लोगों के लिए आरओबी और एफओबी बनाकर दे।
इस दौरान प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि विधायक अनिल झा किराड़ी विधानसभा के वारासी-नांगलोई रेलवे फाटक पर रोड ओवर ब्रिज बनाने की मांग को लेकर 33 बार भाजपा शासित केंद्र सरकार को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन किसी के कान में जू तक नहीं रेंगी है। दिल्ली की जनता पर भाजपा की सरकार एक श्राप है। भाजपा सरकार की विफलताओं के कारण इस बार बारिश के चलते दिल्ली में करीब 40 लोगों की मौत हुई है। नांगलोई रेलवे फाटक पर ट्रेन से कट कर दो बच्चों की मौत सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि भाजपा सरकार की विफलता है। इसीलिए इस हादसे के बाद सीएम रेखा गुप्ता, रेल मंत्री और एलजी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई और न तो कोई वहां गया। जबकि इस हादसे के बाद 700 से अधिक लोग रोड ओवर ब्रिज बनाने की मांग को लेकर वहां पहुंचे थे।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि यह इलाका अधिक आबादी वाला है। जहां पर हादसा हुआ है, उसे रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने हाई रिस्क जोन के तौर पर चिंहित किया है। देश को आजादी मिले 80 साल होने वाले हैं, लेकिन नांगलोई के इस अधिक आबादी वाले इलाके में रेलवे ने अभी तक तार फेंसिंग तक नहीं कर पाया है और ना ही आरओबी और एफओबी की मांग ही पूरी कर पाया है। इस साल दिल्ली के अंदर जून तक रेलवे ट्रैक पर कट कर 350 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे देश में पिछले तीन साल में रेलवे ट्रैक को पार करने के दौरान ट्रेन से कट कर करीब 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। आज भी देश में लाखों लोग रेलवे ट्रैक को पार करके अपने घर-ऑफिस जाने के लिए मजबूर है। क्योंकि सरकार ने जरूरी जगहों पर लोगों की मांग के बावजूद फूट ओवर ब्रिज नहीं बनाया है और ना तो तार फेंसिंग की है। यह सब भाजपा सरकार की विफलता ही है।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने संसद में कहा था कि रेलवे हर साल 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपए सुरक्षा पर खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन लोगों को सुरक्षा तो मिल नहीं रही है, तो फिर ये करोड़ों रुपए कहां जा रहे हैं? सरकार के पास तार फेंसिंग पर हुए खर्च का कोई डाटा ही नहीं है। क्या ये करोड़ों रुपए सिर्फ रेल मंत्री की रील बनाने में खर्च हो रहा है या फिर व्यक्तिगत प्रचार पर खर्च हो रहा है। या फिर ये पैसा भाजपा अपनी जेब में डाल रही है। नांगलोई रेलवे फाटक पर हुए हादसे के लिए सरकार को जवाबदेही तय करनी चाहिए। वरना और भी न जाने कितने लोग भाजपा सरकार की विफलताओं के चलते रेलवे ट्रैक पर मरने वालों के आंकड़े में शामिल होते रहेंगे। आम आदमी पार्टी की भाजपा की दिल्ली व केंद्र सरकार से मांग करती है कि वह उन पीड़ित परिवारों से जाकर मिले। पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा दे, जिम्मेदार अफसरों पर हत्या के प्रयास का केस करे और उनकी जवाबदेही तय करे।