आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार द्वारा शहीद भगत सिंह का जन्मदिन नहीं मनाने को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। आम आदमी पार्टी के दिल्ली पप्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले शहीद भगत सिंह की इस तरह की अनदेखी को उनका और उनके करोड़ों प्रशंसकों का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि 28 सितंबर को पूरा देश शहीद भगत सिंह का जन्मदिन मना रहा था, मगर क्या दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने मनाया? पूरे दिन के सीएम के शेड्यूल में कोई कार्यक्रम शहीद भगत सिंह के लिए नहीं था। सीएम रोज़ अपने दफ्तर की फोटो डाली जाती हैं, मगर शहीद भगत सिंह की तस्वीर अब किसी फोटो में नहीं दिखती।
सौरभ भारद्वाज का कहना है कि जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है, देश को आजादी दिलाने के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले शहीदों का लगातार अपमान कर रही है। 28 सितंबर को पूरे देश में शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। आम आदमी पार्टी ने अपने मुख्यालय पर कार्यकम आयोजित कर शहीद भगत सिंह को याद किया। दिल्ली में अलग-अलग संस्थाओं ने अपने तरीके से शहीद भगत सिंह को याद किया, लेकिन दिल्ली सचिवालय में भगत सिंह की जयंती नहीं मनाई गई। यह भी पता चला है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री के दिन भर के सेड्यूल में एक भी कार्यक्रम भगत सिंह को लेकर नहीं था। जबकि आम आदमी पार्टी हर साल दिल्ली सचिवालय में बड़ी धूमधाम के साथ भगत सिंह का जन्मदिन मनाया करती थी। लेकिन अब भगत सिंह की जयंती नहीं मनाई जा रही है। इससे दिल्ली और देश भर में रहने वाले शहीद भगत सिंह के प्रशंसकों को गहरी ठेस पहुंची है। सिख समाज और युवा खुद को अपमानित महसूस कर रहा है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की सत्ता पाते ही भाजपा ने शहीद भगत सिंह और बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर का अपमान करना शुरू कर दिया था। आम आदमी पार्टी की सरकार ने इन दोनों महापुरुषों की तस्वीरें सभी सरकारी दफ्तरों में लगाने की पहल शुरू की थी और सभी दफ्तरों में तस्वीरें लगाई भी गईं, लेकिन सरकार में आते ही भाजपा ने सबसे पहले कार्यालयों से भगत सिंह और बाबा साहब की तष्वीरें हटाने का निर्णय लिया। भाजपा सरकार ने दिल्ली सचिवालय समेत अन्य दफ्तरों में भगत सिंह और बाबा साहब की तष्वीरें हटाकर उनकी जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति का लगा दिया। तब आम आदमी पार्टी ने भाजपा के इस कदम का कड़ा विरोध किया था। इसके बाद भाजपा ने इन महापुरुषों की तस्वीरें लगाई, लेकिन उनकी जगह बदल दी गई। उन्होंने कहा कि विट्ठल भाई पटेल की जयंती पर शहीद भगत सिंह का नाम लिया गया, जो अनुचित है। भगत सिंह की जयंती को अलग से सम्मान मिलना चाहिए था। भाजपा भगत सिंह और डॉ. अंबेडकर जैसे प्रतीकों को दबाना चाहती है, जिसे आम आदमी पार्टी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी।
उधर, “आप” मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऋतुराज झा ने कहा कि भाजपा ने एक बार फिर शहीद भगत सिंह और बाबा साहब अंबेडकर के प्रति अपनी नफरत जाहिर की है। भाजपा नहीं चाहती कि भगत सिंह के विचार युवाओं को प्रेरित करें या देश उनके दृष्टिकोण पर आगे बढ़े। “आप” की दिल्ली सरकार ने 10 साल तक शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती धूमधाम से मनाई। अरविंद केजरीवाल और “आप” मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस, वीडियो संदेश, कैबिनेट बैठकों और सरकारी निर्णयों के दौरान हमेशा भगत सिंह और बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीरें बैकग्राउंड में होती थीं। रविवार (28 सितंबर) को भगत सिंह की जयंती पर “आप” ने अपने मुख्यालय पर कार्यक्रम आयोजित किया, लेकिन भाजपा सरकार ने कोई आयोजन नहीं किया।
ऋतुराज झा ने कहा कि भाजपा की चार इंजन वाली सरकार के बावजूद रेखा गुप्ता या किसी बड़े भाजपा नेता ने भगत सिंह की जयंती पर कोई कार्यक्रम नहीं किया, जिससे युवा निराश हैं।भाजपा भगत सिंह के विचारों का प्रचार-प्रसार नहीं चाहती। रविवार को भगत सिंह की जयंती पर युवा भाजपा के कार्यक्रम का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि 10 साल तक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली “आप” सरकार ने उनकी जयंती धूमधाम से मनाई। लेकिन भाजपा ने कोई कार्यक्रम नहीं रखा। इससे साबित होता है कि भाजपा शहीद-ए-आजम भगत सिंह से नफरत करती है। वो नहीं चाहती है कि युवाओं में उनके विचारों का प्रचार-प्रसार हो और देश भगत सिंह के विजन को लेकर आगे बढ़े। भाजपा भाजपा द्वारा इस तरह भगत सिंह का अपमान करने से लाखों-करोड़ों युवा हताश हैं।
ऋतुराज झा ने बताया कि पहले भाजपा ने सरकारी कार्यालयों और मंत्रियों के दफ्तरों से भगत सिंह और बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीरें हटाईं और अब उनकी जयंती और शहीदी दिवस को नजरअंदाज कर रही है। यह एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत भाजपा शहीदों को लोगों के मन से मिटाना चाहती है। यह देश के लिए खतरनाक है, क्योंकि भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया, जिसने युवाओं को एकजुट कर 1947 में आजादी दिलाई। इसी तरह, बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान देकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को मजबूती दी।
इस दौरान शहीद भगत सिंह यूथ ब्रिगेड के दीप खत्री ने कहा कि उनकी संस्था पिछले 10 सालों से “आप” सरकार के साथ भगत सिंह की जयंती मनाती रही है, जिसमें उनके परिवार से कोई न कोई शामिल होता था। इस साल कोई सरकारी आयोजन न होने से कार्यकर्ता और अन्य संगठन नाराज हैं। उन्होंने कहा कि भगत सिंह युवाओं के आदर्श हैं और भाजपा का उन्हें नजरअंदाज करना शहीदों का अपमान है। दीप खत्री ने मांग की कि अगले साल से दिल्ली सरकार इस तरह की लापरवाही न दोहराए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए ऋतुराज झा ने कहा कि तस्वीरें हटाने के खिलाफ “आप” ने पहले भी विरोध किया था, लेकिन भाजपा पर इसका कोई असर नहीं हुआ, जो तानाशाही का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भाजपा न तो भगत सिंह के विचारों को फैलने देना चाहती है और न ही बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को सम्मान देना चाहती है। एक सवाल के जवाब में कि क्या सहयोगी दलों के दबाव की कमी है, ऋतुराज झा ने कहा कि “आप” का कोई सहयोगी दल नहीं है। उन्होंने सोनम वांगचुक की गैरकानूनी गिरफ्तारी का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके विरोध में एक भी कांग्रेस नेता ने कुछ नहीं कहा। इसलिए जब भी शहीदों या देश के मुद्दों की बात होगी, तो “आप” अकेले ही सड़क पर उतरेगी और आवाज बुलंद करेगी।
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