आम आदमी पार्टी के दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने पिछले 9 दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे एमटीएस कर्मचारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि दिल्लीवालों पर डेंगू-मलेरिया का खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में भाजपा सरकार को कर्मचारियों की मांगे पूरी कर उनकी हड़ताल खत्म करा देनी चाहिए। भाजपा सरकार सिर्फ 60 करोड़ रुपए सालाना बचाने के लिए 5 हजार कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। जबकि ये कर्मचारी ही मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव, पानी की टंकियों की सफाई समेत अन्य कार्य करते हैं। जब से ये कर्मचारी हड़ताल पर हैं, दवा का छिड़काव नहीं हो रहा है। दिल्ली में जब से भाजपा की चार इंजन की सरकार बनी है, तब से न कर्मचारी खुश हैं और ना तो दिल्ली की जनता खुश है। इस अवसर पर करोलबाग ज़ोन अध्यक्ष श्री पुनीत राय, सिटी एसपी जोन अध्यक्ष श्री विकास टांग, वेस्ट जोन अध्यक्ष श्रीमती निर्मला कुमारी जी और आम आदमी पार्टी के जुझारू व कर्मठ कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अंकुश नारंग ने कहा कि एमसीडी के 5,200 एमटीएस और सीएफडब्ल्यू कर्मचारियों की 29 सितंबर से शुरू हुई हड़ताल नौवें दिन में है। “आप” की एमसीडी सरकार ने इन कर्मचारियों को डीबीसी से एमटीएस का दर्जा दिलाया था। मैंने 26 सितंबर को सदन में मेयर राजा इकबाल सिंह को बताया था कि 5,200 कर्मचारी 29 सितंबर को हड़ताल पर जा रहे हैं। इनसे बात कर लें, क्योंकि ये लोग टंकियां चेक करते हैं, पानी का जमाव देखते हैं। एमसीडी में इनके बिना कोई यह काम नहीं कर सकता। अगर ये हड़ताल पर गए, तो दिल्ली की जनता को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। लेकिन मेयर को 10 मिनट का समय नहीं मिला।
अंकुश नारंग ने कर्मचारियों की तीन मांगों को जायज ठहराया:
- समान वेतन: एमटीएस कर्मचारियों को छह अलग-अलग स्केल्स (14,000 से 27,000 रुपये) में सैलरी मिलती है। डीबीसी से एमटीएस बनने के बाद भी एक समान वेतन नहीं मिल रहा। यह बिल्कुल जायज मांग है।
- मेडिकल लीव: 30 साल से काम कर रहे ये कर्मचारी मलेरिया-डेंगू के बीच काम करते हैं। कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को मेडिकल लीव मिलती है, तो इन्हें क्यों नहीं?
- मृत्यु पर परिवार को नौकरी: ये कर्मचारी खतरनाक परिस्थितियों में काम करते हैं। मृत्यु होने पर उनके परिवार को नौकरी मिलनी चाहिए।
अंकुश नारंग ने बताया कि मैंने मेडिकल हेल्थ ऑफिसर (एमएचओ) के साथ यूनियन की बैठक करवाई। एमएचओ ने कहा कि समान वेतन से हर महीने 5 करोड़, यानी सालाना 60 करोड़ का खर्च आएगा। जब भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मेयर राजा इकबाल सिंह कहते हैं कि पैसे की कोई कमी नहीं है तो फिर 60 करोड़ रुपए खर्च करने में क्या दिक्कत है? भाजपा प्रचार और विज्ञापनों में इससे ज्यादा खर्च करती है। पीएम मोदी की विदेश यात्राओं का खर्च इससे कहीं ज्यादा है।
अंकुश नारंग ने दिल्लीवालों के ऊपर मंडरा रहे स्वास्थ्य संकट पर चिंता जताते हुए कहा कि रिपोर्ट्स दिखाती हैं कि मलेरिया के 431, डेंगू के 840 (पिछले हफ्ते 81 नए केस) और चिकनगुनिया के 75 केस इस साल दर्ज हुए, जो पांच साल में सबसे ज्यादा हैं। आठ दिनों से फॉगिंग, छिड़काव और टैंक चेकिंग बंद है, लेकिन सरकार छुट्टी मना रही है। भाजपा के लोग दशहरा, दुर्गा पूजा, वाल्मीकि जयंती आदि मना रहे हैं, जबकि कर्मचारी सड़क पर हैं। जब से भाजपा ने एमसीडी संभाली है, न कर्मचारी खुश हैं, न दिल्ली की जनता।