आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में हुए भारी जल भराव को लेकर बीजेपी सरकार को आड़े हाथ लिया है। एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि कुछ देर की बारिश में बीजेपी सरकार के सारे दावे , बह गए और पूरी दिल्ली पानी-पानी हो गई। सीएम, पीडब्ल्यूडी मंत्री और मेयर ने दिल्लीवालों से वादा किया था कि कहीं जल भराव नहीं होगा, सारे इंतजाम कर लिए गए हैं और दिल्लीवाले मानसून का आनंद लेंगे, लेकिन बारिश हुई तो उनके सारे दावे खोखले निकले। जल भराव से लोग घंटों परेशान रहे, लेकिन सीएम से लेकर मंत्री तक कोई सड़क पर दिखाई नहीं दिया। मंत्री प्रवेश वर्मा ने तो कहा था कि जलभराव होने पर अफसरों को सस्पेंड कर देंगे। बीजेपी को बताना चाहिए कि अब जब जल भराव हो गया है तो कितनों को सस्पेंड किया गया है?
“आप” के वरिष्ठ नेता व एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने प्रेस वार्ता कर कहा कि मानसून शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि इस बार हमने सारे उपाय कर लिए हैं, दिल्ली की जनता को कोई दिक्कत नहीं होगी। पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा था कि 400 से ज्यादा जलभराव वाले पॉइंट्स चिह्नित किए गए हैं और इनके लिए जिम्मेदार अफसरों की ड्यूटी लगा दी गई है। अगर कहीं पानी भरेगा, तो अफसरों को तुरंत सस्पेंड कर देंगे। एमसीडी मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा था कि दिल्लीवासी इस बार मानसून का आनंद लेंगे। स्टैंडिंग कमेटी की पहली बैठक में कहा गया कि दिल्ली सरकार की तरह एमसीडी भी नोडल अफसर लगाएगी, जो जलभराव रोकेगी और नालों की सफाई सुनिश्चित करेगी।
अंकुश नारंग ने पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर हुए जलभराव की तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की शालीमार बाग विधानसभा में जलभराव हुआ, धौला कुआं में बारिश रुकने के बाद भी जलभराव रहा। संगम विहार में भाजपा का विधायक है, वहां जलभराव हुआ। नजफगढ़, मुस्तफाबाद में सडक पर भरे पानी में बच्चा कश्ती चलाते हुए दिखा। नारायण गांव, शाहदरा, कश्मीरी गेट समेत पूरी दिल्ली में जगह-जगह जलभराव हुआ। सरिता विहार में भाजपा का बोर्ड लगा है, जिसमें लिखा है कि यह विकास कार्य उनके नेता द्वारा कराया गया, लेकिन वहां भी पानी भरा है।
अंकुश नारंग ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार, 30 जून तक पीडब्ल्यूडी के 82 फीसद नालों की सफाई हो चुकी थी। एमसीडी की आधिकारिक रिपोर्ट कहती है कि सभी नालों की सफाई पूरी हो गई है और यह काम पूरे साल चलता है। चार फीट से छोटे और बड़े नालों की सफाई की रिपोर्ट भी जमा की गई। यानी एमसीडी के हिसाब से 100 फीसद और पीडब्ल्यूडी के हिसाब से 82 फीसद काम हो चुका था। फिर भी दिल्ली में जलभराव क्यों हुआ? क्या भाजपा ने जलभराव रोकने के लिए कोई कदम उठाए? दिल्ली सरकार ने जलभराव रोकने के लिए 443 अफसरों की ड्यूटी लगाई गई थी। क्या किसी को सस्पेंड किया गया? मेयर राजा इकबाल सिंह कह रहे थे कि दिल्लीवाले मानसून का आनंद लेंगे, क्या बारिश के दिन वह सड़कों पर थे? मुख्यमंत्री और भाजपा के मंत्री भी सड़कों पर नहीं थे।
अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्लीवालों से बड़े-बड़े वादे करके बीजेपी सत्ता में आई, लेकिन दिल्ली की जनता को सिर्फ धोखा दिया। भाजपा ने कहा था कि इस बार जनता को जलभराव से तकलीफ नहीं होगी, लेकिन हल्की बारिश में भी दिल्ली डूब गई। लोगों को 5-6 घंटे बारिश में परेशान होना पड़ा। लोगों का एक जगह से दूसरी जगह पहुंचना मुश्किल था। भाजपा को जमीन पर उतरकर काम करना चाहिए, न कि सिर्फ फोटो सेशन करना चाहिए। एलजी, मुख्यमंत्री, मेयर और मंत्री नाले पर खड़े होकर फोटो खिंचवाते हैं। इससे बेहतर है कि नाले साफ करवाएं। एमसीडी के नाले साफ हों, ताकि जनता को तकलीफ न हो। भाजपा को अपनी कथनी और करनी में समानता लानी होगी और दिल्ली की जनता का हक अदा करना होगा। जनता जलभराव सहन नहीं कर सकती।