आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में ठंड के साथ ही तेजी से बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल करने को लेकर उदासीनता बरत रही भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। वरिष्ठ नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि भाजपा सरकार विंटर एक्शन में देरी का जवाब दे। दिल्ली में तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है लेकिन भाजपा की विपदा सरकार सो रही है। जब दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने लगा तो 15 दिन देरी से आनन फानन में विंटर एक्शन प्लान की घोषणा कर खानापूर्ति की गई। उन्होंने कहा कि सरकार ने पराली गलाने के लिए बायो डी कंपोजर के छिड़काव की मॉनिटरिंग करे। क्योंकि अभी इसका छिड़काव कहीं नहीं हो रहा है? धूल प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए निजी कंपनियों के साथ मीटिंग होती थी, वह भी नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति दे दी है, लेकिन भाजपा सरकार अभी तक कोई तैयारी नहीं कर पाई है।
दिल्ली के पूर्व पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दिवाली नजदीक है, लेकिन सरकार सो रही है। 15 दिन की देरी के बाद गुरुवार को भाजपा सरकार ने आनन-फानन में मीटिंग करके विंटर एक्शन प्लान घोषित कर कोरम पूरा किया। हर साल दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। मैं भाजपा सरकार से पूछना चाहता हूं कि आखिर एक महीने से वह कहां सो रही थी? हर बार 15 सितंबर से विंटर एक्शन प्लान बनाने की प्रक्रिया शुरू होती रही और 1 अक्टूबर से पहले दिल्ली का विंटर एक्शन प्लान घोषित हो जाता था। लेकिन इस बार 15 दिन बाद विंटर एक्शन प्लान क्यों घोषित हुआ? सरकार को इस सवाल का जवाब देना चाहिए।
गोपाल राय ने कहा कि अब तो दिल्ली में भाजपा की चार इंजन वाली सरकार है। केंद्र, दिल्ली, एमसीडी, एलजी, दिल्ली पुलिस सहित सब कुछ भाजपा का है। फिर 15 दिन तक एक्शन प्लान क्यों नहीं बन पाया? कौन इसका जिम्मेदार है? अधिकारी, मंत्री या पूरी सरकार? क्यों लापरवाही बरती गई? प्रदूषण के खतरे से लोगों की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभाव का जिम्मेदार कौन होगा? गुरुवार को आनन-फानन में घोषित विंटर एक्शन प्लान लागू कब होगा? दिवाली सिर पर है, लेकिन वार रूम अभी तक शुरू नहीं हुआ। वार रूम की एक भी मीटिंग नहीं हुई। मंत्री जी को एक मीटिंग लेने की भी फुर्सत नहीं मिली। कैसे काम होगा?
गोपाल राय ने विंटर एक्शन प्लान का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें 100 फीसद पराली पर छिड़काव का काम चलने की बात लिखी है। लेकिन 15 दिन हो गए, मंत्री जी ग्राउंड पर क्यों नहीं गए? कहां छिड़काव हो रहा है, कैसे हो रहा है और कितने किसानों के यहां हो रहा है? मंत्री जी ग्राउंड पर क्यों नहीं जा रहे? एंटी-डस्ट कैंपेन के लिए हर बार प्राइवेट कंस्ट्रक्शन एजेंसियों के साथ मीटिंग होती थी, ताकि सरकारी और प्राइवेट एजेंसियां डस्ट पॉल्यूशन को नियंत्रण करने में सक्रियता से हिस्सेदारी करें। क्या उनकी मीटिंग बुलाई गई? अगर नहीं, तो कब बुलाई जाएगी? क्या सरकार दिवाली में प्रदूषण बढ़ने का इंतजार कर रही है? अगर आज तक मीटिंग ही नहीं हुई, तो कार्यान्वयन की बात दूर की है।
गोपाल राय ने कहा कि 15 दिन बाद विंटर एक्शन प्लान आया है, लेकिन इसे जमीन पर लागू कौन करेगा? हमारे कर्मचारी इसे लागू करते हैं, लेकिन क्या उनकी ट्रेनिंग हुई? क्या उन्हें दिशा-निर्देश दिए गए? आज तक ट्रेनिंग नहीं हुई। दिल्ली में हर बार डस्ट कंट्रोल के लिए सड़कों पर मोबाइल एंटी-स्मॉग गन से पानी का छिड़काव शुरू हो जाता था। लेकिन पूरे दिल्ली में कहीं भी मोबाइल एंटी-स्मॉग गन नहीं दिख रही है। अगर अभी तक सड़कों पर नहीं उतरीं, तो क्यों नहीं उतरीं? क्यों पूरे दिल्ली में पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा? क्या सरकार एक्यूआई 300 या 400 पार होने का इंतजार कर रही है? सरकार क्यों चुप बैठी है, सो रही है? आज तक फील्ड विजिट एक भी कंस्ट्रक्शन साइट पर नहीं हुई। ये सारी चीजें दिखाती हैं कि भाजपा सरकार लोगों की जिंदगी से खेलने की तैयारी कर रही है और यह दुखद है।
गोपाल राय ने कहा कि जब मैंने दो दिन पहले सवाल उठाया कि विंटर एक्शन प्लान क्यों नहीं आया, तो गुरुवार को आनन-फानन में मीटिंग करके प्लान घोषित कर दिया गया। लेकिन कागजों पर घोषित करने से प्लान लागू नहीं होता। उसके लिए पहले से तैयारी होती है। दिवाली के बाद प्रदूषण इतनी तेजी से बढ़ेगा कि फिर ग्रैप ही लागू करना पड़ेगा। कोर्ट को दखल देना पड़ेगा क्योंकि अगर प्रदूषण तेजी से बढ़ा, तो ग्रैप की पाबंदियां लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं। लेकिन हर साल ग्रैप से पहले दिल्ली सरकार सभी विभागों के साथ कार्य योजना बनाती थी और उसे जमीन पर लागू करती थी। इस बार सरकार पूरी तरह फेल हुई है। मैं सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं कि वे लोगों की जिंदगी के साथ ऐसे नहीं खेल सकते। यह सरकार की जिम्मेदारी है। भाजपा सोचती है कि बयानबाजी से प्रदूषण नियंत्रित हो जाएगा, लेकिन यह दिल्लीवालों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है।
गोपाल राय ने दिल्ली की भाजपा सरकार से कहा कि आम आदमी पार्टी उसका सहयोग करने को तैयार हैं। दिल्ली के लोग भी तैयार हैं। लेकिन अगर 15 दिन बाद प्लान जारी किया है, तो इसे लागू करने में 15 दिन और लगेंगे। तब तक जिंदगी पर खतरा मंडरा चुका होगा। इसलिए बयानबाजी छोड़कर तेजी से काम करिए। आज मैंने मीडिया में देखा कि ग्रीन पटाखों के उत्पादकों और विक्रेताओं को लाइसेंस के लिए आवेदन मंगाए जा रहे हैं। अगर आज आवेदन मंगाए जा रहे हैं, तो दिवाली तक अनुमति मिलेगी या नहीं, पता नहीं। इसका मतलब दिल्ली में जहरीले पटाखे फूटेंगे और इसका घातक असर दिल्लीवालों की जिंदगी पर पड़ेगा। इसलिए मेरा निवेदन है कि अभी दो दिन बचे हैं। चूंकि सभी जगह भाजपा की सरकार है, तो त्वरित गति से सिंगल विंडो बनाया जाए। लाइसेंसिंग के लिए 24 घंटे काम करके अगर शनिवार तक लाइसेंस मिल जाएं, तो शायद दिवाली पर ग्रीन पटाखे मिलें। वरना इस बार लापरवाही से जहरीली दिवाली होगी। भाजपा सरकार से निवेदन है कि जागो। लोगों की जिंदगी खतरे में डालने से पहले जागो, नहीं तो दिल्ली के लोग उन्हें माफ नहीं करेंगे।