राष्ट्रपति ट्रम्प ने एच1बी वीजा पर भारी भरकम फीस बढ़ाकर भारतीय पेशेवरों के लिए अमेरिका की राह मुश्किल कर दी है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया और दिल्ली के प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मनीष सिसोदिया का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने एच1बी वीजा फीस बढ़ाकर भारत को एक और झटका दिया है, लेकिन मोदी सरकार चुप्पी साधे बैठी है। यह कदम भारतीय पेशेवरों को अमेरिका जाने से रोकने वाला है। पहले एच1बी वीजा 1-6 लाख रुपए में मिलता था, लेकिन अब इसकी फीस बढ़ाकर 88 लाख रुपए कर दी है। अपने जन्मदिन पर ट्रम्प का फोन आते ही गदगद होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि एच1बी वीजा फीस वृद्धि पर उनको कैसा लग रहा है?
वरिष्ठ नेता और पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने कहा कि अमेरिका ने भारतीय प्रोफ़ेशनल्स के लिए एच1बी वीज़ा फीस बढ़ाकर 88 लाख रुपए कर दी है। पहले यह फीस 1 से 6 लाख रुपए के बीच हुआ करती थी, अचानक फीस इतनी ज्यादा कर दी गई है। जिन भारतीय प्रोफ़ेशनल्स का स्वागत कभी अमेरिका और यूरोप के देश पलक-पांवड़े बिछाकर करते थे, आज उन्हीं पर 88 लाख रुपए की भारी- भरकम फीस लगाकर दरवाज़े लगभग बंद किए जा रहे हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारतीयों की इस तरह की बेइज्ज़ती और बेरुख़ी पहले कभी नहीं हुई। प्रधानमंत्री जी अपने जन्मदिन पर ट्रम्प का फ़ोन आते ही गदगद होकर ट्वीट करते हैं और देश को बताते हैं कि उन्हें कितना अच्छा लगा, लेकिन भारतीय प्रोफ़ेशनल्स पर ट्रम्प की इस बड़ी मार के बाद उन्हें कैसा लग रहा है- यह भी तो प्रधानमंत्री जी के ट्वीट के माध्यम से देश जानना चाहता है।
“आप” के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ोतरी को लेकर कहा कि लाखों भारतीयों को भारत में अच्छी नौकरी नहीं मिलती है। ये लोग अमेरिका जाकर काम करते हैं और अमेरिका में विदेशी सिर्फ एच-1बी वीजा पर ही नौकरी कर सकते हैं। वहां काम करने वाले विदेशियों में 70 फीसद से ज्यादा भारतीय हैं। अब एच-1बी वीजा शुल्क इसलिए बढ़ाया गया है ताकि अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों को वापस भारत भगाया जा सके। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यह कदम क्यों उठा रहे हैं? भारतीयों से उन्हें इतनी तकलीफ क्यों हो गई कि वे सारे पढ़े-लिखे भारतीय डॉक्टर, इंजीनियर और मैनेजमेंट के विशेषज्ञों को वापस भारत भेज रहे हैं? यह चिंता की बात है।