आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने बिहार में एसआईआर के बाद भी घुसपैठिए न मिलने को लेकर चुनाव आयोग को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर के जरिए एनडीए की जीत पर अपनी मुहर लगा दिया है। एसआईआर के बाद बिहार की वोटर लिस्ट में मात्र 315 विदेशी नागरिक मिले है, जिनमें 78 मुसलमान है और बाकी नेपाल के हिंदू हैं। ज्ञानेश कुमार ने मोदी जी के लिए 5 लाख डूब्लीकेट मतदाता और 1 लाख यानी बिना नाम वाले मतदाता तैयार कर दिए है। विपक्षी पार्टियां खूब मेहनत करेंगी, मैं भी करूंगा, मगर वोट चोर मोदी को जीताने के लिए वोट चोर ज्ञानेश कुमार ने पूरी तैयारी कर ली है।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को एक्स पर एक वीडियो संदेश के जरिए बिहार की सभी विपक्षी पार्टियों से अपील की कि खूब मेहनत कीजिए, रैलियां कीजिए। आम आदमी पार्टी और हमारे कार्यकर्ता भी ऐसा ही करेंगे। लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर के जरिए एनडीए की जीत पर पहले ही मुहर लगाकर जीत का सर्टिफिकेट बांट दिया है।
संजय सिंह ने एसआईआर के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा चिल्ला रही थी कि घुसपैठिए, बांग्लादेशी, रोहिंग्या आ गए, इन्हें भगाना है। लेकिन वोटर लिस्ट में एक भी नाम पर भाजपा ने शिकायत नहीं की कि यह घुसपैठिया या विदेशी है। अंतिम वोटर लिस्ट आने के बाद ज्ञानेश कुमार के मुंह में ताला लग गया। पूरे बिहार में सिर्फ 315 विदेशी नागरिक मिले, जिनमें ज्यादातर हिंदू हैं और मुसलमान सिर्फ 78 हैं। तो इन 78 मुसलमान पकड़ने के लिए 8 करोड़ मतदाताओं को परेशान कर एसआईआर का हव्वा खड़ा किया गया? यह दावा ज्ञानेश कुमार कर रहे थे। उनकी अज्ञानता पर हंसी आती है, लेकिन वे चालाक हैं। यह सब मोदी जी और भाजपा के इशारे पर हुआ।
संजय सिंह ने अंतिम वोटर लिस्ट के घोटाले का खुलासा करते हुए बताया कि इसमें 5 लाख फर्जी वोट हैं। इसमें एक मतदाता के दो जगह नाम दर्ज हैं और नाम, पता सब एक जैसा है। हरियाणा में कुछ हजार वोटों से चुनाव बदल गया था और दिल्ली में भी 1-2 फीसद के अंतर से ही बदला था। बिहार में 5 लाख फर्जी वोट भाजपा की झोली में हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 80 लाख कम हो गई। इतनी बड़ी संख्या में वोट घटाए गए, फर्जी जोड़े गए। विपक्ष चाहे जितनी मेहनत कर ले, वोट चोरी हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी और ज्ञानेश कुमार का मकसद एसआईआर के जरिए विपक्ष के वोट काटकर भाजपा को फायदा पहुंचाना था और वह सफल भी हो गया है। इस लिस्ट पर चुनाव होता है, तो एनडीए प्रत्याशियों को चुनाव आयोग ने पहले ही जीत का सर्टिफिकेट दे दिया है।
संजय सिंह ने कहा कि अब विपक्ष को ही सोचना पड़ेगा इसका विरोध कैसे करें। सुप्रीम कोर्ट इन तथ्यों को सुनेगा या नहीं? तारीखें रोकेगा या पुरानी लिस्ट पर चुनाव कराएगा? यह सवाल बिहार चुनाव पर खड़े हैं। लेकिन इस तरह लोकतंत्र तो नहीं चलेगा, सिर्फ वोट चोरी ही चलेगी।