पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2024 में दिल्ली में लगभग 288 एमएम बारिश हुई थी, जिसके मुकाबले इस बार दिल्ली में 100 एमएम भी बारिश नहीं हुई है। परंतु दिल्ली का हाल यह है, कि पूरी दिल्ली जलमग्न नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित दिल्ली सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे किए गए थे, कि सारी तैयारी कर ली गई है, परंतु उसके बावजूद थोड़ी सी ही बारिश में दिल्ली शहर के मुख्य मुख्य क्षेत्र पानी में डूबे हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि कल हुई मात्र थोड़ी सी ही बारिश में दिल्ली का आईटीओ, जखीरा, अम्बेडकर स्टेडियम वाला इलाका, राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सामने वाला रोड, भाजपा सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा के घर के निकट वाली मार्किट, कपिल मिश्रा के घर के सामने वाला रोड सभी जगह लोगों को जल भराव की भारी समस्या का सामना करना पड़ा, पूरी दिल्ली में हर जगह पानी ही पानी भरा हुआ था। यही नहीं पहली बार ऐसा देखा गया की दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में जल भराव का स्तर इतना अधिक था कि दुकानों के भीतर तक पानी भरा हुआ था।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मानसून से पहले भाजपा शासित दिल्ली सरकार ने बहुत बड़े-बड़े दावे किए थे। सरकार की ओर से कहा गया था, कि इस बार मानसून के समय में जल भराव की समस्या से निपटने के सारे इंतजाम कर लिए गए हैं। सरकार की ओर से यह भी दावा किया गया था, कि करोड़ों रुपए के टेंडर डी सिल्टिंग के लिए जारी किए गए हैं और इस बार दिल्ली में जल भराव की कोई समस्या नहीं होगी। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की दिल्ली सरकार के इतने बड़े-बड़े दावों के बावजूद थोड़ी सी ही बारिश में पूरी दिल्ली पानी में डूबती नजर आई। उन्होंने दिल्ली सरकार के दावों पर प्रश्न उठाते हुए कहा, कि यदि सरकार की ओर से डी सिल्टिंग के लिए करोड़ों रुपए के टेंडर जारी किए गए थे, परंतु उसके बावजूद भी थोड़ी सी ही बारिश में पूरी दिल्ली में सैकड़ो जगह पर जल भराव की समस्या खड़ी हुई, इसके दो ही कारण हो सकते हैं, कि या तो दिल्ली सरकार के दावे झूठे थे, या फिर डी सिल्टिंग के नाम पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है।
मीडिया के माध्यम से दिल्ली सरकार से अनुरोध करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की दिल्ली सरकार रोज नए-नए घोटाले के दावे कर उनकी जांच कर रही है तो दिल्ली में डी सिल्टिंग के लिए खर्च किए गए करोड़ों रुपए से क्या काम किया गया इसकी जांच भी दिल्ली सरकार को करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार देखा गया कि कनॉट प्लेस में इतने बड़े स्तर पर जल भराव हुआ। इससे पहले कभी हमने ऐसी खबर नहीं सुनी कि बारिश में कनॉट प्लेस पानी में डूब गया हो। उन्होंने कहा कि कनॉट प्लेस के लोग ही इस बात को कह रहे हैं कि सरकार की लापरवाही के कारण ही ऐसा हुआ। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कनॉट प्लेस के समीप स्थित रिपब्लिक ऑफ मिंटो ब्रिज को बचाने की कवायत में पुरी की पूरी सरकार, मुख्यमंत्री, मंत्री और उपराज्यपाल महोदय लगे रहते हैं और उसी का यह नतीजा हुआ कि पूरा कनॉट प्लेस पानी में डूब गया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि डी सिल्टिंग के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय का यह कहना है, कि डी-सिल्टिंग केवल कागजों पर होती है और इसमें बड़ा भ्रष्टाचार किया जाता है। डी सिल्टिंग के जितने भी काम होंगे, चाहे वो दिल्ली सरकार के किसी भी विभाग द्वारा किए गए हों, सबका किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा थर्ड पार्टी ऑडिट किया जाना चाहिए। सौरभ भारद्वाज ने मीडिया के माध्यम से दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी से प्रश्न पूछते हुए कहा, कि उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार दिल्ली सरकार ने जो डी सिल्टिंग की थर्ड पार्टी ऑडिट कराई है उसे जल्द से जल्द सार्वजनिक किया जाए।