आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास और किसानों को टैक्स के बोझ से राहत देने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि अमीरों के करोड़ों के लोन माफ करने की जगह देश के किसानों व मिडिल क्लास के लोन माफ किए जाएं और मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ भी कम किया जाए। अगर पूंजीपतियों का कर्ज माफ नहीं किया जाता है तो आयकर व जीएसटी दरें आधी, टैक्स योग्य आय की लिमिट दोगुनी और खाने की चीजों पर जीएसटी माफ हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार जनता के टैक्स के पैसे को अपने अरबपति मित्रों पर लुटाती है तो मिडिल क्लास को बहुत दुख होता है। लिहाजा, प्रधानमंत्री कानून लाएं कि अब किसी भी अरबपति के कर्जे माफ नहीं किए जाएंगे।
पांच साल में अरबपतियों के 10 लाख करोड़ रुपए के कर्ज माफ कर दिए गए- केजरीवाल
मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने आज प्रधानमंत्री को एक बहुत अहम मुद्दे पर चिट्ठी लिखी है। जिसमें मैंने उनसे निवेदन किया है कि भाजपा की केंद्र सरकार सरकारी खजाने से खुलेआम देश के चंद अरबपतियों पर पैसे लुटा रही है। ऐसा लगता है कि जैसे सारा सरकारी खजाना जनता पर खर्च करने की बजाए कुछ अरबपति दोस्तों पर लुटाया जा रहा है। जिस भी अरबपति दोस्त पर मेहरबान होना होता है, उसे पहले सरकार से कर्जा दे देते हैं और 3-4 साल के बाद उस कर्जे को माफ कर देते हैं। एक तरह से सरकारी खजाने का सारा पैसा उस अरबपति के खजाने में चला जाता है, उसके अकाउंट में चला जाता है। पिछले 5 साल में केंद्र सरकार ने 400-500 अरबपतियों के 10 लाख करोड़ रुपए के कर्जे माफ कर दिए। एक तरफ जहां देश का गरीब और मिडिल क्लास का आदमी दिन-ब-दिन महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहा है। वहीं, दूसरी तरफ केंद्र का सारा खजाना 400-500 अरबपतियों के पूरी तरह से खोल दिया गया है।
हमने 400 करोड़ रुपए में महिलाओं की बस यात्रा फ्री कर दी और कंेद्र ने एक ही आदमी के 46 हजार करोड़ रुपए माफ कर दिए- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले अखबारों में खबर छपी थी कि इनके एक दोस्त पर 47 हजार करोड़ रुपए का कर्जा था। उसके 47 हजार करोड़ में से 46 हजार करोड़ रुपए माफ कर दिए। एक और दोस्त पर 6.50 हजार करोड़ रुपए का कर्जा था। उसमें से उसके 5 हजार करोड़ रुपए माफ कर दिए। ऐसे लग रहा है कि जैसे पैसे लुटाते जा रहे हैं। मैंने दिल्ली में महिलाओं की बस यात्रा फ्री की, उस पर सिर्फ 400 करोड़ रुपए खर्च हुए। लेकिन इन्होंने एक ही आदमी पर 46 हजार करोड़ रुपए दे दिए। हमने दिल्ली की 1 करोड़ महिलाओं का बस का सफर फ्री करने पर सिर्फ 400 करोड़ रुपए खर्च किए और इन्होंने एक ही आदमी पर उससे कई गुना ज्यादा पैसे खर्च कर दिए।
मिडिल क्लास अपनी कमाई का आधा हिस्सा टैक्स के रूप में देता है, लेकिन बदले में उसे कुछ नहीं मिलता है- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक मिडिल क्लास का आदमी साल में 12 लाख रुपए कमाता है, उस पर केंद्र सरकार ने कई तरह के टैक्स लगा दिए। वह जीएसटी, इनकम टैक्स, सर्विस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, एजुकेशन सेस, कैपिटल गेन टैक्स और रोड टैक्स देता है। यह सारे टैक्स अगर एक साथ किए जाएं तो 12 लाख इनकेम कमाने वाला आदमी कम से कम 6 लाख रुपए यानि अपनी आधी आमदनी सरकार को टैक्स के रूप में दे देता है और उसे बदले में कुछ नहीं मिलता। जब वह देखता है कि वह टैक्स पर टैक्स दिए जा रहा है और उसका 6 लाख रुपए अरबपतियों के पास चला गया, उसे लूट लिया गया। इस बात से वह बहुत दुखी होता है।
देश बहुत नाराज है कि सरकारी खजाना अमीरों को दिया जा रहा है- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने इस पत्र के जरिए प्रधानमंत्री जी से दो निवेदन किए हैं। पहला, चाहे कानून लाया जाए या चाहे प्रधानमंत्री जी एलान करें कि अब इस देश के अंदर किसी भी अरबपति के कर्जे माफ नहीं किए जाएंगे। यह बहुत बड़ा घोटाला चल रहा है, देश को धोखा दिया जा रहा है। देश बहुत नाराज और दुखी है कि सारा सरकारी खजाना उठाकर अमीरों को दे दिया जा रहा है। अगर इन्हें कर्जे माफ करने हैं तो मिडिल क्लास के कर्ज माफ करो। एक मिडिल क्लास का आदमी अगर महीने का 1 लाख रुपए कमाता है तो उसके 60-70 हजार रुपए ईएमआई पर चले जाते हैं। लेकिन उनका कर्जा माफ नहीं करते। अगर कर्जे माफ करने ही हैं तो सभी मिडिल क्लास के होम लोन व व्हीकल लोन माफ कर दो। किसानों के लोन माफ कर दो। लेकिन अरबपतियों के कर्जे माफ करना बंद होना चाहिए। हम मांग करते हैं कि मिडिल क्लास के सारे ईएमआई माफ कर दो। किसानों के सारे कर्जे माफ कर दो।
अबरपतियों के कर्ज माफ बंद करके मिडिल क्लास को बड़ी राहत दे सकते हैं- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने हिसाब लगाया है कि अगर अरबपतियों को पैसे देना और कर्जे देना बंद कर दिया तो देश के अंदर इनकम टैक्स की दरें आधी की जा सकती हैं। इनकम टैक्स की टैक्सबल लिमिट डबल की जा सकती है। सभी चीजों के ऊपर जीएसटी आधा किया जा सकता है। जितने भी आवश्यक वस्तुएं हैं, उनके ऊपर जीएसटी माफ कर दिया जा सकता है। चार चीजें हैं। इनकम टैक्स रेट आधा हो सकता है। टैक्सबल लिमिट डबल हो सकती है। सभी चीजों पर जीएसटी के रेट आधे हो सकते हैं। आवश्यक वस्तुएं पर पूरा जीएसटी माफ किया जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहली मांग यह है कि अमीरों के कर्ज माफ करना बंद करो, अगर कर्ज माफ करना ही है तो मिडिल क्लास के ईएमआई माफ करो। दूसरी मांग यह है कि अगर अमीरों के कर्जे माफ करना बंद कर देते हैं तो जीसएटी और इनकम टैक्स की दरें आधी की जा सकती हैं। टैक्सबल इनकम की लिमिट डबल की जा सकती है। आवश्यक वस्तुएं पर जीएसटी हटाया जा सकता है। यह हमारी देश के मिडिल क्लास और आम आदमी की तरफ से मांग है।