आम आदमी पार्टी आगामी 25 अप्रैल को होने जा रहे दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव नहीं लड़ने का बड़ा एलान किया है। पार्टी ने तय किया है कि वह इस बार मेयर चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। इस बाबत ‘‘आप’’ दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा अपना मेयर बना ले। अपनी स्टैंडिंग कमेटी बनाकर बिना कोई बहाने बनाए दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार चलाए और दिल्लीवालों से किए अपने सारे वादे पूरे करे। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के अंदर जलभराव, कूड़े के पहाड़, सड़कों-गलियों की साफ-सफाई, ट्रैफिक जाम, कानून व्यवस्था, क़त्ल, फिरौती व रेप की घटनाओं, टूटी सड़कों, बिजली, पानी का न आना या स्कूलों में फीस वृद्धि समेत सभी समस्याओं के लिए भाजपा जिम्मेदार है। दिल्ली के लोग अपनी समस्याएं लेकर भाजपा के पास जाएं। हमें पूरा यकीन है कि एक महीने में भाजपा दिल्ली व पूरे देश में एक्सपोज हो जाएगी।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने नेता प्रतिपक्ष आतिशी के साथ प्रेसवार्ता कर कहा कि हम पिछले कई सालों से दिल्ली में सत्ता को लेकर भाजपा की निराशा देख रहे हैं। 9 मार्च 2022 को राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि शाम पांच बजे दिल्ली नगर निगम के चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। केंद्र सरकार ने शाम पाचं बजे से पहले राज्य चुनाव आयोग की एमसीडी चुनाव की घोषणा को लेकर की जाने वाली प्रेस कांफ्रेंस को रूकवा दी। केंद्र सरकार ने यह कहते हुए प्रेस कांफ्रेंस को रूकवाया कि वह डी-लिमिटेशन करवाएगी। तीनों एमसीडी को एक करेंगे और छह से 18 महीने बाद चुनाव कराएंगे। भाजपा की निराशा इस बात को लेकर थी कि वह एमसीडी चुनाव में बुरी तरह से हारने वाली थी। एमसीडी चुनाव में दिल्ली की जनता वोट देने के लिए उतावली थी। इसलिए एमसीडी चुनाव को टाल दिया गया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसके बाद 4 दिसंबर 2022 को चुनाव कराए गए। डी-लिमिटेशन के दौरान भाजपा द्वारा एक-एक वार्ड को कार्वआउट किया गया। मसलन, ग्रेटर कैलाश विधानसभा में जीके वार्ड है और उसकी पार्षद को लोग गांव में घुसने नहीं दे रहे हैं तो उस वार्ड को निकाल कर उसे दूसरे वार्ड में डाल दिया गया ताकि किसी तरह से भाजपा के प्रत्याशी को जिताया जा सके। अगर डी-लिमिटेशन के अभ्यास को देखें तो आम आदमी पार्टी के मजबूत वोट वाले सारे एरिया को जोड़कर एक बड़ा वार्ड बना दिया गया। आम आदमी पार्टी के वोटर्स को एक वार्ड में डाल दिया गया और भाजपा के वोटर्स के छोटे-छोटे वार्ड अलग कर दिए गए, ताकि गिनती में भाजपा उपर आ सके। कह सकते हैं कि केंद्र सरकार ने पूरी तरह से भ्रष्ट तरीके से डी-लिमिटेशन करवाया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इतनी कोशिशों के बावजूद 4 दिसंबर 2022 को एमसीडी के हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिलीं और भाजपा को 104 सीटें मिलीं। इसके बाद भाजपा की सत्ता को लेकर निराशा के यह हालात थे कि पूर्व पार्षद व वर्तमान दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता एमसीडी के सदन में माइक तोड़ रही थीं। भाजपा पार्षदों द्वारा नारे लगाए जा रहे थे और मेयर के उपर हमले किए गए। यह सबकुछ दिल्ली की जनता ने देखा। सुप्रीम कोर्ट तक ने भाजपा को कहा कि आप जबरदस्ती अपने एल्डरमैन के वोट नहीं डलवा सकते और भाजपा सबके सामने एक्सपोज हो गई। इसके बाद से हम लगातार देख रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों को साम, दाम, दंड, भेद, डरा-धमका कर और लालच देकर भाजपा अपनी पार्टी में लाने की कोशिश में लगी हुई है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है कि इस बार दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। भाजपा अपना मेयर बना ले। इसके बाद भाजपा अपनी स्टैंडिंग कमेटी बनाए और बिना किसी बहाने बनाए दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार चलाए और दिल्लीवालों को काम करके दिखाएं। हालांकि दिल्ली में भाजपा की चार इंजन इसलिए हो जाएगा कि केंद्र, राज्य और एमसीडी के अलावा एक इंजन एलजी का भी है, जो कभी रूक जाता है तो कभी चलता है।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि भाजपा पूरे देश में जहां कहीं चुनाव हारती है, वहां साम, दाम, दंड, भेद अपना कर पिछले दरवाजे से सरकार बनाने की कोशिश करती है। हमने देखा है कि ऑपरेशन लोटस के जरिए गोवा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश भर में दूसरी पार्टियों को तोड़कर भाजपा सरकार बनाती है। दिल्ली में भी एमसीडी में करारी हार को देखते हुए भाजपा एमसीडी का पुनः एकीकरण करने के लिए संसद में एक एक्ट लेकर आई। इस एकीकरण में मात्र एक बदलाव हुआ कि 272 से 250 वार्ड हो गए। इसके अलावा कोई और बदलाव नहीं हुआ। इसके चलते एमसीडी के चुनाव देरी से हुए,