आम आदमी पार्टी के विधायक दल के चीफ व्हिप संजीव झा ने सीएम रेखा गुप्ता को पत्र लिखा है। सोमवार को लिखे पत्र में उन्होंने पूछा है कि रविवार को हुई पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में एमसीडी के कर्मचारियों को किसके आदेश पर भेजा गया? इसकी जांच की जाए। क्योंकि एमसीडी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने ऐसा कोई आदेश देने से इन्कार कर दिया है। अगर मेयर द्वारा आदेश नही दिया गया तो फिर किसके आदेश पर बसों में कर्मचारी भर कर रैली में भेजे गए। दिल्ली की जनता को पता होना चाहिए कि यह आदेश किसने दिया? इसलिए इसकी गहन जांच कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
“आप” विधायक दल के चीफ व्हिप संजीव झा ने सोमवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर कहा है कि रविवार, 16 अगस्त को दिल्ली में यूईआर-2 के उद्घाटन कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री की रैली के अवसर पर जगह-जगह से एमसीडी के सफाई कर्मचारियों और शिक्षकों को अधिकारियों के दबाव में बसों में भर-भर कर भेजा गया। इस संदर्भ में जब कर्मचारियों ने जानकारी चाही तो संबंधित अधिकारियों ने उन्हें यह जानकारी दी कि ऊपर से आदेश जारी हुए हैं और इसमें कुछ भी करने की उनकी स्वतंत्र मंशा नहीं है। यह स्थिति न केवल कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन करती है बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
संजीव झा ने कहा कि एमसीडी के कर्मचारी और शिक्षक जनता की सेवा करने के लिए नियुक्त हैं। उनसे इस प्रकार राजनीतिक भीड़ जुटाने का कार्य करवाना उनके सम्मान और कर्तव्य की गरिमा को ठेस पहुँचाता है। मुझे आज कई समाचार माध्यमों से जानकारी प्राप्त हुई है कि दिल्ली के मेयर राजा इकबाल का यह स्पष्ट बयान है कि एमसीडी द्वारा इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। यदि यह तथ्य सत्य है तो यह प्रश्न और भी गहरा हो जाता है कि आखिर यह आदेश किसके स्तर से और किनके निर्देश पर निकाला गया। जब निगम का प्रमुख ही इस आदेश से अनभिज्ञ है तो यह सीधे-सीधे सत्ता के दुरुपयोग और प्रशासनिक पारदर्शिता की विफलता का प्रमाण है।
संजीव झा ने कहा कि यह पूरा प्रकरण केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं है, बल्कि कर्मचारियों के लोकतांत्रिक और मानवीय अधिकारों का खुला उल्लंघन है। ऐसे कृत्य न केवल दिल्ली सरकार और नगर निगम जैसी संस्थाओं की साख को धूमिल करते हैं बल्कि जनता के बीच यह संदेश भी जाता है कि कर्मचारियों का इस्तेमाल उनके वास्तविक कर्तव्यों से हटाकर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है।
संजीव झा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की आपसे अपेक्षा है कि इस मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच तत्काल कराई जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आदेश आखिरकार किसके निर्देश पर जारी हुआ और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं संबंधित व्यक्तियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही, भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाए कि कर्मचारियों का इस प्रकार दुरुपयोग न हो और उन्हें जबरन राजनीतिक कार्यक्रमों में भेजने की प्रवृत्ति पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए।
संजीव झा ने कहा कि हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री इस गंभीर विषय पर संज्ञान लेंगी और शीघ्र ही उपयुक्त कदम उठाकर लोकतांत्रिक मर्यादाओं और प्रशासनिक पारदर्शिता की रक्षा करेंगी।