आम आदमी पार्टी ने दिल्ली नगर निगम के डीबीसी कर्मचारियों को समान वेतन की मांग का समर्थन किया है। एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा सरकार डीबीसी कर्मचारियों को एक समान वेतन का तोहफा दे। अभी इन कर्मचारियों अलग अलग कटेगरी में वेतन मिलता है। साथ ही, इन कर्मचारियों को मेडिकल लीव और किसी की मौत होने पर उसके परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग भी पूरी की जाए। हम जल्द ही मेयर और निगमायुक्त को मांगपत्र सौंपेंगे। इन मांगों को लेकर ये कर्मचारी 29 सितंबर से हड़ताल पर जाने वाले हैं। बढ़ते डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के केस के दौरान अगर ये कर्मचारी हड़ताल पर चले गए तो फिर दिल्ली के हालत और खराब हो जाएंगे। इस अवसर पर करोल बाग जोन अध्यक्ष पुनीत राय, सिटी एसपी जोन अध्यक्ष विकास टांग, वेस्ट जोन अध्यक्ष निर्मला कुमारी और डिप्टी चैयरमेन साहिल गंगवाल मौजूद रहे।
अंकुश नारंग ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि दिल्ली में मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। 22 सितंबर को भाजपा की एमसीडी की तरफ से 13 से 20 सितंबर तक की ताजा रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट में इस बार फिर से मलेरिया के 36 नए मामले आए हैं। अब तक दिल्ली में मलेरिया के 333 मामले हो चुके हैं। इस साल मलेरिया ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इसी तरह इस सप्ताह चिकनगुनिया के छह नए केस आए हैं। 2025 और भाजपा की सरकार में चिकनगुनिया के भी अब तक कुल 52 मामले हो चुके हैं, जो पिछले पांच साल की तुलना में सबसे ज्यादा हैं। उधर, डेंगू का प्रकोप भी तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन भाजपा के पास इन सभी बीमारियों को रोकने के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं है।
अंकुश नारंग ने याद दिलाया कि जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, तब वह 10 सप्ताह, 10 रविवार, सुबह 10 बजे, 10 मिनट का कैंपेन चलाते थे। इस कैंपेन से दिल्ली की जनता जागरूक होती थी। जैसे अरविंद केजरीवाल अपने घर में एकत्रित पानी की जांच करते थे, वैसे ही जनता भी जांच करती थी। लोगों को पता होता था कि मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू से कैसे लड़ना है। लेकिन केजरीवाल सरकार के इस सफल कैंपेन का भाजपा के लोग मजाक उड़ाते थे और आज भी वे सिर्फ मजाक ही उड़ाते हैं। उनके पास इन बीमारियों की रोकथाम के लिए एक भी अभियान नहीं है। दिल्ली सरकार और भाजपा के महापौर ने भी कोई जागरूकता अभियान शुरू नहीं किया। इस कारण दिल्ली में मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू तेजी से बढ़ रहे हैं।
अंकुश नारंग ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने अपनी सरकार में करीब 5,000 डीबीसी (डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर) कर्मचारियों को एमटीएस (मल्टी-टास्किंग स्टाफ) बनाया गया था। यह उनकी लंबे समय से मांग थी, जिसे हमने पूरा किया। मौजूदा समय में दिल्ली में करीब 5000 एमटीएस और सीएफडब्ल्यू (कम्युनिटी फील्ड वर्कर) कर्मचारी हैं। ये भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि सिटी एसपी जोन के चेयरमैन विकास टांग, वेस्ट जोन की चेयरमैन निर्मला कुमारी, करोल बाग जोन के चेयरमैन पुनीत राय और रोहिणी जोन के चेयरमैन अमृत जैन से मुझे पत्र मिला है। सभी पत्रों के साथ मैंने एक संलग्न पत्र भी तैयार किया है। इन सभी चेयरमैन से डीबीसी कर्मचारियों ने मुलाकात की और कहा कि वे मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं और उनकी भाजपा की एमसीडी सरकार से तीन बुनियादी मांगें हैं।
अंकुश नारंग ने बताया कि डीबीसी कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें छह अलग-अलग स्केल में तनख्वाह मिलती है। इसलिए सबको एक समान तनख्वाह मिले। यह बिल्कुल जायज मांग है.। इन कर्मचारियों को चिकित्सा अवकाश भी मिलना चाहिए। अगर कोई कर्मचारी इन बीमारियों के बीच में जाकर काम कर रहा है, तो उसे भी वह बीमारी हो सकती है। उसके बाद भी अगर चिकित्सा अवकाश न मिले, तो वह अपनी जिंदगी कैसे संभालेगा? 25 या 30 वर्ष काम करने के बाद भी एमसीडी में चिकित्सा अवकाश नहीं मिल रहा है।
अंकुश नारंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी इन कर्मचारियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग का भी समर्थन करती है। अगर परिवार में से किसी को कोई दिक्कत आ जाए, तो उसके परिवार के सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए। आम आदमी पार्टी ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर पत्र तैयार किया है और यह पत्र हम मेयर राजा इकबाल, चेयरमैन और आयुक्त के नाम भेज रहे हैं। आम आदमी पार्टी नहीं चाहती कि जब दिल्ली में मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, तब ये डीबीसी कर्मचारी 29 सितंबर को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएं।
अंकुश नारंग ने कहा कि इनकी ये सभी मांगें बहुत सच्ची और बुनियादी हैं। आज भाजपा की चार इंजन वाली सरकार है, फिर भी वह इनकी मांगों को पूरा नहीं कर पा रही है। ये कर्मचारी अधिकारियों के पास गए, तो अधिकारियों ने कहा कि अगर सबको समान वेतन दिया गया, तो पांच करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्चा आएगा। इन कर्मचारियों के लिए महीने के पांच करोड़ और सालाना 60 करोड़ लाने में भाजपा की एमसीडी को क्या समस्या है। जबकि दिल्ली में उनकी चार इंजन वाली सरकार है और उनके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मेयर राजा इकबाल, स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन सभी हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि ये वही भाजपा वाले हैं, जो अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर बैठकर एमसीडी के लिए 13,000 करोड़ रुपये मांगते थे। आज केंद्र, दिल्ली और एमसीडी में इन्ही की सरकार है। भाजपा को जवाब देना चाहिए कि क्या वह मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू से बचाने वाले इन कर्मचारियों के लिए सालाना 60 करोड़ नहीं ला सकते? भाजपा को उनकी सभी मांगों को पूरा करना चाहिए। यह 5,000 कर्मचारियों के साथ-साथ 5,000 परिवारों की जिंदगी की बात भी है।
अंकुश नारंग ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि मेयर, आयुक्त और अधिकारी इन कर्मचारियों के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की मांगों को भी तुरंत प्रभाव से मान लेंगे। साथ ही, इन्हें 29 सितंबर को हड़ताल पर जाने से रोकेंगे, ताकि दिल्ली की जनता सुरक्षित रहे। क्योंकि अगर ये हड़ताल पर चले गए और भाजपा अपनी जिद पर अड़ी रही, तो खामियाजा दिल्ली की जनता को ही उठाना पड़ेगा।
—
इस दौरान सिटी एसपी जोन के चेयरमैन विकास टांग ने कहा कि भाजपा की एमसीडी जन स्वास्थ्य विभाग के डीबीसी (डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर) और सीएफडब्ल्यू (कम्युनिटी फील्ड वर्कर) कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रही है। ये कर्मचारी भी 29 सितंबर से हड़ताल पर जा रहे हैं। ये वही लोग हैं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर दिल्ली की जनता की रक्षा करते हैं। चाहे फॉगिंग का काम हो, मलेरिया के मच्छरों की जांच हो या चिकनगुनिया के मच्छरों की रोकथाम, ये कर्मचारी हर खतरे का सामना करते हैं।
विकास टांग ने बताया कि मेरे पास सिटी एसपी जोन के कर्मचारी अपनी समस्याएं बताने आए थे। हमारे जोन के सभी पार्षदों ने एकमत होकर कहा कि इन कर्मचारियों को एसमीडी से न्यूनतम वेतन मिलना चाहिए। आम आदमी पार्टी इस मांग के साथ हैं। मैंने नेता विपक्ष अंकुश नारंग को पत्र लिखा है, ताकि इन कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो और वे हड़ताल पर न जाएं। आने वाला समय दीपावली और त्योहारी मौसम का है। ये कर्मचारी ही हैं जो मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से दिल्ली की जनता को बचाने के लिए लड़ते हैं। इनके हितों की रक्षा जरूरी है। आम आदमी पार्टी एमसीडी अधिकारियों तक इन कर्मचारियों की बात जरूर पहुंचाएगी।
वहीं, वेस्ट जोन की चेयरमैन निर्मला कुमारी ने कहा कि जब दिल्ली में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे समय में हमारे डीबीसी और एमटीएस कर्मचारी हड़ताल पर जाने की बात कह रहे हैं। वेस्ट जोन के कर्मचारी मेरे पास आए और बोले कि उनके साथ बहुत भेदभाव हो रहा है। इसको लेकर आम आदमी पार्टी एमसीडी के अधिकारियों से कहना चाहती है कि डीबीसी कर्मचारी काम के दौरान बहुत जोखिम उठाते हैं। उस दौरान अगर वे डेंगू या मलेरिया की चपेट में आ जाएं, तो क्या होगा? मच्छर उन्हें भी काट सकता है, उन्हें भी बीमारी हो सकती है। ऐसे में उन्हें चिकित्सा अवकाश का अधिकार मिलना चाहिए।
निर्मला कुमारी ने कहा कि चिकित्सा अवकाश मिलना इन कर्मचारियों का हक है। अगर आम आदमी बीमार होकर अवकाश ले सकता है, इलाज करा सकता है, तो इन कर्मचारियों को भी यह सुविधा मिलनी चाहिए। डेंगू के मामलों में डॉक्टर आराम करने की सलाह देते हैं। दवाइयां लेने और आराम करने की जरूरत होती है। इन कर्मचारियों को भी चिकित्सा अवकाश का अधिकार मिलना चाहिए।
इसी तरह करोल बाग जोन के चेयरमैन पुनीत राय ने कहा कि हमारे जोन के डीबीसी कर्मचारियों की एक मांग यह है कि उनके परिवार के सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिले, क्योंकि ये कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। अगर क्षेत्र में काम करते समय कोई हादसा हो जाए, तो उनकी मांग है कि उनके परिवार के सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए। इससे उनके परिवार को भविष्य में कोई परेशानी न हो।
पुनीत राय ने कहा कि अगर 29 सितंबर को ये कर्मचारी हड़ताल पर गए, तो यह बहुत दुखद होगा। दिल्ली इस समय मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू की चपेट में है। हालात बहुत बिगड़ चुके हैं। इसलिए मैंने नेता विपक्ष अंकुश नारंग से अनुरोध किया है कि इन कर्मचारियों हड़ताल पर जाने से रोका जाए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। आम आदमी पार्टी कर्मचारियों की इन मांगों को लेकर आगे बढ़ेगी और उनकी पूरी मदद करेगी।