भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली विधानसभा में देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले की तश्वीर लगाना मंजूर नहीं है। लिहाजा, बुधवार को आयोजित दिल्ली विधानसभा की समान्य प्रयोजन समिति की बैठक में आम आदमी पार्टी के दो विधायकों द्वारा विधानसभा प्रांगण में सावित्री बाई फूले की तश्वीर लगाने की मांग का लाया गया प्रस्ताव भाजपा ने पारित नहीं किया। ‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने एक्स पर कहा कि आज दिल्ली विधानसभा की ‘सामान्य प्रयोजन समिति’ की बैठक में आम आदमी पार्टी के दो विधायकों ने प्रस्ताव रखा कि विधान सभा में सावित्रीबाई फुले की तस्वीर लगे। परंतु भाजपा ने यह प्रस्ताव पारित नहीं होने दिया। क्यों? क्योंकि भाजपा दलित विरोधी, महिला विरोधी और शिक्षा विरोधी है।
उधर, बुधवार को इस बाबत आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक कुलदीप कुमार ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता की। इस दौरान समान्य प्रयोजन समिति में प्रस्ताव रखने वाले आम आदमी पार्टी के सीमापुरी से विधायक वीर सिंह ढींगन और सीलमपुर से विधायक चौधरी जुबैर अहमद भी मौजूद थे। दोनों ही समान्य प्रयोजन समिति के सदस्य हैं। कुलदीप कुमार ने कहा कि तीन माह पहले दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है। दिल्ली विधान सभा की जनरल परपज कमेटी की बुधवार को बैठक थी। दिल्ली विधानसभा के स्पीकर बिजेंद्र गुप्ता जनरल परपज कमेटी के चेयरमैन भी हैं। इस बैठक का उद्देश्य दिल्ली विधानसभा में देश के महापुरुषों के चित्र स्थापित करने को लेकर था। दिल्ली की विधानसभा एतिहासिक है। पूर्व की सरकारों के स्पीकरों ने दिल्ली विधानसभा में सभी महापुरुषों के चित्र स्थापित करने का काम किया है।
कुलदीप कुमार ने बताया कि ‘‘आप’’ के दोनों विधायकों ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि दिल्ली विधानसभा के अंदर माता सावित्री बाई फूले की तश्वीर लगाई जाए। साबित्री बाई फूले वह सख्शियत हैं, जिन्होंने महिलाओं की शिक्षा के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। बताया जाता है कि माता सावित्री बाई फूले भारत की प्रथम शिक्षिका थीं और उन्होंने महिलाओं को शिक्षा देने के लिए देश में पहला स्कूल खोला।
कुलदीप कुमार ने कहा कि ‘‘आप’’ के दोनों सदस्यों ने विधानसभा में माता सावित्री बाई फूले की तश्वीर विधानसभा में लगाने का प्रस्ताव रखा। हमें बड़े दुख के साथ कहना पड़ता है कि भाजपा हमेशा शिक्षा और बाबा साहब अंबेडकर, माता सावित्रीबाई फुले समेत हमारे महापुरुषों के खिलाफ रही है। भाजपा की सरकार ने हमेशा इनका विरोध किया है। भाजपा ने दिल्ली विधानसभा के प्रांगण और मुख्यमंत्री कक्ष से बाबा साहब की तस्वीर हटाई। इसी तरह, भाजपा की केंद्र सरकार ने संसद से बाबा साहब की प्रतिमा को हटाकर पीछे स्थापित कर दिया। भाजपा हमेशा बाबा साहब के संविधान का उल्लंघन करने का काम करती है। इसी मानसिकता के तहत भाजपा ने ‘‘आप’’ विधायकों के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। हमारे विधायकों ने पूरजोर मांग की कि माता सावित्रीबाई फुले का चित्र विधानसभा परिसर में स्थापित होना चाहिए, ताकि महिलाओं को प्रेरणा मिले।
कुलदीप कुमार ने कहा कि अभी हाल में हमने देखा कि जब ‘फूले’ फिल्म रिलीज हुई तो पूरे देश में कुछ लोगों ने फिल्म का विरोध किया। इन विरोधों के बाद भी फिल्म फूले रिलीज हुई। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे माता सावित्रीबाई फुले के उपर कीचड़ फेंका गया, उनके स्कूल को बंद किया गया। इसके बाद भी वह शिक्षा की ज्योति जलाने से पीछे नहीं हटीं। माता सावित्री बाई फूले के संघर्षों का ही परिणाम है कि आज देश में महिलाएं राष्ट्रपति बन रही हैं, फाइटर जेट उड़ा रही हैं। यह सब माता सावित्री बाई फूले की देन है। इसलिए उनका चित्र विधानसभा में स्थापित होना चाहिए। भाजपा ने पूरे महिला समाज का अपमान किया है। भाजपा को भगवान सद्बुद्धि दे और माता सावित्रीबाई फुले का सम्मान करना सीखें। हमारे प्रस्ताव पर अमल कर उनका चित्र विधानसभा में स्थापित करें।
इस दौरान “आप” विधायक वीर सिंह ढींगन ने कहा कि हमने मीटिंग में माता सावित्री बाई फुले का चित्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। केवल इतना कहा गया कि विचार करेंगे। सावित्री बाई फुले देश की प्रथम महिला शिक्षक थीं, जिन्होंने महिलाओं में शिक्षा की जागृति पैदा की। आज महिलाएं जो ऊंचाइयां छू रही हैं, उसमें उनका बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए महापुरुषों में सबसे पहले उनका चित्र स्थापित होना चाहिए।
वहीं, “आप” विधायक चौधरी जुबैर अहमद ने कहा कि आज दिल्ली विधानसभा की जनरल परर्पस कमेटी की मीटिंग में हमने प्रस्ताव रखा कि माता सावित्री बाई फुले का चित्र लगाया जाए, जिन्होंने तमाम कठिनाइयों के बावजूद 1848 में स्कूल खोला। आज भाजपा का दलित विरोधी, शिक्षा विरोधी और महिला विरोधी चेहरा सामने आया। हम बार-बार कहते रहे कि यह प्रस्ताव आज ही पास हो, जो महिलाओं, शिक्षा और दलितों के सम्मान की बात है। लेकिन उनकी अलग मानसिकता के चलते इसे स्वीकार नहीं किया गया और मिनट्स में शामिल करने के लिए हमें लड़ना पड़ा। लेकिन पास नहीं किया। भाजपा ने जो आज किया है, वह देश की महिलाओं और दलितों का अपमान है।