आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा नेताओं को 75 साल की उम्र होने पर पद छोड़ने की सलाह देने के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ही बनाए नियम की याद दिला दी है। ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब तो आरएसएस भी इशारा कर रहा है कि मोदी जी 75 साल की उम्र पूरी होने के बाद पीएम का पद छोड़ दें। यह बात पीएम मोदी और नीतीश कुमार के साथ सभी दलों के सांसदों, विधायकों व मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होती है कि वह एक उम्र के बाद दूसरों को मौका दें। देशवासियों को उम्मीद है कि मोदी जी अपने बनाए नियम के तहत 75 साल पूरे होते ही किसी योग्य व्यक्ति को देश का नेतृत्व सौंप देंगे।
सौरभ भारद्वाज ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नेताओं को 75 साल की उम्र में रिटायर हो जाना चाहिए के बयान पर कहा कि आरएसएस भाजपा की मातृ संस्था है। पूरी दुनिया में यह माना जाता है कि किसी व्यक्ति की कार्य क्षमता और दक्षता एक उम्र तक होती है। सरकारी कर्मचारी 60 साल में रिटायर हो जाते हैं। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की उम्र में रिटायर होते हैं। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ जब रिटायर हुए, वे स्वस्थ थे। अभी वह यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं। हालांकि, मुख्य काम के लिए कहा जाता है कि अब दूसरों को मौका दीजिए। यही प्रकृति का नियम है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह बात सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी के लिए नहीं, बल्कि नीतीश कुमार और सभी पार्टियों के सांसदों, विधायकों, मुख्यमंत्रियों के लिए भी लागू है। लेकिन प्रधानमंत्री का पद देश का शीर्ष पद है। इसकी परिपाटी का अनुसरण चाहे न चाहे पूरे देश के राजनीतिक नेतृत्व में होता है। इसलिए आरएसएस अपनी तरफ से इशारा कर सकता है, लेकिन डिक्टेट नहीं दे सकता। इस इशारे को मानना या न मानना भाजपा के हाथ में है। मुझे उम्मीद है कि भाजपा इस पर ध्यान देगी। प्रधानमंत्री ने खुद नियम बनाया था, उसका पालन कर वे किसी योग्य व्यक्ति को पार्टी और देश का नेतृत्व सौंपेंगे।