भाजपा सरकार दिल्लीवालों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के फंड में लगातार कटौती कर रही है। अब उसने विधायक निधि को 15 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ रुपए कर दिया है। ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने विधायक निधि में भारी कटौती पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि भाजपा ने एमएलए फंड में कटौती कर दिल्लीवालों को धोखा दिया है। भाजपा ने एक लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था, अगर यह जुमला नहीं है, तो फिर एमएलए फंड भी बढ़ाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ‘‘आप’’ की सरकार में विधायकों को 15 करोड़ का फंड मिलता था और विधायक अपने क्षेत्र में सारे काम करा लेते थे। दरअसल, भाजपा को सरकार चलानी नहीं आती। वरना वह विभिन्न फंड में कटौती कर जनहित की योजनाओं को बंद नहीं करती।
मंगलवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर विधायक निधि को लेकर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने विधायक संजीव झा और अजय दत्त के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता कीं। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार में सभी विधायकों को हर साल 15-15 करोड़ रुपए विधायक निधि के रूप में दिए जाते थे। विधायक निधि का उपयोग विधायक अपनी विधानसभा क्षेत्र में छोटे-मोटे कार्यों के लिए करते हैं। विधायक इस निधि से टूटी सड़क की मरम्मत, पानी-सीवर लाइन डालने और कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम करते हैं। इसके अलावा, पार्क में झूले लगवाने, वॉकिंग ट्रैक ठीक कराने, या ट्यूबवेल लगवाने समेत अन्य छोटे-छोटे काम जनता की सुविधा के लिए कराते हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मार्च में भाजपा ने दिल्ली का बजट पेश किया। भाजपा ने बजट में बड़ा ढोल पीटा कि दिल्ली का बजट एक लाख करोड़ रुपए का है। जबकि पहले दिल्ली का बजट 70 हजार करोड़ रुपए का था। भाजपा का यह एक शिगूफा और जुमला था कि उसने सरकार में आते ही दिल्ली का बजट 70 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर सीधे एक लाख करोड़ रुपए कर दिया। अब सवाल यह है कि अगर बजट बढ़ेगा है, तो विधायक निधि का पैसा भी बढ़ेगा। क्योंकि एक लाख करोड़ के बजट का मतलब है कि दिल्ली सरकार के पास खर्च करने के लिए ज्यादा बजट है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार में बजट बढ़ गया है तो ‘‘आप’’ सरकार में विधायकों को मिल रही 15 करोड़ रुपए की विधायक निधि भी बढ़कर 25 करोड़ रुपए हो जानी चाहिए थी। लेकिन भाजपा ने विधायक निधि का पैसा बढ़ाने के बजाय घटाकर 5 करोड़ रुपए कर दिया। इसका मतलब है कि भाजपा दिल्ली के बजट को लेकर दिल्लीवालों से झूठ बोल रही है। सच्च तो यह है कि भाजपा को सरकार चलानी नहीं आती है। इसलिए भाजपा जनहित के कामों में पैसे की कटौती करने लगी है। दिल्ली में 545 मोहल्ला क्लीनिक थे, लेकिन भाजपा ने सत्ता में आते ही 250 मोहल्ला क्लीनिक बंद दिया। स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि बचे मोहल्ला क्लीनिक को भी बंद कर देंगे। क्योंकि सरकार को पैसे बचाने हैं और जनता पर पैसे खर्च नहीं करना है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ‘‘आप’’ सरकार के दौरान सरकारी अस्पतालों में टेस्ट न होने पर पहले प्राइवेट में टेस्ट हो जाता था। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का फरिश्ते योजना के तहत प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त इलाज होता था। भाजपा सरकार ने इसे भी बंद कर दिया। ‘‘आप’’ सरकार ने जिन योजनाओं के जरिए जनता को फायदा दिया था, भाजपा उन सभी को बंद कर रही है। क्योंकि भाजपा को सरकार चलानी नहीं आती। भाजपा ने जुमलेबाजी के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का बजट तो पेश कर दिया, लेकिन उसके पास एक लाख करोड़ रुपए नहीं हैं। इसलिए वे अलग-अलग जगहों से धन काट रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा का यह कहना कि विधायक निधि से पैसा बर्बाद हो रहा था, पूरी तरह झूठ है। जब भी सरकार ने जब-जब विधायकों को विधायक निधि दी, उन्होंने उसका पूरा उपयोग किया। पिछली बार जानबूझकर भाजपा ने एमसीडी कमिश्नर से विधायकों द्वारा पास किए गए बजट को रुकवाया, जिसके कारण कई विधायकों की विधायक निधि खर्च नहीं हो सकी। जल बोर्ड में भी विधायकों के काम रोके गए। इसको छोड़कर हर बार सभी विधायकों ने 80-90 फीसद विधायक निधि को खर्च किया है। भाजपा द्वारा 15 करोड़ की विधायक निधि को घटाकर 5 करोड़ रुपये कर देना पूरी तरह दिल्ली के खिलाफ है।
इस दौरान “आप” विधायक संजीव झा ने कहा कि जब “आप” की सरकार थी, तब विधायक निधि 15 करोड़ रुपये थी, लेकिन भाजपा की सरकार ने इसे घटाकर 5 करोड़ कर दिया। वर्तमान विधानसभा में 48 भाजपा और 22 “आप” के विधायक हैं। विधायक निधि का उपयोग ऐसे जगह पर करते हैं, जहां बाकी फंड नहीं ला सकते। विधायक फंड एक अनटाइड फंड है। जिसे जरूरत के अनुसार कहीं भी उपयोग किया जा सकता है। मेरे विधानसभा क्षेत्र बुराड़ी में 20-25 फीसद ऐसा क्षेत्र है, जहां कोई अन्य फंड उपलब्ध नहीं है। वहां केवल विधायक निधि से ही काम हो सकता है। अब 5 करोड़ रुपये में पूरे क्षेत्र में सड़क, गली और पानी से संबंधित कार्य कैसे पूरे होंगे? भाजपा सरकार चाहती है कि बारिश में जो डूबता है, वह डूबता रहे। लोग परेशान हैं, वो होते रहें।
संजीव झा ने कहा कि चार महीनों में ही भाजपा ने दिल्ली की जनता को इतना परेशान कर दिया है कि लोग त्रस्त हो चुके हैं। बुरारी में अस्पताल है, लेकिन वहां दवाइयां नहीं मिल रही हैं। ये वही अस्पताल है, जहां ‘‘आप’’ सरकार में दवाइयों की कोई कमी नहीं थी। अभी किसी भी विभाग के पास फंड नहीं है। अनधिकृत कॉलोनियों के फंड से काम चल रहा था, लेकिन अब सारा काम रुक गया है। सभी ठेकेदार कह रहे हैं कि उनके पास काम करने के लिए पैसे नहीं हैं, क्योंकि सरकार फंड नहीं दे रही। पीडब्ल्यूडी में कोई फंड नहीं है। जल बोर्ड में सीवर का बुरा हाल है, गंदा पानी बह रहा है, उसके पास फंड नहीं है। भाजपा दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में आई है। इसलिए ये भूखे भेड़ियों की तरह दिल्ली की जनता को नोंचना चाहते हैं।
संजीव झा ने कहा कि अगर 1 लाख करोड़ का बजट है, तो विधायक निधि 15 करोड़ से बढ़नी चाहिए थी, कम क्यों किया गया? सारा पैसा कहां जा रहा है? यह केवल “आप” के विधायकों की बात नहीं है, भाजपा के 48 विधायक भी प्रभावित होंगे। विधायक निधि कम करने से जनता सीधे तौर पर प्रभावित होती और क्षेत्र का विकास कार्य प्रभावित होता है। भाजपा सरकार दिल्ली को लूट-खसोट में व्यस्त है। दिल्ली की जनता का क्या हो रहा है, उस पर कोई ध्यान नहीं है। जनता ने भाजपा के बड़े-बड़े वादों पर वोट दिया था, लेकिन आज जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है।
“आप” विधायक अजय दत्त ने कहा कि भाजपा सरकार ने विधायक निधि को 15 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ कर दिया, यानी इसे करीब एक-चौथाई कर दिया। जल बोर्ड के सीवर या पानी की लाइन डालने के कामों के लिए बार-बार यही जवाब मिलता है कि बजट नहीं है। विधायक निधि एक ऐसा फंड है, जिसे तुरंत उपयोग कर तात्कालिक काम कराए जा सकते हैं। लेकिन अब जनता परेशान है। भाजपा ने जुमले दिए थे कि महिलाओं को 2,500 रुपये देंगे, जल बोर्ड को बेहतर करेंगे, लेकिन दिल्ली में पानी की कमी और गंदा पानी आने की समस्या बनी हुई है।
अजय दत्त ने कहा कि बारिश का समय आने वाला है, सीवर, झूले, जिम या वॉकिंग ट्रैक जैसे कार्य विधायक निधि से होते हैं। लेकिन भाजपा ने इस फंड को इतना कम कर दिया कि ये काम अब संभव नहीं हैं। उन्होंने 1 लाख करोड़ के बजट का जुमला दिया, तो प्रत्येक विधायक को 25 से 35 करोड़ रुपये देने चाहिए थे, ताकि वे जनता की सुविधा के लिए काम कर सकें। यह साफ है कि भाजपा सरकार दिल्ली में पूरी तरह विफल हो चुकी है। जनता “आप” की सरकार को याद कर रही है। 5 करोड़ की निधि से कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हो सकता। हम सभी विधायक इस बात से दुखी हैं कि दिल्ली की जनता के काम रोके जा रहे हैं।