सुप्रीम कोर्ट के दलित मुख्य न्यायाधीश के गले में हांडी बांधने वाली वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर उन्हें अपमानित करने पर आम आदमी पार्टी के दलित समाज से आने वाले विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई है। लिहाजा “आप” के दलित विधायकों ने दलित समाज को अपमानित करने वाली वीडियो को वायरल करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मिलने का फैसला लिया है। इस बाबत दलित विधायकों ने पुलिस कमिश्नर से जल्द से जल्द मिलने का समय मांगा है। मंगलवार शाम आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया एक्स पर यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल दलितों के गले में हाँडी बाँधने वाली वीडियो बेहद घिनौनी है, तुरंत गिरफ्तारी हो।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी के दलित समाज के विधायक साथियों ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मिलने का समय मांगा है। सोशल मीडिया पर दलित मुख्य न्यायाधीश के गले में हाँडी बाँधने वाली वीडियो बेहद घिनौनी चलाई गई है और ये पूरे देश के दलितों का अपमान है। हम उस पर पुलिस को शिकायत देंगे और उनकी गिरफ़्तारी की माँग करेंगे। उन्होंने कहा कि दलित मुख्य न्यायाधीश के ऊपर जूता फेंकने वाले वकील को सोशल मीडिया पर हीरो और जस्टिस बीआर गवई को विलेन बनाया जा रहा है। उनके ख़िलाफ़ हिंसा करने की धमकी दी जा रही है। इन हैंडल्स पर बीजेपी सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। यह बताता है कि इन लोगों को सरकार का पूरा संरक्षण है। यह ट्रोल्स बीजेपी सरकार के इशारे पर दलित समाज के मुख्य न्यायाधीश को निशाना बना रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर एक वीडियो साझा कर कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के गले में हांडी बंधी है, मुंह पर कालिख पोती गई है और कोई जूता मार रहा है। यह वीडियो भाजपा विचारधारा से जुड़े सैकड़ों हैंडल्स ने शेयर किया और वाहवाही लूटी। क्या कोई कल्पना कर सकता है कि देश के मुख्य न्यायाधीश के साथ हांडी बांधने की बात हो रही है? हांडी बांधना और पीछे झाड़ू बांधना हजारों वर्ष पुरानी दलित-शोषण की प्रथा थी, ताकि दलित के थूक या पैरों से जमीन अपवित्र न हो। आज भाजपा सरकार के संरक्षण में ट्रोल्स ऐसी वीडियो और मीम्स बना रहे हैं।
अब तक केंद्र सरकार ने इन हैंडल्स को ब्लॉक नहीं किया
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा के “हिंदू राष्ट्र” की अवधारणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे हिंदू राष्ट्र का मतलब नहीं पता, लेकिन जो लोग अखंड भारत की बात करते हैं, उनकी परिभाषा में दलित मुख्य न्यायाधीश की गर्दन में हांडी बांधना शामिल है? यह शर्मनाक है। अब तक केंद्र सरकार ने इन हैंडल्स को ब्लॉक नहीं किया, एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमे नहीं दर्ज किए। यह साफ है कि भाजपा इन जहरीले सांपों को संरक्षण दे रही है, जो समाज को बांट रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर कहा कि मोहन भागवत को कहना चाहिए था कि हिंदू राष्ट्र में ऐसी कल्पना अस्वीकार्य है। प्रधानमंत्री को भी मुख्य न्यायाधीश के अपमान पर बोलना चाहिए था, लेकिन सब चुप हैं। उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि देश की जनता ने भांप लिया कि अगर भाजपा को 400 सीटें मिलतीं तो बाबा साहब अंबेडकर का संविधान बदल दिया जाता। आज हम यह वीडियो बना पा रहे हैं, वकील की निंदा कर पा रहे हैं, क्योंकि संविधान जिंदा है।
सौरभ भारद्वाज ने हमलावर वकील का जिक्र करते हुए कहा कि आज आम आदमी पार्टी जूतों की माला लेकर उनकी सोसाइटी गई थी, लेकिन वह घर से बाहर नहीं आया। सोसाइटी वालों ने बताया कि वह सबका सरदर्द है। वह अक्सर अड़ोस-पड़ोस से झगड़ता है और बुजुर्गों से मारपीट करता है। पुलिस में लिखित शिकायतें हैं, फिर भी राइट विंग ट्रोल्स ने उसे हिंदुओं का ‘हीरो’ बना दिया, जबकि मुख्य न्यायाधीश को विलेन ठहरा रहे हैं। यह दिवालियापन है। सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार से मांग की कि इन ट्रोल्स पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर मुकदमे दर्ज या गिरफ्तारियां नहीं होती, तो साफ है कि इनको भाजपा का संरक्षण है।