दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए इस्तीफे की घोषणा पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि उन्होंने यह एलान कर भारतीय राजनीति में नैनिकता की एक बड़ी लकीर खींच दी है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सबसे बड़ी अदालत ने जमानत देकर केजरीवाल को राहत दी है, लेकिन उनका कहना है कि वो जनता की अदालत में जाकर अपनी अग्नि परीक्षा देंगे। जब वह अग्नि परीक्षा पास कर लेंगे, तभी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे। अरविंद केजरीवाल देश में अकेले मुख्यमंत्री हैं, जो खुद जनता से कह रहे हैं कि अगर वो ईमानदार हैं, तभी उन्हें वोट देना। यह भारत की राजनीति में एक बड़ी बात है और ऐसी नैतिकता बहुत कम देखने को मिलती है। वहीं, कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि आज का दिन देश की राजनीति में ऐतिहासिक दिन के तौर पर याद किया जाएगा। उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला इस दर्द से लिया कि दिल्ली का कोई भी व्यक्ति यह न सोचे कि वो भ्रष्ट हैं।
रविवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने पार्टी मुख्यालय पर संयुक्त प्रेस वार्ता की। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा पिछले दो साल से अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के तमाम बड़े नेताओं पर कीचड़ उछाल रही थी कि ये लोग चोर हैं, इन्होंने बेईमानी की, भ्रष्टाचार किया और करोड़ों रुपए की कमाई की। लेकिन दो साल की जांच के बाद भी ईडी-सीबीआई के पास ये हिम्मत नहीं है कि वे ट्रायल भी शुरू कर पाएं। ये लोग मुकदमा भी शुरू नहीं कर पा रहे हैं, देश का सुप्रीम कोर्ट खुद यह बात कह रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत देते हुए केंद्र सरकार की प्रीमियर एजेंसी सीबीआई के ऊपर टिप्पणी की है कि सीबीआई आज भी पिंजरे में कैद तोते की तरह काम कर रही है। वह दुर्भावना से अरविंद केजरीवाल को जेल में रखने के लिए काम कर रही है और कब ट्रायल शुरू करेगी, इसका कुछ पता नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने तो उन्हें जमानत देकर राहत दे दी है, लेकिन वह जनता की अदालत में जाकर अग्नि परीक्षा देंगे। जब वह अग्नि परीक्षा को पास कर लेंगे, तभी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पूरी दुनिया के इतिहास में केजरीवाल इकलौते ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर कह रहे हैं कि अगर मैं ईमानदार हूं, तो मुझे वोट देना, वरना मुझे वोट मत देना। अरविंद केजरीवाल जनता की अदालत में जाकर कह रहे हैं कि मैं आपका मुख्यमंत्री अग्नि परीक्षा देने आया हूं। दो साल से मेरे ऊपर कीचड़ उछाला जा रहा है, आरोप लगाए जा रहे हैं, नैरेटरिव चलाया जा रहा है। केजरीवाल अपने पूरे करियर का रिस्क ले रहे हैं और कह रहे हैं कि इतने कीचड़ उछालने और इतनी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद जब पार्टी को उसके ऑफिस से निकाल दिया हो। पार्टी के तमाम नेताओं को गिरफ्तार किया गया हो, पार्टी के पास पैसा न हो। ऐसे में अरविंद केजरीवाल जनता के बीच जाकर कह रहे हैं कि अगर मैं ईमानदार हूं तो मुझे वापस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाइएगा, वरना मत बैठाइएगा। जहां आज भारतीय राजनीति एक कीचड़ के समान हो गई है वहां ऐसी नैतिकता और ऐसी शुचिता देखने में नहीं आती। यह इकलौते अरविंद केजरीवाल हैं।
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि तमाम आरोपों और कीचड़ उछालने के बावजूद जांच एजेंसियां कोर्ट में कोई आरोप साबित नहीं कर पाई। सौरभ भारद्वाज ने भाजपा प्रवक्ता शुधांशू के उस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री को सजा याफ्ता बताया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वह एक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जो ‘सजा-याफ्ता’ शब्द का इस्तेमाल किया है, उस पर मैं घोर ऐतराज करता हूं। उन्हें कानून की इतनी समझ होनी चाहिए। वह एक एमपी हैं। ‘सजा-याफ्ता’ का मतलब ‘अपराध सिद्ध होना’ होता है। जबकि अरविंद केजरीवाल की अभी ट्रायल तक शुरू नहीं हुई, लेकिन उन्होंने केजरीवाल को सजा-याफ्ता घोषित कर दिया। शुधांशू त्रिवेदी अपना इलाज करवाएं, वरना इलाज हम करना जानते हैं। मैं उन्हें यह चेतावनी देता हूं कि वह अपनी जुबान संभाल कर बात किया करें। अरविंद केजरीवाल ने यह रिस्क लिया है। वह जनता की अदालत में जाएंगे और जनता जो कहेगी उसके हिसाब से कुर्सी पर बैठेंगे वरना कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
वहीं, ‘‘आप’’ की वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज होगा। इस देश और पूरी दुनिया की राजनीति में राजनीतिक पार्टी के नेताओं को शक की नज़र से देखा जाता है कि इन्होंने कोई न कोई भ्रष्टाचार ज़रूर किया होगा। भारत के इतिहास में कोई भी नेता ऐसा नहीं रहा होगा, जिसनें जनता के बीच जाकर कहा हो कि अगर मैं ईमानदार हूं, तो मुझे वोट देना वर्ना वोट मत देना। अरविंद केजरीवाल की इस घोषणा के लिए उनके व्यक्तित्व को समझना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी को लात मारकर दिल्ली की झुग्गियों में काम किया। जिन्होंने एक पार्टी को भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो से खड़ा किया और जब वो नई पार्टी जीती, केजरीवाल मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपने पद से सिर्फ़ इसलिए इस्तीफ़ा दे दिया क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ क़ानून नहीं ला पाए, जिसका उन्होंने दिल्ली के लोगो से वादा किया था।
आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार, बेईमानी और जनता के पैसों को अपने जेब में डालने को बर्दाश्त नहीं कर सकते। ऐसे व्यक्ति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं तो उसपर क्या गुजरती होगी। उस व्यक्ति को नींद कैसे आती होगी, ये सोचकर कि जिन दिल्ली के लोगों के लिए सुबह-शाम काम करता हूं, स्कूल-अस्पताल ठीक करता हूं, मुनाफ़े का बजट देता हूं शायद उनमें ऐसे लोग हो जो सोच रहे हो कि अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया हो। आज अरविंद केजरीवाल के इस्तीफ़े का फ़ैसला उसी दर्द से आया है कि शायद कोई ऐसा दिल्लीवाला न हो जो सोच रहा हो कि अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया है।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को पिछले दो साल से भाजपा की केंद्र सरकार प्रताड़ित कर रही है। एक के बाद एक फ़र्ज़ी केस, झूठे आरोप लगाकर बदनाम करना, पिछले 2 साल में सैकड़ों रेड हुई, सीबीआई-ईडी के सैकड़ों अफ़सर लगे, लेकिन पिछले आम आदमी पार्टी के नेताओं से भ्रष्टाचार का एक रुपया भी बरामद नहीं न कर सके। ये आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी ठप्पा लगा दिया और न सिर्फ़ आम आदमी पार्टी के नेताओं और अरविंद केजरीवाल की जमानत दी, बल्कि भाजपा शासित केंद्र सरकार और उनकी एजेंसीज़ के मुंह पर तमाचा भी मारा और कहा कि ये जो जांच एजेंसीज़ है, ये पिंजरे में बंद तोते की तरह है जो सिर्फ़ अपने मालिक की आवाज़ में बोल रहे है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा शासित केंद्र सरकार के मुंह पर तमाचा मारा और कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी उन्हें जेल में रखने की दुर्भावना से हुई है। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के लिए सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के शब्द काफ़ी नहीं है। उन्होंने दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए अपनी ज़िंदगी लगाई है और वो तब तक चैन से नहीं बैठ सकते, मुख्यमंत्री नहीं बन सकते, जबतक उन्हें भरोसा न हो जाए कि दिल्ली की जनता उनकी ईमानदारी पर भरोसा करती है, उन्हें ईमानदार मानती है। इसलिए अरविंद केजरीवाल ने ये फ़ैसला किया है कि जबतक दिल्ली की जनता उनकी ईमानदारी पर भरोसा नहीं दिखा देती है, जबतक उनकी ईमानदारी पर जनादेश नहीं देती है, वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
आतिशी ने कहा कि मुझे लगता है कि इस कीचड़ भरी राजनीति में शायद ही अरविंद केजरीवाल जैसा कोई ऐसा व्यक्ति आया होगा, जिसने कहा होगा कि मेरे ऊपर कितना भी कीचड़ उछाला जाए, पर मैं ईमानदारी की राजनीति ही करूंगा और ईमानदारी और साफ-सुथरी राजनीति के साथ देश की राजनीति बदलूंगा। उन्होंने कहा कि हमनें दिल्ली में जल्द चुनाव करवाने की मांग की है। नवंबर में महाराष्ट्र में चुनाव होने वाले हैं, उसी के साथ-साथ दिल्ली के चुनाव करवाए जाएं और इस चुनाव में दिल्ली की जनता अपने भाई-बेटे अरविंद केजरीवाल को अपना जनादेश देगी। दिल्ली की जनता को अरविंद केजरीवाल पर पूरा भरोसा है।