दिल्ली की “आप” सरकार द्वारा डीटीसी कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को मानने पर डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी का धन्यवाद किया है। यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने कहा कि “आप” सरकार ने डीटीसी कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार कर लिया है। “आप” सरकार कर्मचारियों के साथ खड़ी है और कर्मचारी भी सरकार के साथ खड़े हैं। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि सरकार ने संविदा ड्राइवरों और कंडक्टरों की तनख्वाह बढ़ा दी है। अब ड्राइवरों को 32,918 रुपए और कंडक्टरों को 29,250 रुपए प्रतिमाह सैलरी मिलेगी।साथ ही, उनकी नजदीकी बस अड्डों पर ड्यूटी लगेगी और सीएनजी बस चालकों को इलेक्ट्रिक बस चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप कुमार ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता कर कहा कि दिल्ली की डीटीसी बसें दिल्ली की लाइफलाइन हैं। यह बसें दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में एक बड़ा योगदान देती हैं। यह बसें रोजाना लाखों लोगों को उनके घर से दफ्तर और दफ्तर से घर तक लाने और ले जाने का काम करती हैं। इन बसों के हमारे कॉन्ट्रैक्ट के ड्राइवर और कंडक्टर दिल्ली में 13 नवंबर को हड़ताल पर थे। उनकी कुछ जायज़ माँगें थीं, जिनको लेकर वे हड़ताल पर थे। हड़ताल का नेतृत्व डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के साथी ललित चौधरी, मनोज शर्मा, वाल्मीकि झा और पंकज शर्मा कर रहे थे। उस दौरान इनकी मुलाकात हमसे हुई। इन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली डीटीसी बसों में जो संविदा ड्राइवर और कंडक्टर हैं, उनकी कुछ समस्याएँ हैं। उन समस्याओं को हमने तुरंत प्रभाव से अरविंद केजरीवाल को अवगत कराया। अरविंद केजरीवाल ने तुरंत प्रभाव से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को हमारी पूरी यूनियन के साथियों की बात सुनने के लिए कहा। इसके बाद पूरी यूनियन के साथियों की मुलाकात हुई।
कुलदीप कुमार ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री आतिशी को इनकी जायज़ माँगों से अवगत कराया, जिसमें इनकी एक सबसे बड़ी माँग यह थी कि जो ड्राइवर और कंडक्टर दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं, उनका ट्रांसफर और पोस्टिंग उनके क्षेत्र से दूर कर दिया जाता है। उनकी माँग थी कि उनकी ड्यूटी नज़दीकी बस अड्डों पर लगाई जाए। जब हमने मुख्यमंत्री आतिशी को इसके बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल जायज़ माँग है और इस पर काम होना चाहिए। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इसके बाद सरकार ने तुरंत आदेश दिया और कहा कि ड्राइवरों और कंडक्टरों का ट्रांसफर उनके घर के पास स्थित बस अड्डों पर होना चाहिए। इसके बाद ड्राइवरों और कंडक्टरों की दूसरी बड़ी माँग यह थी कि दिल्ली में जो सीएनजी बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसें आ रही हैं, ऐसे में सीएनजी बसों को चलाने वाले ड्राइवरों के रोजगार का क्या होगा? इस माँग को भी मानते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने तुरंत आदेश दिया और उन ड्राइवरों का प्रशिक्षण दिल्ली में ही कराने का निर्देश दिया। जिससे सीएनजी बसों के ड्राइवरों को रोजगार मिला।
कुलदीप कुमार ने कहा कि इसी तरह पिंक डिपो में, जहां दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से महिलाओं को इकट्ठा करके पिंक डिपो बनाया गया था, उनकी यह माँग थी कि उन्हें जिस डिपो से लाया गया है, वह पिंक डिपो उनके घर से काफी दूर है। इसके बाद तुरंत आदेश जारी करके महिलाओं को उनके पुराने डिपो पर भेजा गया।
कुलदीप कुमार ने आगे कहा कि हमारे डीटीसी कर्मचारियों की सबसे बड़ी माँग थी कि यह लोग कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं, इन्हें न बेसिक डीए मिलता है और न ही ग्रेड पे मिलता है। लेकिन आज मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने इन लोगों की उस माँग को मान लिया है कि इन्हें बेसिक डीए और ग्रेड पे मिलना चाहिए। सीएम आतिशी ने परिवहन विभाग की मंत्री और डीटीसी बोर्ड की अध्यक्षा होने के नाते आज इस फाइल को अनुमोदन दे दिया है। इस फाइल को एलजी साहब के पास भेज दिया गया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि जल्द ही हमारे डीटीसी के भाइयों का डीए और ग्रेड पे लागू हो जाएगा और डीटीसी के हमारे हजारों ड्राइवर और कंडक्टर भाइयों का रोजगार सुरक्षित होगा। इसके साथ ही उनकी तनख्वाह में बढ़ोतरी होगी। अभी उनकी सैलरी 22 हजार रुपए के आसपास थी। इसके लागू होने के बाद हमारे कंडक्टर भाइयों को करीब 29 हजार रुपए सैलरी मिलेगी। वहीं जिन्हें पहले से 29 हजार रुपए के करीब तनख्वाह मिलती थी, उनकी सैलरी करीब 32 हजार रुपए के आसपास हो जाएगी।
कुलदीप कुमार ने कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सीएम आतिशी का धन्यवाद करता हूँ कि जो डीटीसी यूनियन के हमारे भाई अपनी जायज़ माँगों के लिए लड़ाई लड़ रहे थे, सरकार ने उन जायज़ माँगों को मान लिया है। सीएम आतिशी ने इस पर फैसला लिया, जिससे इनका घर खुशहाल होगा। जहाँ पूरे देश में महँगाई का आलम है, वहाँ अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने हमारे डीटीसी के भाई-बहनों को यह सौगात दी है। डीटीसी के भाइयों ने हमारे कहने पर अपनी हड़ताल खत्म की थी। इसी के साथ डीटीसी यूनियन के भाइयों के लंबे समय से चल रहे संघर्ष का अंत हो गया और आपकी जीत हुई है।
वहीं, डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने कहा कि मैं डीटीसी के सभी साथियों से कहना चाहूंगा कि जब सरकार ने हम पर भरोसा जताया है तो हमें उनके ऊपर भरोसा रखना चाहिए। आज हमारी मांग पूरी हुई है, अप्रूवल दे दिया गया है और यह जल्द से जल्द लागू होगा। सरकार हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। कर्मचारियों के हित के लिए खड़ी है। सरकार ने यह भी वादा किया है उनके हाथ में जो होगा, वह जल्द से जल्द उस काम को हमारे लिए करेंगे।
वहीं, डीटीसी युवा संगठन के वाल्मीकि झा ने कहा कि हम डीटीसी कर्मचारियों की मांगों को मानने के लिए मैं यूनियन की तरफ़ से अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री आतिशी और कुलदीप कुमार का धन्यवाद करता हूँ। अरविंद केजरीवाल ने उन संविदा कर्मचारियों की आवाज़ सुनी जो रोड पर दर बदर भटक रहे थे।