आम आदमी पार्टी ने भाजपा और एलजी साहब से 10 हजार दिल्ली सिविल डिफेंस वालेंटियर्स की नौकरी बहाली में सहयोग करने का अनुरोध किया है। वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे ने कहा कि बस मार्शलों के मुद्दे पर भाजपा अपने वादे से यू-टर्न न ले और एलजी साहब से अपील है कि वह इनकी नौकरी बहाल कर दिवाली का तोहफा दें। उन्होंने कहा कि बस मार्शलों की बहाली को लेकर भाजपा ने भी ‘‘आप’’ विधायकों के साथ एलजी साहब से मिलने पर सहमत जताई थी। हमें बुधवार (3 अक्टूबर) को एलजी साहब से मिलना था, लेकिन एलजी ऑफिस से मिलने का समय नहीं मिला। इसलिए बुधवार को सुबह मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उनको पत्र लिखकर समय मांगा है, ताकि बस मार्शलों के मुद्दे का हमेशा के लिए समाधान हो सके, लेकिन अभी तक मिलने का समय नहीं मिला है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडे ने बस मार्शलों के संबंध में पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता की। इस दौरान पार्टी के विधायक संजीव झा और कुलदीप कुमार भी मौजूद रहे। दिलीप पांडे ने कहा कि भाजपा अब धोखा, यू-टर्न और वादाखिलाफी की पहचान बन गई है। विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा को सद्बुद्धि आई थी और आम आदमी पार्टी के प्रस्ताव से सहमत होकर 3 अक्टूबर को एलजी साहब से मुलाकात कर बस मार्शलों के संघर्ष पर पूर्ण विराम लगाने पर सहमति बनी। बुधवार को भी हमने भाजपा और उसके एलजी सूचित किया था कि विधानसभा का प्रस्ताव एलजी कार्यालय पहुंच चुका है, जिसमें 3 अक्टूबर का समय भी निर्धारित है। लिहाजा, एलजी साहब बुधवार को (3 अक्टूबर) को हमें कितने बजे मिलने का समय दे रहे हैं। हम 2 अक्तूबर को भी समय मिलने का इंतजार किए थे। अब कहा जा रहा है आपने अलग से समय नहीं मांगा था।
दिलीप पांडे ने बताया कि बुधवार को दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पत्र के जरिए एलजी साहब से मुलाकात का समय मांगा है। सौरभ भारद्वाज ने ही पिछली विधानसभा में बस मार्शलों की बहाली की मांग का प्रस्ताव रखा था और भाजपा ने अपनी सहमति दी थी। गुरुवार को सुबह 10ः26 बजे मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी कार्यालय से पत्र व्यवहार किया। इन लोगों की तरफ से कहा गया कि आपने 3 अक्टूबर का समय तो बताया था, पर कोई निश्चित समय नहीं मांगा। यह बहुत दुखद है कि एक तरफ बस मार्शल परेशान हैं और दूसरी ओर भाजपा के लोग उन्हें भटकाते हैं, हर बार कोई कमी निकालकर उन्हें वापस भेज देते हैं।
दिलीप पांडे ने कहा कि हम भाजपा और एलजी साहब से एक बार फिर कहना चाहते हैं कि दस हजार लोग सिर्फ एक आंकड़ा नहीं हैं, बल्कि इन हजारों मार्शलों के पीछे उनका पूरा परिवार खड़ा है। इन परिवारों में मां, बहनें और बच्चे हैं। भाजपा से हम हाथ जोड़कर विनती करते हैं कि वे वादा खिलाफी न करें और यू-टर्न न लें। जिस बात पर सहमति बनी थी, उससे पीछे न हटे। एलजी साहब मिलने समय दें। जहां भाजपा भी आ जाए और जिस कागज पर हमसे हस्ताक्षर कराना है, वह भी करा ले। हम चाहते हैं कि दिवाली से पहले बस मार्शलों और उनके परिवारों को यह तोहफा मिले, ताकि वे भी खुशी-खुशी अपने घरों में दीप जलाकर त्योहार मना सकें। मैं बहुत दुखी मन से कह रहा हूं कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो भाजपा को इन परिवारों की बद्दुआ लगेगी।
इस दौरान संजीव झा ने कहा कि भाजपा की झूठ की राजनीति एक बार फिर बेनकाब हो गई है। एक साल से ज्यादा समय हो गया है और बस मार्शल अब तक अपनी जायज़ मांगों को लेकर सड़क पर बैठे हैं। पहले भाजपा ने एलजी के माध्यम से अधिकारियों पर दबाव डालकर उनकी तनख्वाह रोक दी और फिर उन्हें नौकरी से निकाल दिया। परिवहन मंत्री, वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री के लगातार प्रयासों के बावजूद, बस मार्शलों की नौकरी बहाल नहीं हो पाई। जब यह मुद्दा विधानसभा में उठा, तो आम आदमी पार्टी और भाजपा के विधायकों ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया कि 3 अक्टूबर को एलजी साहब के यहां बैठक होगी, जिसमें विधानसभा के सभी विधायक, मंत्री, एलजी साहब और सभी अफसर शामिल होंगे। उसी दिन बस मार्शलों की बहाली के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
संजीव झा ने कहा कि बस मार्शल गरीब परिवारों से आते हैं और उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है। कई लोगों ने तो आत्महत्या तक कर ली। भाजपा कब तक अपनी गंदी राजनीति के चलते निर्दाेषों की जान लेती रहेगी? एलजी साहब दिल्ली के मुखिया हैं और उनकी जिम्मेदारी है कि किसी के साथ अन्याय न हो। भाजपा नेताओं को झूठ फैलाने के बजाय हमारे साथ बैठकर काम करना चाहिए ताकि इन मार्शलों को उनकी नौकरी मिल सके। ये लोग मार्शलों को गुमराह करने में क्यों लगे हुए हैं? इसके बजाय, अगर उनके पास कोई सुझाव है, तो वह बताए हमें उम्मीद है कि एलजी साहब इसका संज्ञान लेंगे और मार्शलों को जल्द से जल्द नौकरी देंगे।
वहीं, कुलदीप कुमार ने कहा कि बस मार्शलों की बहाली के लिए भाजपा के सांसदों ने सिविल डिफेंस वालंटियर्स के माध्यम से जो कहा, वो हमने किया। पहले इन्होंने विधानसभा में प्रस्ताव लाने को कहा, फिर उसकी कॉपी मांगी। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए कहा। हमने यह सब किया। अब उन्होंने कहा कि हम दोबारा एक प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं और आप उस पर अपनी सहमति दें। हमने उस प्रस्ताव पर सहमति दी। इसके बाद विधानसभा में यह तय हुआ कि 3 अक्टूबर को सभी विधायकों को एलजी साहब के पास जाकर बस मार्शलों की बहाली सुनिश्चित करनी है। जहां एलजी साहब साइन करने को कहेंगे, हमारे मंत्री वहां साइन करने के लिए तैयार हैं। लेकिन तारीख तय होने के बाद से भाजपा के लोग केवल इधर-उधर की बातें कर रहे हैं और यह नहीं बता रहे हैं कि वे हमारे साथ एलजी के पास चलेंगे या नहीं। आज एलजी के पास सारी ताकत है और वह भाजपा का ही कहना मानते हैं। हम भाजपा से कहते हैं कि अगर एलजी हमें समय नहीं दे रहे, तो आप ही समय ले लीजिए। हम आपके साथ भी चलने को तैयार हैं।
कुलदीप कुमार ने कहा कि मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी साहब को पत्र लिखा है। हालांकि, जब भी विधानसभा से कोई पत्र पारित होकर एलजी के पास जाता है, उसकी बड़ी वैधता होती है। लेकिन अगर इसके बावजूद भी वह कह रहे हैं कि समय मांगना चाहिए, तो हमारे मंत्री ने समय भी मांग लिया है। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि एलजी साहब आज या कल तक हमें मिलने का समय दें और बस मार्शलों को उनकी नौकरी वापस दिलाएं। हमें उम्मीद है कि एलजी साहब जल्द ही समय देंगे और इनका प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे। भाजपा चाहे तो सारा श्रेय ले ले, लेकिन बस मार्शलों का रोजगार वापस दिलाएं।
मंत्री सौरभ भारद्वाज का एलजी को पत्र
एलजी साहब, कृपया संलग्न दिल्ली विधानसभा का संकल्प देखें, जिसे 26 सितंबर 2024 को भाजपा और ‘‘आप’’ के विधायकों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया था। यह मामला हजारों बस मार्शलों की पुनर्नियुक्ति से संबंधित है। हालांकि इस प्रस्ताव की कॉपी आपके सचिव को भी दी गई थी, लेकिन अब तक आपके कार्यालय ने विधायकों (आप और भाजपा) और दिल्ली सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक के लिए कोई समय नहीं दिया है। आज 3 अक्तूबर 2024 है और आपके कार्यालय द्वारा अभी तक किसी भी बैठक के समय की पुष्टि नहीं की गई है।
आपसे पुनः निवेदन है कि बैठक के लिए समय प्रदान किया जाए। इस संदर्भ में, 29 फरवरी 2024 को भी विधायक दिलीप पांडे द्वारा एक संकल्प पारित किया गया था, जिस पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। हजारों गरीब मार्शलों के परिवार गंभीर स्थिति में हैं। इसलिए कृपया जल्द से जल्द मिलने का समय दें।