दिल्लीवालों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर सत्ता में आई भाजपा सरकार के 100 दिन सिर्फ विफलताओं से भरा रहा है। इन 100 दिनों में भाजपा सरकार बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत सभी पक्ष में फेल रही है। चार इंजन की सरकार होने के बावजूद भाजपा ने दिल्लीवालों को कोई नई स्कीम नहीं दे पाई और न तो अपने किसी वादे को ही पूरा किया। इसके उलट आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा शुरू की जनहितकारी योजनाओं को ही बंद कर दिया। भाजपा सरकार में बिजली व्यवस्था ठप है, महिलाओं को 2500 व होली पर मुफ्त सिलेंडर नहीं मिले, निजी स्कूलों में 30-80 फीसद फीस बढ़ गई और जल संकट से त्राहि-त्राहि मची हुई है। नेता प्रतिपक्ष आतिशी, ‘‘आप’’ दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज, विधायक संजीव झा व कुलदीप कुमार ने पार्टी मुख्यालय पर संयुक्त प्रेसवार्ता कर यह बातें कहीं।
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि शुक्रवार को दिल्ली में भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे हो जाएंगे। दिल्ली की जनता ने भाजपा को जनादेश देकर इसलिए सरकार बनाई कि वह दिल्ली के लिए काम कर सके। लेकिन मात्र 100 दिन भाजपा ने दिल्लीवालों का जीवन नर्क बना दिया। दिल्ली में बेहतर काम और अपने वादे वादे पूरा करना तो छोड़िए, भाजपा ने 10 साल से चलती हुई शानदार व्यवस्था को 100 दिन के अंदर खत्म कर दिया। आज आम आदमी पार्टी भाजपा के 100 दिन की अफसलता का रिपोर्ट कार्ड जारी कर रही है। भाजपा हर पक्ष में फेल है।
आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने 15 प्रमुख मुद्दों को चिंहित किया है। जिसमें भाजपा पूरी तरह से फेल साबित हुई है। यह रिपोर्ट कार्ड दिल्ली की जनता के सामने रख रहे हैं और यह रिपोर्ट कार्ड दिल्लीवालों के घर-घर तक लेकर जाएंगे। पिछले 10 साल से अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवालों को 24 घंटे निर्बाध बिजली दी। यह केंद्र सरकार के पावर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट, आंकड़े और संसद में पेश किए गए कागजात कहते हैं कि दिल्ली में पिछले 10 साल से 24 घंटे बिजली आ रही थी, लेकिन पिछले 100 दिन में बिजली चलती व्यवस्था ठप हो गई और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में लंबे-लंबे पावर कट लगते हैं। अब दिल्ली के कहने लगने हैं कि आज गर्मी ज्यादा है, आंधी-तूफान और बिजली कड़क रही है, बिजली कट जाएगी। क्या हम 2025 में देश की राजधानी में रहते हैं? लेकिन दिल्लीवाले लंबे-लंबे पावर कट का सामना कर रहे हैं।
आतिशी ने कहा कि दिल्ली में न सिर्फ लंबे-लंबे पावर कट लग रहे हैं, बल्कि पीपीएसी के नाम पर 7-15 फीसद दाम बढ़ा दिए गए हैं। अगले महीने से दिल्लीवालों के बढ़े हुए बिजली के बिल आने शुरू हो जाएंगे। पिछले 10 साल से अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने प्राइवेट स्कूलों की फीस पर लगाम लगाई हुई थी। लेकिन जिस दिन से भाजपा की सरकार आई है, बेलगाम तरीके से 30 से 80 फीसद फीस बढ़ गई है। कहीं स्वीमिंग पूल, बस चार्ज या गतिविधियों के नाम पर चार्ज लिया जा रहा है। जो माता-पिता फीस नहीं दे पाते हैं, उनके बच्चों को बाउंसरों के माध्यम से स्कूलों से निकाला जा रहा है। दिल्ली में आज जगह-जगह त्राहि-त्राहि मची हुई है। जिन इलाकों में सालों से लगातार पानी आ रहा था, वहां पानी आना बंद हो गया है। दिल्ली की महिलाओं ने भाजपा के विधायकों के कार्यालय के बाहर मटके फोड़ने शुरू कर दिए हैं। जगह-जगह टैंकरों से पानी भरा जा रहा है।
आतिशी ने कहा कि दिल्ली में आज जगह-जगह नल से सीवर का गंदा पानी आ रहा है। दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में डॉक्टर बता रहे हैं कि लोगों में पेट की बीमारियां बहुत बड़े स्तर पर हो गया है। क्योंकि पीने के पानी में सीवर का पानी मिलकर आ रहा है। दिल्ली के इतिहास में पहली बार गर्मियों के मौसम में एक्यूआई 500 पार कर गया। कुछ दिन पहले 24 मई को दिल्ली में एक्यूआई सीवियर में चल गया। ऐसा आजतक दिल्ली के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।
आतिशी ने कहा कि भाजपा दिल्ली में चल रही जनहित की योजनाओं को लगातार बंद कर रही है। भाजपा ने मोहल्ला क्लीनिक को बंद करना शुरू कर दिया है और वहां काम करने वाले लोगों को नौकरी ने निकाल कर बेरोजगार करना शंुरू कर दिया है। दिल्ली में ‘‘आप’’ सरकार ने फरिश्ते योजना शुरू की थी। योजना के तहत सड़क दुर्घटना के पीड़ितों का सरकारी ओर प्राइवेट अस्पतालों में फ्री में इलाज हो जाता था। अब यह स्कीम भाजपा सरकार ने बंद कर दी है। प्राइवेट अस्पतालों और लैब में फ्री डाइग्नोस्टिक टेस्ट होते थे, यह भी बंद कर दिया गया है। ‘‘आप’’ की सरकार ने जनवरी 2025 में बस मार्शलो ंको पक्का करने की फाइल एलजी साहब को भेजी। लेकिन उनको पक्का नहीं किया गया। भाजपा ने 60 दिन में बस मार्शल को वापस रखने का वादा किया थां, लेकिन भाजपा ने इस वादे को भी पूरा नहीं किया।
आतिशी ने कहा कि भाजपा ने मात्र 100 दिन में 25 हजार लाचार विधवाओं की पेंशन काट दी। भाजपा ने सरकार बनने के तुरंत बाद अपने सारे दफ्तरों से बाबा साहब डॉ. अंबेडकर और भगत सिंह की फोटो हटा दी। भाजपा ने दिल्लीवालों से दो सबसे बड़ा वादा किया था। पहला, 8 मार्च दिल्ली की सब महिलाओं को 2500 रुपए उनके खाते में देना, यह वादा पूरा नहीं हुआ। दूसरा, होली-दिवाली पर मुफ्त और समान्य दिनों में 500 रुपए का सिलेंडर दें, यह पादा भी पूरा नहीं हुआू। 100 में भाजपा हर मोर्चे पर फेल है। भाजपा ने अपने वादे पूर नहीं किए और दिल्ली की चलती-चलाती बिजली-पानी, स्कूल-अस्पताल, मोहल्ला क्लीनिक की थी, उस व्यवस्था को भी भाजपा सरकार ने महज 100 दिनों में ठप कर दिया। अब दिल्लीवालों को लग रहा था कि भाजपा को वोट देकर उन्होंने गलती की।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आमतौर पर जब किसी प्रदेश में सरकार बदलती है तो जनता के मन में एक उत्सुकता होती है कि हमने सरकार बदली है। दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सरकार आई है। इसे बड़ी जीत की तरह देख सकते हैं। 27 साल बाद किसी पार्टी को दिल्ली में सरकार बनाने का मौका मिला। दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार है। हम लोग एलजी को चौथा इंजन कह कर महज मजाक उड़ा रहे थे। लेकिन अब दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता खुद कहने लगी हैं कि हमारी चार इंजन की सरकार है। यानि उपर से लेकर नीचे तक सबकुछ इनके नियंत्रण में हैं। ऐसी सरकार को तो नई-नई सुविधाओं की झड़ी लगा देनी चाहिए। लेकिन भाजपा ने दिल्लीवालों को कोई सुविधाएं नहीं दी। उलट भाजपा सरकार ने 100 दिन में 100 झूठ बोले हैं। ये लोग रोज झूठ बोलते हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार ने दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपए नहीं दिए। यह झूठ तो पूरी दिल्ली को मालूम है। अभी कुछ दिन पहले मोहल्ला क्लीनिक के कर्मचारी सीएम से मिलने का समय मांग रहे थे, लेकिन सीएम समय नहीं दे रही थीं। इसके बाद मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट सीएम के जनता दरबार में चले गए। वहां पर सीएम ने माइक पर घोषणा कर दी कि किसी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। सभी को समायोजित करेंगे। लेकिन गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट में आया है कि मोहल्ला क्लीनिकों के कर्मचारी निकाले जा रहे हैं। जैसे-जैसे मोहल्ला क्लीनिक बंद किए जा रहे हैं, उसके स्टाफ को 7 दिन की नोटिस देकर बाहर निकाला जा रहा है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा बसें खरीदी गई थी और उद्घाटन भी किया गया था। भाजपा ने उन बसों का नाम बदल कर ‘देवी’ कर दिया और चलाया जा रहा है। ये लोग झूठ बोलते हैं कि सभी प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट करा लिया। आशीष सूद ने कहा कि केजरीवाल सरकार ऑडिट नहीं करा पाई, भाजपा की सरकार ने सारे स्कूलों का ऑडिट करा लिया। अगर ऑडिट करा लिया है तो बताएं कि ऑडिट में क्या निकला है? एक भी स्कूल की फीस को वापस नहीं कराया। बुधवार को हाईकोर्ट का फैसला आया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि जब सरकार द्वारा कोई ऑर्डर ही नहीं आया है कि यह फीस गलत तरीके से बढ़ाई गई है तो कोर्ट कैसे कह दे कि बढ़ी फीस सही है या गलत है। यानि कि सीधा-सीधा गलती रेखा सरकार की है। सरकार ने अब तक एक भी स्कूल के खिलाफ ऑर्डर नहीं निकाला कि स्कूल ने गलत तरीके से फीस बढ़ा दी है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि तमाम चीजों पर भाजपा को रोज झूठ बोलने की आदत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में 250 मोहल्ला क्लीनिक किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं, उसमें बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। इसलिए इन मोहल्ला क्लीनिकों को बंद कर रहे हैं। क्या किसी को भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा गया है? कैसे भ्रष्टाचार हुआ था। कैसे विधायकों के पास पैसा जा रहा था। इस झूठ के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है। भाजपा के मंत्री जब आएंगे, सिर्फ झूठ बोलेंगे।
विधायक संजीव झा ने कहा कि 100 दिन की सरकार में यह साबित हुआ कि भाजपा मस्त है और जनता पस्त है। भाजपा ने वादा किया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा शुरू की गई सभी जन कल्याण की योजनाओं को जारी रखेगी। लेकिन चार इंजन की भाजपा सरकार ने 100 दिन में ऐसी रफ्तार पकड़ी कि सभी जनकल्याण की योजनाओं को लेकर नदारत हो गई और जनता परेशान है। 10 साल में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जितने माफिया को खत्म किया था, वह सारे माफिया फिर से जाग गए हैं। अस्पतालों में दवाइयां नहीं हैं, मोहल्ला क्लीनिक को बंद कर दिया गया है। दवा माफिया फिर से हावी हो गया है। शिक्षा माफिया हावी हो गए हैं। पैरेंट्स को प्रदर्शन करना पड़ रहा है। पैरेंट्स हाईकोर्ट जा रहे हैं। सरकार सुन नहीं रही है। 24 घंटे बिजली देने से इंवर्टर की दुकान के काम को फुर्सत मिल गई थी, अब फिर से इंवर्टर का व्यापार शुरू हो गया है। दिल्ली में हर घर में इंवर्टर खरीद कर लाए जा रहे हैं। दिल्ली की जनता भाजपा के 100 दिन के कामकाज से परेशान है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। भाजपा जो अपनी उपलब्धि बता रही है, वह भी झूठी है। दिल्ली की जनता ने जिन उम्मीदों से भाजपा को चुना था, आज उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
वहीं, विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि जैसे पूत को पांव पालने में ही दिख जाते हैं, वैसे ही भाजपा सरकार के 100 दिन के कामकाज से दिल्ली की जनता ने देख लिया है कि आने वाले 5 साल कैसे होंगे। जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनी तो जनता में अलग खुशी थी और केजरीवाल सरकार ने जनता की खुशी को दोगुना करने का काम किया। किसी भी नई सरकार को अगले 5 साल के विजन के लिए उसके 100 दिन महत्वपूर्ण होते हैं। केजरीवाल सरकार का विजन दिल्ली के लोगों को फ्री बिजली, 20 हजार लीटर पानी फ्री, अस्पतालों में फ्री इलाज, 24 घंटे बिजली, सरकारी स्कूलों में ताबड़तोड़ दौरे आदि था। स्कूलों-अस्पतालों को अच्छा बनाना, यह 100 दिन का विजन था। आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसी विजन पर 10 साल तक काम किया। भाजपा सरकार के 100 दिन के काम से स्पष्ट है कि इसका एक ही मकसद है कि कैसे दिल्ली की जनता को मिल रही सुविधाओं को छीना जाए। गरीबों की झुग्गी, झोपड़ी, रेहड़ी, पटरी पर कैसे काम कर सकें और अपने उद्योपति दोस्तों को फायदा पहुंचा सकें। भाजपा ने दिल्ली के लोगों से जो वादे किए थे, उन वादों का क्या हुआ? क्या यह वादे भी मोदी जी के वादों की तरफ जुमला साबित होंगे।

रेखा गुप्ता की भाजपा सरकार के 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड
1-लंबे-लंबे पावर कट
दिल्ली में 10 साल तक अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्लीवालों को 24 घंटे और मुफ्त बिजली दी। पावर कट सपने जैसा था। इन्वर्टर की दुकानें बंद हो गई थीं। अरविंद केजरीवाल ने बड़ी मेहनत करके बिजली व्यवस्था को ठीक किया था। दिल्ली देश का इकलौता राज्य बन गया था, जहां 24 घंटे निर्बाध बिजली आती थी। इस बात की पुष्टि केंद्र सरकार का डेटा भी करता है। 03 फरवरी 2025 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में पेश डेटा बताता है कि दिल्ली में 24 घंटे बिजली आती थी। केंद्र सरकार की कंज्यूमर सर्विसेस रेटिंग ऑफ डिस्कॉम्स की 2022, 2023, 2024 की रिपोर्ट भी दिल्ली में ऑपरेशनल रिलायबिलिटी और 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की बात करती है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियां थीं, जो 24 घंटे बिजली देती थीं।
लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद सब बदल गया। अब बिजली कटौती दिल्ली की पहचान बन गई। अब दिल्लीवालों को रोज लंबे-लंबे पावर कट से जूझना पड़ रहा है। कहीं 4 घंटे तो कहीं 14 घंटे के पावर कट लग रहे हैं। मसलन, समलखा, गौतम नगर, पोचनपुर द्वारका, हस्तसाल, लाजपत नगर-2, रजौरी गार्डन, नेब सराय, नांगलोई, पंचशील एक्सटेंशन, मालवीय नगर, नवादा, डिफेंस कॉलोनी, उत्तम नगर, एम ब्लॉक ग्रेटर कैलाश, उत्तम नगर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी ईस्ट, जनकपुरी, कुतुब विहार, नजफगढ़, नंदनगरी समेत दिल्ली के हर इलाके में रोज घंटों पावर कट लग रहे हैं। अब लोगों को मजबूरन इन्वर्टर खरीदने पड़ रहे हैं।
2-बिजली के दाम बढ़े
अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्लीवालों को 200 यूनिट बिल्कुल फ्री और 200 से 400 यूनिट बिजली आधे दाम पर दिया। “आप” की सरकार में पूरे देश में सबसे सस्ती बिजली दिल्ली में थी। इतने कम समय में ही दिल्लीवालों ने दो मॉडल देख लिए हैं। एक तरफ अरविंद केजरीवाल की सरकार थी, जो 24 घंटे, 200 यूनिट मुफ्त और सबसे सस्ती बिजली देती थी और दूसरी तरफ भाजपा की चार इंजन की सरकार है, जो दिल्लीवालों को न 24 घंटे बिजली दे पा रही है और बिजली के रेट भी बढ़ा दिए।
लंबे-लंबे पावर कट के बाद भाजपा सरकार ने दिल्लीवालों को महंगी बिजली का भी झटका दे दिया है। भाजपा सरकार ने बिजली के दरों को 7-15 फीसदी बढ़ा दिया है। इससे दिल्लीवालों के बिजली के बिलों में भारी इजाफा हो गया है। भाजपा सरकार जनता को नहीं बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है।
3-प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ी
अरविंद केजरीवाल ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। 10 सालों तक केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के किसी भी प्राइवेट स्कूल में फीस नहीं बढ़ने दी। इतना ही नहीं, केजरीवाल सरकार ने प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट कराया और पाया कि ये स्कूल मनमाने तरीके से पैरेंट्स से फीस वसूल कर मालामाल हो रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने इनकी मनमानी पर सख्त रुख अपनाया और स्कूलों से गलत तरीके से वसूली गई फीस को पैरेंट्स को वापस भी कराया।
वहीं, दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्राइवेट स्कूलों की मनमानी शुरु हो गई है। लगभग सभी प्राइवेट स्कूलों ने 30 से 80 फीसद तक अपनी फीस बढ़ा दी है। बढ़ी फीस नही देने पर बच्चों को स्कूल से बाहर निकाला जा रहा है। डीपीएस ने तो कई बच्चों के नाम तक काट दिए, बच्चों को स्कूल में घुसने से रोकने के लिए बाउंसर तक लगा दिए। बढ़ी फीस को लेकर बच्चों के अभिभावकों ने कई दिनों तक स्कूलों और शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन भी किए, लेकिन भाजपा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं की। क्योंकि प्राइवेट स्कूलों की संस्था एक्शन कमेटी ऑफ अनऐडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल के अध्यक्ष भरत अरोड़ा हैं, जो भाजपा की दिल्ली प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य हैं और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी के प्रचार में शामिल रहें।
4-पानी की सप्लाई में कमी
केजरीवाल सरकार ने 10 साल तक दिल्ली की जनता को पानी की किल्लत नहीं होने दी। जनता को 20 हजार लीटर मुफ्त पानी भी केजरीवाल सरकार में मिला।
लेकिन दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार बनने के बाद दिल्ली में पानी की किल्लत शुरु हो गई। दिल्ली के कई इलाकों में पानी नहीं आ रहा है और लोग टैंकर से पानी लेने के लिए मजबूर हैं। टैंकर पानी लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। केजरीवाल सरकार ने टैंकर माफिया की कमर तोड़ दी थी। भाजपा सरकार ने टैंकरों की संख्या बढ़ाकर टैंकर माफिया को बढ़ावा दिया है।
5- नल में आ रहा सीवर का गंदा पानी
अरविंद केजरीवाल की सरकार में दिल्लीवालों को साफ पानी मिलता था। इतना ही नहीं, केजरीवाल सरकार ने 24 घंटे नल से साफ पानी देने की क्रांति भी शुरू की। पिछले साल, अरविंद केजरीवाल ने राजेंद्र नगर विधानसभा के पांडव नगर स्थित डीडीए फ्लैट 24 घंटे नल से साफ पानी देने की शुरुआत भी कर दी।
वहीं, दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद लोगों को गंदे पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। राजेंद्र नगर विधानसभा के नरायणा गांव की महिलाओं को विरोध प्रदर्शन तक करना पड़ा। भाजपा सरकार लोगों को स्वच्छ पानी तक मुहैया नहीं करा पा रही है। पानी को लेकर लोगों में त्राहि-त्राहि मची हुई है। नलों से सीवर का पानी आ रहा है। गंदे पानी की शिकायत पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है।
6-गर्मियों में एक्यूआई पहुंचा 500 पार
दिल्ली में इस साल की गर्मियों ने एक और भयावह रिकॉर्ड बना डाला वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 के पार पहुंच गया। मई के महीने में, जब आमतौर पर गर्म हवाओं की वजह से प्रदूषण में थोड़ी राहत मिलती है, तब भी हवा इतनी ज़हरीली हो गई कि सांस लेना मुश्किल हो गया। सीपीसीबी के आंकड़े साफ दिखाते हैं कि 2022 से 2024 के बीच मई में एक्यूआई कभी 243 से ऊपर नहीं गया, लेकिन रेखा गुप्ता की भाजपा सरकार के आते ही दिल्ली का दम घुटने लगा है।
भाजपा की चार इंजन वाली सरकार केंद्र, एलजी, एमसीडी और अब मुख्यमंत्री – के बावजूद न तो कोई प्रदूषण नियंत्रण योजना जमीन पर दिखी और न ही कोई ठोस कदम उठाया गया। दिल्ली के लोग परेशान हैं बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ, बच्चों को बाहर खेलने की मनाही और रोजमर्रा की जिंदगी पर इसका सीधा असर पड़ा है।
सबसे दुखद पहलू यह है कि भाजपा की सरकार ने प्रदूषण को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री सिर्फ नारेबाजी करते रहे कि कूड़ा जलाने से प्रदूषण होता है, लेकिन जब एमसीडी भी भाजपा के पास है, तो सवाल उठता है -फिर प्रदूषण क्यों नहीं रुका? जवाब किसी के पास नहीं है। दिल्ली की जनता सवाल पूछ रही है, लेकिन सरकार चुप है। गर्मी और प्रदूषण की दोहरी मार झेलती दिल्ली आज त्राहि-त्राहि कर रही है।
7-सड़क हादसों में जान बचाने वाली फरिश्ते स्कीम बंद
रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने एक ऐसी योजना को बंद कर दिया जिसने अब तक दिल्ली में 10,000 से ज्यादा लोगों की जान बचाई थी। श्फरिश्ते दिल्ली केश् योजना 2017 में अरविंद केजरीवाल जी द्वारा शुरु की गई थी। इसका मकसद था सड़क हादसों में घायल लोगों को तुरंत और मुफ्त इलाज दिलाना, ताकि समय पर इलाज मिलने से उनकी जान बच सके। इस योजना के तहत दिल्ली के किसी भी अस्पताल चाहे वो निजी हो या सरकारी में घायल व्यक्ति का पूरा खर्च सरकार उठाती थी।
इस योजना ने न सिर्फ जानें बचाई, बल्कि समाज में यह विश्वास भी जगाया कि अगर कोई किसी घायल की मदद करेगा, तो उसे किसी प्रकार का कानूनी या आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। लोगों को श्फरिश्ताश् बनने की प्रेरणा मिली। लेकिन अब भाजपा सरकार ने इस योजना को बिना कोई ठोस कारण बताए बजट से हटा दिया है।
दिल्ली में अब अगर कोई सड़क दुर्घटना का शिकार होता है, तो मदद करने वाला भी डरता है – कहीं खर्चा न आ जाए, कहीं झंझट न हो।
8-भाजपा ने दिल्ली सरकार के दफ्तरों से बाबा साहेब और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटाई
भाजपा के सत्ता में आने के बाद सबसे पहले जिस कार्य ने पूरे दिल्लीवासियों का दिल दुखाया, वह था बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरों को सरकारी दफ्तरों से हटाना। अरविंद केजरीवाल ने पूरे दिल्ली सरकार के कार्यालयों में इन महान विभूतियों की तस्वीरें लगवाकर एक सशक्त सामाजिक और ऐतिहासिक संदेश दिया था – समानता, न्याय और बलिदान की भावना का।
लेकिन भाजपा की सरकार ने आते ही सबसे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय से इन तस्वीरों को हटाया। इसके बाद उनके मंत्रियों और फिर सभी सरकारी विभागों ने यही किया। यह महज तस्वीरें हटाना नहीं था, यह था एक वैचारिक हमला उस सोच पर जो दलितों, पिछड़ों और युवाओं के संघर्ष और आत्मबलिदान को सम्मान देती है।
दिल्ली की जनता, विशेषकर दलित समाज और युवाओं में इस फैसले को लेकर भारी नाराजगी है। उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे भाजपा ने उनकी पहचान और सम्मान पर चोट की है। बाबा साहेब और भगत सिंह न किसी दल के हैं, न किसी धर्म के – वे भारत माता के वो सपूत हैं जिन्होंने इस देश को एक विचार दिया।
9- मोहल्ला क्लीनिक बंद होने से लाखों लोगों की दवाई और टैस्ट बंद, स्टाफ बेरोजगार
रेखा गुप्ता की सरकार ने एक और जनविरोधी फैसला लेते हुए दिल्ली की स्वास्थ्य क्रांति – मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए। इन मोहल्ला क्लीनिकों ने वर्षों तक लाखों दिल्ली वासियों को नजदीक और मुफ्त इलाज की सुविधा दी थी।
यह केवल एक हेल्थ मॉडल नहीं, बल्कि एक विश्वास का प्रतीक था कि सरकार लोगों के गली-मोहल्लों में आकर उनकी सेहत का ख्याल रख सकती है। आज जब महंगाई अपने चरम पर है और निजी इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है, भाजपा सरकार ने लोगों से ये सुविधा छीन ली।
इससे न केवल आम जनता को नुकसान हुआ, बल्कि हजारों डॉक्टर, नर्स और हेल्थ वर्कर्स भी बेरोजगार हो गए। यह सीधा हमला है स्वास्थ्य व्यवस्था और रोजगार दोनों पर। रेखा गुप्ता सरकार ने दिखा दिया कि उनकी प्राथमिकता में जनता का स्वास्थ्य या रोजगार कहीं नहीं आता।
10- बस मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की नौकरी बहाल कर पक्का नहीं किया-युवाओं से विश्वासघात
चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे करने वाली भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही अपने ही वादों से किनारा कर लिया। उन्होंने दिल्ली के बस मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को भरोसा दिलाया था कि भाजपा सरकार बनते ही उनकी नौकरियां बहाल की जाएंगी और उन्हें पक्का किया जाएगा, लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा।
हकीकत यह है कि “आप” की सरकार ने इन युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पहले ही कदम उठा लिया था। बस मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को पक्का करने की फाइल हमने उपराज्यपाल (एलजी) के पास भेज दी थी। लेकिन अब भाजपा की सरकार न तो उस फाइल की बात कर रही है, न ही इन युवाओं को बहाल कर रही है। न कोई नीति, न कोई कार्य योजना – सिर्फ चुप्पी और धोखा।
आज जब ये युवा मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें मिलने भी नहीं दिया जाता। दिल्ली की सड़कों पर ये प्रदर्शन करते हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।
यही वे लोग हैं जिन्होंने कोरोना काल, लॉकडाउन और महिलाओं की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा दी थी। लेकिन अब इन्हें ही बेरोजगारी और अनदेखी का शिकार बना दिया गया है।
नौकरी, रोजगार और सम्मान तीनों से वंचित कर देना युवाओं के भविष्य के साथ क्रूर मज़ाक है। भाजपा की यह नीति साफ दर्शाती है कि उन्हें दिल्ली के मेहनतकश युवाओं की कोई चिंता नहीं है।
11- महिलाओं को 2,500 रुपए नहीं मिले
भाजपा और खुद मोदी जी ने चुनाव से पहले कहा था कि 8 मार्च से दिल्ली की महिलाओं के खाते में हर महीने 2,500 रुपये आने शुरु हो जाएंगे, जिसकी घोषणा पहली कैबिनेट में ही हो जाएगी। मोदी जी ने तो ये तक कहा था कि सभी महिलाएं अपने बैंक अकाउंट को मोबाइल से लिंक कर लें, ताकि पैसे आने का नोटिफिकेशन उन तक पहुंच पाए।
लेकिन पहली कैबिनेट मीटिंग भी हो गई, 8 मार्च भी बीत गया और भाजपा सरकार के 100 दिन भी पूरे हो गए लेकिन भाजपा अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई। दिल्ली की महिलाओं के खाते में एक रूपया तक नहीं आया। ऊपर से अब इस योजना में कटौती और पात्रता में कठिन शर्तें लगाने की बात चल रही है, जिससे ज्यादातर जरूरतमंद महिलाएं इस योजना का लाभ ले ही नहीं पाएंगी।
12- होली पर मुफ्त सिलेंडर नहीं मिला, सिलेंडर 500 रुपये का नहीं किया
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में दिल्लीवालों से वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनी तो होली-दिवाली पर फ्री सिलिंडर देंगे और हर दिल्लीवासी के लिए 500 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाया जाएगा। होली तो कब की बीत गई लेकिन मुफ्त सिलेंडर आज तक नहीं आया।
दूसरा, 100 दिन पूरे होने के बाद भी भाजपा सस्ता सिलेंडर नहीं दे पाई। सस्ता होना तो दूर इसी दौरान भाजपा की सरकार ने 50 रुपये सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए। मतलब झूठ बोल कर सत्ता हथियाना ही इनका मकसद था।
13- प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त ऑपरेशन और प्राइवेट लैब में फ्री टेस्ट बंद
“आप” की सरकार दिल्ली में प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त ऑपरेशन और प्राइवेट लैब में मुफ्त जांच की सुविधा जनता को देती आ रही थी। इस सुविधा से दिल्ली के हजारों गरीब परिवारों को महंगे से महंगा इलाज भी मुफ्त में मिला, जिससे हजारों लोगों की जान बच पाई।
लेकिन भाजपा ने सरकार में आते ही इस जीवनरक्षक योजना को बंद कर दिया। केजरीवाल जी अपनी सरकार में प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा दे रहे थे। जिसका सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाती थी। भाजपा ने इन 100 दिनों में इस कल्याणकारी योजना को पूरी तरह से बंद कर दिया और हजारों गरीबों को अच्छे इलाज से वंचित कर दिया।
14- 25,000 विधवा पेंशन काटी
अरविंद केजरीवाल जी दिल्ली के हर व्यक्ति का अपने परिवार की तरह ख्याल रखते आ रहे थे, विधवा बहनों का भी अपनी सगी बहनों की तरह ख्याल रखते थे। उन्होंने हजारों महिलाओं की विधवा पेंशन बनवाई ताकि वो अपना आगे का जीवन अच्छे से गुजार सकें और अपने बच्चों का पालन पोषण कर सकें।
लेकिन निर्दय रेखा गुप्ता की भाजपा सरकार विधवा बहनों को मिलने वाली ये सुविधा देख ना सकी, इसलिए 100 दिनों में भाजपा ने विधवा पेंशन पर अपना हंटर चलाया और वेरीफिकेशन के नाम पर 25,000 महिलाओं को पेंशन के लाभ से वंचित कर दिया। केजरीवाल जी की सरकार इन महिलाओं को 2,500 प्रतिमाह विधवा पेंशन दे रही थी, भाजपा ने अपने 100 दिन के कार्यकाल में ही इन 25,000 महिलाओं का अधिकार उनसे छीन लिया।
15- झुग्गियों को उजाड़, लोगों को बेघर किया
दिल्ली चुनाव से पहले भाजपा के नेताओं ने झुग्गियों में जाकर रात्रि प्रवास करने का नाटक किया और खुद मोदी जी ने झुग्गीवालों को श्जहां झुग्गी वहां मकानश् का जुमला देकर उनके वोट हथियाए।
लेकिन सत्ता में आते ही इसी भाजपा ने झुग्गियों को उजाड़ कर उन्हीं लोगों को बेघर कर दिया जिनसे इन्होंने वोट लिया, उन्हीं बच्चों के सिर से छत छीन ली जिनके साथ कैरम खेलने का ड्रामा कर रहे थे।
भाजपा 2019 से ही दिल्लीवालों को जहां झुग्गी वहां मकान देने का वादा करती आ रही है। लेकिन केंद्र में रहते हुए दिल्ली के 2.7 लाख झुग्गी वासियों को बेघर किया और अब चार इंजन की ये सरकार दिल्ली को बुल्डोजर कार्रवाई से तहस-नहस करने पर तुली है। झुग्गियां तोड़ी जा रही हैं, पुराने, एतिहासिक बाजार खत्म किए जा रहे हैं और ये क्रूर सरकार गरीबों का जीना मुश्किल करती जा रही है।